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टीका उत्सव मनाएं, टीकाकरण कराएं, कोरोना भगाएं  

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देश भर के एक बार फिर से कोरोना के केसेस बढ़ रहे है। कोरोना की ये दूसरी लहर, पहली लहर से ज्यादा घातक है, ज्यादा खतरनाक है। कोरोना ने साल 2020 में जब दस्तक दी थी तो संपूर्ण लॉक डाउन लग गया था। लेकिन इस बार भले मामले ज्यादा हो लेकिन हम लॉक डाउन के विकल्प को नहीं चुन सकते क्योंकि हमें कोरोना से बचने के साथ साथ आर्थिक तौर पर भी मजबूत होना है। कोरोना को मात देने के लिए हमारे पास कुछ ही हथियार है, हमेशा मास्क पहनना है, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है और सबसे महत्वपूर्ण कोरोना का टीका लगवाना है।

टीका नहीं लगवाने और लापरवाही की वजह से कोरोना ने तोड़े सारे रिकॉर्ड

देशभर में कोरोना का खौफनाक मंजर फैला हुआ है। कोरोना ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए पूरे देश में तबाही मचा रखी है। पूरे देश भर से कोरोना के डरावने आकड़े आ रहे है। गुरुवार को 1 लाख 26 हजार से ज्यादा केसेस आये। इसी के चलते देश के कुछ शहरों में टोटल लॉकडाउन तो ज्यादातर जगह नाइट कर्फ्यू लगाया जा चुका है। जानकारों की मानें तो कोरोना के मामले इसलिए बढ़ रहे है क्योंकि लोगों ने कोरोना को लेकर ढिलाई बरतनी शुरू कर दी थी। यहां तक कि लापरवाही ऐसे होने लगी थी कि मानो कोरोना खत्म सा हो गया था।

अपनी बारी आने के बाद जरूर लगवाएं टीका (Vaccination in India)

पहली लहर के दौरान हर कोई यही सवाल पूछ रहा था कि कोरोना का टीका कब तक इजात होगा, कब तक कोरोना का टीका आ पायेगा। लेकिन जब कोरोना का टीका आया तो लापरवाही ऐसे होने लगी कि लोगों से अपील करनी पड़ी कि कोरोना का टीका लगवाएं। आम जनमानस तो ठीक, फ्रंट लाइन वर्कर्स भी टीका लेने से हिचकिचाने लगे। टीके को लेकर राजनीति होने लगी, विपक्ष टीके को बीजेपी का टीका कहने लगे, राजनीति और अफवाह टीके पर इस कदर भारी पड़ी कि लोगों में टिका लगवाने को लेकर भ्रम की स्तिथि पैदा हो गयी। और फिर आज नतीजा क्या है सब जानते है कि एक दिन में लाख लाख केस से ज्यादा हो रहे है।

11 से 14 अप्रैल तक देश भर में मनाया जायेगा टीका उत्सव

टीके को लेकर जागरूकता नहीं होने की वजह से केंद्र सरकार द्वारा दिए गए टीके बिना इस्तेमाल के बेकार हो गए। सही तरीके से टीके का इस्तेमाल हो इसलिए पूरे देश में 11 अप्रैल ज्योतिबा फुले के जन्मदिवस से लेकर 14 अप्रैल, बाबा साहब आंबेडकर के जन्मदिन तक देश में ‘टीका उत्सव’ मनाया जायेगा, जिसकी घोषणा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। पीएम ने इस टीका उत्सव के दौरान सभी लोगों के शत-प्रतिशत टीकाकरण कराने की बात कही। उन्होंने टीका उत्सव को लेकर देश के युवाओं से भी आह्वान किया कि वो लोग आगे आएं और वैक्सीनेशन के बारे में जागरूकता फैलाएं।

आपके द्वारा टीका नहीं लगवाने से वेस्ट हो रहा है वैक्सीन (Corona Vaccination) का डोज

कोरोना को मात देने के लिए भारत उन देशों की लिस्ट में शुमार है जहां कोरोना की लड़ाई में हम सबसे पहले वैक्सीन का इजात किये और आम जनता को वैक्सीन लगना भी शुरू हो गया। लेकिन अफ़सोस की बात ये है कि भारत में वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा मौजूद तो है लेकिन उसे लेने के लिए लोग सामने नहीं आ रहे है लिहाजा वैक्सीन की डोस खराब हो जा रही है।

भारत में वैक्सीन – किसे कितनी मिली, कितनी बची

देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच वैक्सीनेशन को लेकर विवाद जारी है। कई राज्यों में वैक्सीन की कमी की बात सामने आई है, लेकिन केंद्र सरकार वैक्सीन की कमी से इनकार कर रही है। पिछले कुछ दिनों में वैक्सीन की कमी के मुद्दे पर राज्य और केंद्र के बीच बहस हो चुकी है। हालांकि आंकड़े बताते हैं कि कुछ राज्यों पर वैक्सीन डोज की कमी का खतरा मंडरा रहा है लेकिन केंद्र सरकार का दावा है कि स्टॉक को जल्द पूरा कर लिया जायेगा।

महाराष्ट्र को मिली सबसे ज्यादा वैक्सीन (Vaccination in Maharashtra)

केंद्र सरकार द्वारा आकड़ों के अनुसार वैक्सीन पाने वालों की लिस्ट में महाराष्ट्र सबसे ऊपर है। उसे 1 करोड़, 6 लाख, 19 हजार, 190 जबकि सबसे कम चंडीगढ़ को 1 लाख, 80 हजार, 930 डोज मिली है। जहां तक बात बचे भंडार की है तो आंध्र प्रदेश के पास मात्र एक दिन से थोड़े ज्यादा का भंडार बचा है। हालांकि, उसे अगले 14 दिनों की खपत औसत से वैक्सीन की डिलीवरी होने वाली है। आंकड़े बताते हैं कि महाराष्ट्र के पास 3 दिनों से कुछ ज्यादा के वैक्सीन भंडार हैं जबकि इतनी वैक्सीन की डिलीवरी होने वाली है जिससे उसे अगले 9 दिनों तक का भंडार जमा हो जाएगा।
कोरोना से जंग जीतने के लिए वैक्सीनेशन का काम बहुत तेजी से चल रहा है। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय से मिले डेटा के अनुसार देश में जिस स्पीड से वैक्सीनेशन हो रहा है उसके मुताबिक सिर्फ 5.5 दिनों के लिए वैक्सीन बची है। एक और हफ्ते की अतिरिक्त सप्लाई के लिए वैक्सीन पाइपलाइन में हैं। आंध्र प्रदेश और बिहार की बात करें तो यहां का मौजूदा वैक्सीन स्टॉक दो दिन से भी कम है। वहीं, ओडिशा जैसे राज्यों के पास बड़ी मुश्किल से 4 दिनों का स्टॉक है। पूरे देश की बात करें तो अप्रैल में रोजाना वैक्सीनेशन की दर करीब 3.6 मिलियन डोज प्रतिदिन की रही है।

देश में अब तक कुल 9,43,34,262 लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई गई है।

देश में अब तक कुल 9,43,34,262 लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई गई है। लेकिन इन आकड़ों में आपका नाम अगर नहीं है तो आज ही टीका लगवाने के लिए अपने आप को रजिस्टर्ड करवाएं। टीका लगवाएं और कोरोना से मुक्ति पाएं।

टीकाकरण होने से कोरोना का खतरा बेहद कम

कोरोना के बढ़ते मामलों के देखने के बाद जिस तरह की वैक्सीन लगवाने की होड़ सेंटरों पर देखी जा रही है ऐसा लग रहा है कि अब कोरोना के वैक्सीन को लेकर भ्रांतियां खत्म हो चुकी है। यहां बताना बेहद जरुरी है कि कोरोना के टीके के बाद ऐसा नहीं है कि आप बिलकुल कोरोना से सेफ हो गए। आपको वैसे ही कोरोना से बचने के लिए मास्क पहनना है, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है। जब तक दोनों डोस नहीं आप ले लेते है तब तक आप कोरोना से सुरक्षित नहीं है। कोरोना का टीका लगवाने के बाद कोरोना का ख़तरा बेहद कम हो जाता है।

दूसरे देशों को होती रहेगी वैक्सीन की सप्लाई, अपने देश में भी है पर्याप्त मात्रा

देश में जितनी तेजी से कोरोना संक्रमण का प्रसार हो रहा है, उतनी ही तेजी से कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की मांग भी बढ़ने लगी है। वही दूसरी तरफ अन्य देशों को वैक्सीन की सप्लाई की जा रही है। इसको लेकर विपक्ष लगातार केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमले कर रहा है। यहां हम बता दें कि इस मामले पर अब कोवैक्स (COVAX) ग्लोबल वैक्सीन फैसिलिटी ने कहा कि भारत का सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) कोरोना वैक्सीन को अन्य देशों को सप्लाई करने के लिए बाध्य है।

हर दिन 20 लाख खुराक का उत्पादन हो रहा है, मित्र देशों को अभी तक कोविड-19 रोधी टीके की 6.44 करोड़ डोज उपलब्ध कराई हैं

सीरम इंस्टिट्यूट की माने तो कंपनी प्रति दिन 20 लाख खुराक का उत्पादन कर रही है। सीरम ने अकेले भारत में 10 करोड़ से अधिक खुराक दी हैं और अन्य देशों को लगभग छह करोड़ खुराक का निर्यात किया है। कोवैक्स की को-लेड गावी (Global Alliance for Vaccines and Immunisation) ने जानकारी दी कि एक ऐसा समझौता है, जिसमें प्रावधान है कि भारत विकासशील देशों को वैक्सीन की सप्लाई करने से इनकार नहीं कर सकता है। गावी के साथ हुए इस समझौते के चलते सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया वैक्सीन की सप्लाई करने के लिए बाध्य है। गावी एक गठबंधन है, जो विकासशील और गरीब देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराने का काम करता है। मित्र देशों को अभी तक कोविड-19 रोधी टीके की 6.44 करोड़ डोज उपलब्ध कराई हैं।

आप द्वारा टीकाकरण नहीं करवाने से खराब हो रही कोविड वैक्सीन, ऐसे में ज्यादा से ज्यादा लोग टीका लगवाएं

सरकार और The CSR Journal लगातार जनता से अपील कर रहा है कि जो भी टीका लगवाने के लिए पात्र है वो जरूर टीकाकरण करवाए। टीकाकरण से कोरोना का प्रसार नहीं होगा और वैक्‍सीन खराब भी नहीं होगी। टीका खराब होने का कारण ये है कि हम वैक्सीन नहीं लगवा रहे है। वैक्सीन खराब होने का कारण हम ही लोग है।  दरअसल कोवैक्‍सीन के एक वॉयल में 20 डोज होती हैं वहीं कोविशील्‍ड के वॉयल में 10 डोज होती हैं। ऐसे में वैक्‍सीनेशन सेंटर पर दो-चार भी आदमी जाते हैं तो पूरा वॉयल खोलना पड़ता है और बाकी बची वैक्सीन बिना लगाए खराब हो जाती हैं। चूंकि एक बार वॉयल खुलने के बाद इन्‍हें वापस उसी तरह रखना संभव नहीं है। ऐसे में ये बची हुई डोज फेंकनी ही पड़ती हैं। ऐसे में लोगों को वैक्‍सीन के लिए जागरूक करने की भारी जरूरत है ताकि ज्‍यादा से ज्‍यादा संख्‍या में लोग वैक्‍सीन लगवाने के लिए पहुंचें।