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September 27, 2025

सोनम वांगचुक का पाकिस्तान कनेक्शन? लेह पुलिस की जांच तेज

The CSR Journal Magazine
लद्दाख में हाल ही में भड़के हिंसक आंदोलन के बाद गिरफ्तार किए गए पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक पर अब पाकिस्तान से संबंध होने का आरोप लग रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिंसा भड़काने के आरोप में उन्हें हिरासत में लिया था और उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) भी लगाया गया है।

लद्दाख DGP जमवाल का बड़ा दावा

शनिवार को लेह में पत्रकार परिषद आयोजित कर लद्दाख के डीजीपी एस.डी. सिंह जमवाल ने खुलासा किया कि सोनम वांगचुक का पाकिस्तानी नागरिकों और संगठनों से संपर्क होने की आशंका है। जमवाल ने बताया कि पुलिस ने हाल ही में एक पाकिस्तानी PIO (Person Of Indian Origin) को गिरफ्तार किया है, जो सीधे तौर पर पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारी पहुंचा रहा था। यह व्यक्ति सोनम वांगचुक के संपर्क में भी था।

पाकिस्तान और बांग्लादेश दौरे पर सवाल

डीजीपी ने आगे बताया कि वांगचुक ने पाकिस्तान की यात्रा के दौरान एक कार्यक्रम (दावत) में हिस्सा लिया था। इसके अलावा वे बांग्लादेश भी गए थे। अधिकारियों के अनुसार, इन विदेश दौरों और उनसे जुड़े संपर्कों ने जांच एजेंसियों की शंका और गहरी कर दी है। जमवाल ने कहा कि सोनम वांगचुक का भड़काऊ बयान देने का पुराना इतिहास रहा है। उन्होंने कई बार अरब स्प्रिंग, नेपाल और बांग्लादेश जैसे आंदोलनों का हवाला दिया है। पुलिस का मानना है कि उनके ऐसे बयानों ने लद्दाख में आंदोलन को हिंसक बनाने में अहम भूमिका निभाई।

हिंसा में विदेशी फंडिंग, विदेशी कनेक्शन 

लद्दाख पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अब सोनम वांगचुक की विदेशी फंडिंग को लेकर भी जांच कर रही हैं। आरोप है कि विदेश से मिले पैसों में गड़बड़ी और दुरुपयोग हुआ है। लेह हिंसा में विदेशी तत्वों की संलिप्तता को लेकर भी पुलिस ने शक जताया है। डीजीपी जमवाल ने बताया कि अब तक दो लोगों को हिरासत में लिया गया है, हालांकि उनका इस पूरे घटनाक्रम से प्रत्यक्ष संबंध है या नहीं, यह जांच का विषय है। उन्होंने यह भी कहा कि लद्दाख में काम करने वाले नेपाली मजदूरों के पुराने संबंधों की भी छानबीन हो रही है।

सोनम वांगचुक ने लगाया बातचीत असफल करने का आरोप

जमवाल के अनुसार, तथाकथित पर्यावरण कार्यकर्ता माने जाने वाले सोनम वांगचुक ने जानबूझकर केंद्र सरकार और आंदोलनकारियों के बीच चल रही वार्ता को असफल करने की कोशिश की। उनके भड़काऊ बयानों की वजह से ही हिंसा भड़की और स्थिति बेकाबू हो गई। 24 सितंबर को पूर्ण राज्य की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान लेह में हुई हिंसा और पुलिस गोलीबारी में चार लोगों की मौत के कुछ घंटों बाद गृह मंत्रालय ने कहा, ‘वांगचुक के भड़काऊ बयानों से भीड़ भड़की थी’। इसमें ये भी कहा गया है कि सरकार और लद्दाख के प्रतिनिधियों के बीच चल रही बातचीत में कुछ राजनीति से प्रेरित व्यक्ति राज्य की प्रगति से खुश नहीं हैं और बातचीत की प्रक्रिया को विफल करने की कोशिश कर रहे हैं।

लद्दाख में बंद के दौरान शुरू हुई हिंसा

लद्दाख में व्यापक बंद हिंसक हो गया जब पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग रहे प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी ऑफिस में आग लगा दी और पुलिस के साथ झड़प की। लेह एपेक्स बॉडी (LAB) की युवा शाखा ने 10 सितंबर से हड़ताल पर बैठे 15 लोगों में से दो की बिगड़ती सेहत के बाद अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन और बंद का आह्वान किया था। हिंसा के बाद वांगचुक ने अपना 15 दिन का अनशन समाप्त कर दिया। एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने लद्दाख के युवाओं से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने और पांच साल से चल रहे आंदोलन को पटरी से न उतारने की अपील की। उनका उद्देश्य केंद्र को लंबे समय से लंबित मांगों पर बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

50 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया

वहीं कल हुए विरोध प्रदर्शन और हिंसक आंदोलन मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 50 लोगों को हिरासत में लिया है। इसी मामले में लेह के कांग्रेस पार्षद पर मामला दर्ज किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “हम हिंसा को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करते और इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को इसके परिणाम भुगतने होंगे।” उन्होंने आगे कहा, “हमने दंगाइयों और उन्हें भड़काने वालों की पहचान शुरू कर दी है। अब तक हमने 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।”

सोनम वांगचुक के ख़िलाफ़ CBI जांच शुरू

लद्दाख में हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के खिलाफ CBI ने जांच शुरू कर दी है। ये जांच विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के कथित उल्लंघन मामले में शुरू हुई है। इसको लेकर CBI के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय की शिकायत के बाद लगभग दो महीने पहले प्रारंभिक जांच शुरू की गई थी और यह अभी भी चल रही है। वहीं हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद पुलिस ने हिंसा मामले में कांग्रेस पार्षद समेत 50 लोगों को हिरासत में लिया है।
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