प्रयागराज उत्तर प्रदेश में सदी का सबसे बड़ा महाकुंभ चल रहा है। इंसानियत का महाकुंभ! मानवता की ऐसी मिसालें कायम हो रही हैं, जिसे प्रयागराज की पावन भूमि सदियों तक याद रखेगी। आइए जानते हैं प्रयागराज के गुमनाम फरिश्तों की अनकही अनसुनी दास्तां !
प्रयागराज महाकुंभ में धराशाई हो रही हैं जाति धर्म की सारी दीवारें
उत्तर प्रदेश प्रयागराज महाकुंभ में जाति धर्म की सभी दीवारें धराशाई हो रही हैं। देश की गंगा जमुनी तहजीब की बेहतरीन मिसालें कायम हो रही हैं, वैश्विक स्तर पर देश की धर्मनिरपेक्षता की छवि आईने की तरह साफ हो रही है। मौनी अमावस्या के शाही स्नान के मौके पर महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद जिस तरह प्रयागराज के मुस्लिम भाइयों ने परेशान श्रद्धालुओं की मदद के लिए अपने दिलों, घरों, और मस्जिदों तक के दरवाजे खोले, मेला क्षेत्र से प्रतिबंधित होने के बावज़ूद मुसीबतज़दा लोगों के लिए भोजन, पानी और छत की व्यवस्था की, वह काबिले तारीफ होने के साथ इस बात का सबूत भी है कि हिन्दू-मुस्लिम हमेशा से ही अखंड भारत का हिस्सा थे और हमेशा रहेंगे। आइए जानते हैं उन लोगों की कहानी, जो अब तक अनसुनी रह गई है।
प्रयागराज में अजनबियों की दिन रात सेवा में लगे लोग
प्रयागराज महाकुंभ में लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं का दिन-रात आना जाना लगा हुआ है। लोग संगम में स्नान कर पुण्य पा रहे हैं। लेकिन ऐसे भी लोग हैं जो बिना संगम में डुबकी लगाए कई गुना ज्यादा पुण्य के भागी बन रहे हैं।कई स्थानीय निवासियों ने अपने घरों को मुफ़्त रैन बसेरा बना दिया है जहां श्रद्धालु रात बिता सकते हैं। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की छात्राएं तीर्थयात्रियों को पानी पिलाती नज़र आ रही हैं। कुछ लोग बुज़ुर्ग और बीमार यात्रियों को मुफ़्त बाइक सेवा दे रहे हैं संगम तक जाने के लिए। कई युवा स्वेच्छा से भटके हुए लोगों को राह दिखा रहे हैं। महिलाओं को सुरक्षित वाहन सुविधाएं देते लोग हर कदम पर नज़र आ जाएंगे।कहीं पर बच्चों को सुरक्षित आगे ले जाने में मदद करते लोग है, तो कहीं सामान रखने के लिए मुफ़्त थैलियां बांटते लोग ! जगह जगह हिन्दू और मुस्लिम भाई मिलकर मुफ़्त भंडार चला रहे हैं,ताकि उनके शहर से कोई भूखा न जाए। ये भारत है! ये आस्था, विश्वास, प्रेम और एकता का महाकुंभ है। जी हां, ये महाकुंभ है!