Smita Kumari Yoga Record: योग सिर्फ कसरत नहीं, आत्मा की साधना है। इस सोच को सच कर दिखाया है अदाणी समूह की योग प्रशिक्षिका स्मिता कुमारी ने, जिन्होंने दो बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर भारत का नाम रोशन किया है। दरअसल 17 फरवरी 2025 को अहमदाबाद के बेल्वेडियर क्लब में स्मिता ने भूनमनासन (उपविष्ट कोणासन) मुद्रा में 2 घंटे 33 मिनट 37 सेकंड तक बिना हिले-डुले रहकर नया रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले, 2022 में उन्होंने समकोणासन (सेंटर स्प्लिट पोज़) को 3 घंटे 10 मिनट 12 सेकंड तक बनाए रखा था, जो अपने आप में एक कठिन साधना है। Guinness World Record in Yoga, Bhunmanasana
भूनमनासन में 2 घंटे 33 मिनट 37 सेकंड, बनीं विश्व विजेता
योग को केवल शरीर की कसरत समझने वालों के लिए यह खबर एक सीख है। अदाणी समूह की योग प्रशिक्षिका स्मिता कुमारी ने योग में ऐसी गहराई पाई है, जिसे देखकर न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया ने सर झुकाया है। उन्होंने दूसरी बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर यह साबित किया है कि अगर साधना सच्ची हो, तो असंभव कुछ भी नहीं। India’s Yoga Warrior
Smita Kumari Yoga Record: 2022 में बनाया था पहला रिकॉर्ड
इससे पहले वर्ष 2022 में, उन्होंने समकोणासन (Centre Split Pose) को 3 घंटे 10 मिनट 12 सेकंड तक बनाकर पहला रिकॉर्ड स्थापित किया था। यह आसन शारीरिक लचीलापन, मानसिक एकाग्रता और अपार धैर्य की मांग करता है। कुछ मिनट तक इसे बनाए रखना भी आम लोगों के लिए कठिन होता है, लेकिन स्मिता ने तीन घंटे से ज्यादा समय तक इसे निभाकर योग की दुनिया में इतिहास रच दिया।
छह महीने की कठिन तपस्या Smita Kumari Yoga Record
इन दोनों रिकॉर्ड्स के पीछे छह महीने की कठोर साधना, संयमित जीवन शैली और मानसिक अनुशासन है। स्मिता बताती हैं, “हर दिन सुबह जल्दी उठकर अभ्यास शुरू करती थी। शरीर को थोड़ा और खींचना, सहनशक्ति को बढ़ाना और दर्द को हिम्मत से सहना – यही मेरी दिनचर्या थी।” इस पूरे सफर में उनका मार्गदर्शन अदाणी समूह के वरिष्ठ योग प्रशिक्षक सागर सोनी और कॉर्पोरेट हेल्थकेयर टीम ने किया। उन्होंने न केवल तकनीकी योग प्रशिक्षण दिया, बल्कि मानसिक दृढ़ता बनाए रखने में भी बड़ी भूमिका निभाई।
गौतम अदाणी ने किया सम्मानित
अद्भुत प्रदर्शन के बाद, अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी (Gautam Adani) ने उन्हें गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा, “स्मिता न केवल अदाणी परिवार का गौरव हैं, बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उनकी साधना बताती है कि असंभव कुछ भी नहीं।”
युवाओं के लिए प्रेरणा हैं स्मिता
स्मिता कुमारी की यह उपलब्धि सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं है, यह उस आत्मबल, साहस और तप का प्रमाण है, जिसे आज की युवा पीढ़ी अपनाकर खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से सशक्त बना सकती है। वो कहती हैं, “Yoga is not just flexibility, it’s responsibility towards your inner self.” उनके लिए योग एक अनुशासन है, एक साधना है, और जीवन जीने की कला है। स्मिता कुमारी की यह कहानी सिर्फ रिकॉर्ड तोड़ने की नहीं है, यह एक प्रेरणादायक यात्रा है। उस महिला की जिसने साधना, समर्पण और आत्मबल से अपनी सीमाएं खुद लांघीं। उन्होंने साबित कर दिया कि जब इरादा पक्का हो, तो शरीर भी आत्मा का साथ देने लगता है।