महाराष्ट्र गृहनिर्माण एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण यानी म्हाडा ने मुंबई के नागरिकों की आवास और पुनर्विकास से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के लिए एक पहल की शुरुआत की है। इस पहल के माध्यम से MHADA ने जनवरी 2024 में अपनी शुरुआत के बाद से अब तक 50 से अधिक लंबित शिकायतों का सफल समाधान किया है। लोकशाही दिन के तहत नागरिकों को सीधे MHADA के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने अपनी समस्याएं रखने का अवसर मिलता है। यह Lokshahi Din के मौके पर नागरिकों की अपनी बात सुनने और सालों से लंबित मामलों का त्वरित समाधान प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है। MHADA के उपाध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी आईएएस संजीव जायसवाल के नेतृत्व में यह कार्यक्रम पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक केंद्रित का बेहतरीन उदाहरण है।
समस्या से तुरंत निदान का पर्याय है म्हाडा का लोकशाही दिन, अगला 13 जनवरी को
MHADA के लोकशाही दिन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नागरिकों की शिकायतें सही तरीके से सुनी जाएं और उनका समाधान पारदर्शी और त्वरित हो। म्हाडा अब अगला समाधान दिन 13 जनवरी को करने वाली है। इस पहल में आवास, पुनर्विकास और किरायेदारी से जुड़े जटिल और पुरानी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाता है। लोकशाही दिन में भाग लेने के लिए नागरिकों को MHADA की वेबसाइट से निर्धारित प्रारूप डाउनलोड करना होता है। इस प्रारूप में अपनी शिकायत दर्ज करने के साथ-साथ आवश्यक दस्तावेजों की प्रतियां लगानी होती हैं। आवेदन सत्र से कम से कम 14 दिन पहले MHADA के कार्यालय में जमा करना अनिवार्य है। शिकायतों को ध्यान में रखते हुए कुछ प्राथमिक नियम बनाए गए हैं, यानी केवल व्यक्तिगत शिकायतें ही स्वीकार की जाएंगी। कोर्ट में विचाराधीन मामले, दोहराई गई शिकायतें और असंबंधित मुद्दों पर विचार नहीं किया जाएगा।
अब तक 50 लंबित मामलों का तुरंत हुआ समाधान जो थे 30 साल से पेंडिंग
लोकशाही दिन ने अब तक 50 से अधिक शिकायतों का समाधान किया है, जिनमें 35 आवासीय विवाद, 12 पुनर्विकास के मामले, और 6 किरायेदारी से संबंधित समस्याएं शामिल हैं। इनमें से कई मामलों को हल करने में दशकों लग गए थे। अंधेरी स्थित एक फ्लैट के स्वामित्व को लेकर 35 साल से लंबित विवाद का समाधान लोकशाही दिन के माध्यम से किया गया। इस मामले में दस्तावेजों की गहन समीक्षा की गई और स्वामित्व अधिकार संबंधित व्यक्ति को सौंपा गया। MHADA के तहत कई पुनर्विकास परियोजनाएं वर्षों से लंबित थीं। लोकशाही दिन ने 12 ऐसे मामलों का समाधान किया है, जहां पुनर्विकास परियोजनाओं में रहने वाले लोगों को उनके फ्लैट का समय पर आवंटन नहीं हो रहा था। एक प्रमुख मामले में, एक पुराने पुनर्विकास परियोजना के तहत विलंबित फ्लैट आवंटन को सही किया गया और निवासियों को उनके अधिकारपूर्ण घर दिए गए।
संजीव जायसवाल के नेतृत्व में तीस साल पुराने लंबित मामले का हुआ समाधान
वर्ली के एक ट्रांजिट कैंप में रहने वाले किरायेदार को लंबे समय से अनुचित किराया चुकाना पड़ रहा था। MHADA ने इस मामले की जांच की और अत्यधिक वसूले जा रहे किराए को कम किया। यह सुधार उस व्यक्ति के लिए आर्थिक राहत का बड़ा स्रोत साबित हुआ। लोकशाही दिन के तहत कई मामले ऐसे थे जो दशकों से लंबित थे। इनमें से कुछ मामलों में तीन दशक से अधिक समय से फंसे स्वामित्व विवाद शामिल थे। कई मामलों में, दस्तावेजी कमी या प्राधिकरणों के बीच तालमेल की कमी की वजह से नागरिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ा था। MHADA ने इन मामलों को गंभीरता से लिया और संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि वे मामलों की जांच करें और त्वरित समाधान प्रस्तुत करें। इसके परिणामस्वरूप, कई पुराने मामलों का समाधान संभव हो पाया। लोकशाही दिन न केवल शिकायतों को हल करने का एक मंच है, बल्कि यह नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने का भी साधन है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि नागरिकों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए महीनों या वर्षों तक इंतजार नहीं करना पड़ता।
Affordable Housing के सपने को पूरा करती है म्हाडा
महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) Maharashtra की एक प्रमुख संस्था है, जो आम जनता के लिए किफायती और सुलभ आवास प्रदान करने के उद्देश्य से कार्य करती है। MHADA ने समाज के विभिन्न वर्गों, विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिए आवास योजनाएं बनाती है। म्हाडा के माध्यम से विकसित की जाने वाली आवास योजनाओं में पारदर्शी लॉटरी प्रक्रिया के जरिए घर आवंटित किए जाते हैं। यह प्रक्रिया लोगों के बीच विश्वास और निष्पक्षता सुनिश्चित करती है। म्हाडा की योजनाएं न केवल बड़े शहरों जैसे मुंबई और पुणे में, बल्कि छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी सस्ती और गुणवत्तापूर्ण आवास उपलब्ध कराती हैं। म्हाडा का उद्देश्य हर व्यक्ति के “अपने घर” के सपने को साकार करना है और इसे पूरा करने के लिए यह संस्थान लगातार काम कर रही है।