उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य जहां बुलडोजर की चर्चा होती है। एक ऐसा राज्य जहां मंदिर-मस्जिद की चर्चा होती है। जहां कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किये जा रहे है। लेकिन Constructive Politics की चर्चा नहीं हो रही है। यहां महिला सशक्तिकरण की बात नहीं हो रही है। बाल कल्याण और अधिकार की बात नहीं हो रही है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (100 Days of Yogi Adityanath Government) के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में The CSR Journal ने विशेष बातचीत की उत्तर प्रदेश की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री बेबी रानी मौर्य (Baby Rani Maurya) से
महिला एवं बाल कल्याण विभाग द्वारा निराश्रित महिला पेंशन योजना, कन्या सुमंगला योजना, उज्जवला योजना जैसे कुल 17 योजनाएं चलायी जा रही है, क्या कहेंगी इन सरकारी योजनाओं के बारे में और इनके इम्प्लीमेंटेशन के बारे में?
उत्तर प्रदेश में महिलाओं के लिए हमारे मुख्यमंत्री योगी जी और प्रधानमंत्री मोदी जी ने लगभग 17 योजनाएं चलाई हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है मिशन शक्ति, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, महिलाओं को आर्थिक रूप से हम कैसे सशक्त करें, उनकी हेल्थ कैसे ठीक रहे, हमारे बच्चे कैसे शिक्षित हो, उनकी सुरक्षा कैसे हो, ऐसी अनेक योजनाएं राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कई विभाग मिलकर काम करते है। इसमें सबसे प्रमुख है महिला व बाल कल्याण विभाग। नारी शक्ति मिशन, सुकन्या सुमंगला योजना, विधवा पेंशन योजना, वृद्धा पेंशन योजना, जैसे तमाम महत्वपूर्ण योजनाएं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार चला रही है। कोरोना की वजह से जिनके माता-पिता चले गए, बेटा हो या बेटी हो, हम उनकी चिंता कर रहे हैं, उनको हम ₹4000 महीने दे रहे हैं और बेटी अगर पढ़ना चाहती हैं तो उनके लिए भी हमने कन्या सुमंगला योजना चला रहे है इसके अंतर्गत 1 लाख 10 हज़ार शिक्षा के लिए दे रहे हैं ताकि वह आगे की पढ़ाई कर सकें। ऐसी बहुत सारी योजनाएं हैं जो महिला कल्याण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार चला रही है।
महिलाओं की सेहत सुरक्षा और शिक्षा यह बहुत महत्वपूर्ण विषय है, अगर यह तीनों हासिल कर लिया जाता है, तो एक राज्य समृद्ध हो जाता है। आपका क्या रोडमैप है महिलाओं की सेहत, सुरक्षा और शिक्षा को लेकर?
देखिए, महिलाओं की सेहत तो ठीक होनी ही चाहिए। स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से हमारे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर, बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर बड़े चिंतित रहते हैं। वह हर हॉस्पिटल में जा रहे हैं। महिलाओं को दवाइयां मिल रही हैं या नहीं, महिलाओं के लिए डॉक्टर वहां उपलब्ध है कि नहीं, इसके अलावा हम ग्राम पंचायत तक जाकर स्वास्थ्य शिबिर भी लगवा रहे हैं। जो महिलाएं गांव से निकलकर हॉस्पिटल तक नहीं आ पाती उनकी हेल्थ का चेकअप गांव में ही हो जा रहा है। इसके अलावा जो आप शिक्षा की बात कर रहे हैं, प्रौढ़ शिक्षा पर भी लगातार काफी जोर दिया जा रहा है और मेरा मानना है कि जो महिला आज भी शिक्षित होना चाहती है, तो उसे पढ़ना चाहिए। खासकर जो मोदी जी का नारा है, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अपनी बेटी को वह पढ़ाये, उसको शिक्षित करें जिससे कि राज्य की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो। इसी प्रकार अपने सुरक्षा की बात कही है, तो हमारे मुख्यमंत्री जी ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर महिला हेल्पलाइन बनाई है। हर पुलिस थाने में हेल्प डेस्क बनाया गया है, जहां पर महिला अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है। इसके अलावा हमने एंटी रोमियो स्क्वाड भी बनाया है। जो अस्पतालों के बाहर, स्कूलों के बाहर, कॉलेजों के बाहर और सार्वजनिक स्थानों पर जाकर निगरानी करती है। इन स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए हमेशा पुलिस फोर्स तैनात रहती है।
अभी आपने 17 योजनाओं की लिस्ट गिनवाई है, लेकिन जब इंप्लीमेंटेशन की बात होती है तो कहीं ना कहीं हकीकत कुछ और फसाना कुछ और निकलता है। अभी हाल ही में आप पूर्वांचल के दौरे पर थी, जहां पर एक महिला ने खुद आरोप लगाया कि हमें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। तो क्या क्रियान्वयन में कहीं कमी रह जाती है?
नहीं ऐसा नहीं है। योजनाओं का लाभ लाने के लिए आपको उसके लिए एलिजिबल होना चाहिए। आरोप लगाने वाली महिला ने या तो ऑनलाइन नहीं किया नहीं हो या फिर वह पात्र नहीं होगी। संत कबीर नगर, खलीलाबाद की 90 फ़ीसदी महिलाएं मोदी जी को धन्यवाद दे रही थी कि हमें गैस चूल्हा मिला है, आवास मिला है, राशन मिल रहा है और जो बड़ी बुजुर्ग महिलाएं हैं उन्हें पेंशन भी मिल रहा है। उस महिला ने जो भी कहा है उसका नाम हम लोग लिखवा कर आए हैं और हमने अधिकारियों को निर्देश भी दिया है कि अगर यह महिला पात्र है तो सरकारी सुविधाओं का लाभ उन्हें मिलना ही चाहिए।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने हाल ही में राज्यसभा में बयान दिया था कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे हैं। यानी कि लगभग 4 लाख बच्चे अकेले उत्तर प्रदेश में कुपोषित हैं। कुपोषण के खात्मे को लेकर आप लोग क्या कर रहे हैं?
कुपोषण को खत्म करने के लिए हम बहुत सारी योजनाएं चला रहे हैं। हमारी आशा वर्कर गांव-गांव जाकर भ्रमण करती हैं। अगर कोई बच्चा कुपोषित पाया जाता है तो उनको हम ट्रीट करते हैं। हम उन्हें अस्पताल में 15 दिन तक भर्ती करके उनका इलाज करते हैं। चाइल्ड स्पेशलिस्ट की निगरानी में कुपोषित बच्चों का देखभाल होता है। 15 दिन बाद जब बच्चा ठीक होने लगता है तब हम उसको घर पर भेजते हैं। इसी तरह से हमारे 75 जिलों में जहां-जहां कुपोषित बच्चे पाए जाते हैं वहां कई तरह के योजनाएं चलाई जा रही हैं। जीरो से 3 साल के बच्चे और 3 से 6 साल के बच्चे को हम पौष्टिक आहार देते हैं, पुष्टाहार देते हैं। चावल,दाल,गेहूं,तेल, दलिया आंगनवाड़ी के माध्यम से इन बच्चों को ये सब दिया जाता है ताकि हमारा बच्चा स्वस्थ रहें। बच्चा स्वस्थ रहेगा तो पढ़े-लिखेगा, पढ़ेगा लिखेगा तो देश का भविष्य भी बनेगा। आपने रोड मैप की बात की है तो मैं आपको बताना चाहूंगी कि नारी शक्ति मिशन योजना के अंतर्गत हमारी महिलाएं कैसे सशक्त हो वह आर्थिक रूप से कैसे सशक्त हो उसके लिए हम मार्केट की व्यवस्था कर रहे हैं। जिससे वह जो भी कुछ सामान बना रही है वह मार्केट में अच्छे दामों में बेच सके। सरस मीलों के माध्यम से, हुनर हाट के माध्यम से हम महिलाओं को सशक्त कर रहे हैं। उन्हें हम मार्केट दे रहे हैं। हमारा ध्येय है कि महिलाओं के अंदर जो भी हुनर है वह बाहर आए। हुनर के जरिए वह आर्थिक रूप से सशक्त होगी। उसकी आमदनी बढ़ेगी तो वह न सिर्फ खुद मजबूत होगी बल्कि पूरे परिवार को मजबूत करेगी।
मेरे पास कुछ आंकड़े खासकर महिला सुरक्षा को लेकर, साल 2021 में महिलाओं के खिलाफ जो अपराध हुए हैं उसमें 46 फ़ीसदी का इज़ाफ़ा हुआ है। वह भी सिर्फ अकेले उत्तर प्रदेश में। यह एनसीआरबी का आंकड़ा है। इस पर आप क्या कहेंगी?
यह आप का आंकड़ा हो सकता है लेकिन जिस तरह से मैंने आपको बताया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए हर थाने में महिला हेल्पलाइन बनाई गयी है। महिला डेस्क बनाया है। जहां पर महिलाओं की सुनवाई हो रही है और जैसे ही महिलाओं के खिलाफ अपराध की जानकारी मिलती है किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जा रहा है। लगातार अपराधियों की धरपकड़ चल रही है और आप देख रहे हैं कि जिस तरह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने पूरे पुलिस महकमे को और थाने को निर्देश दिया है कि महिला की सुरक्षा की गारंटी होनी चाहिए। मैं यह दावे के साथ कह सकती हूं कि अब महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी है। और यह आंकड़े भी अब कम होंगे।
चलिए विश्वास हम भी यही कर रहे हैं कि यह आंकड़े कम हों, लेकिन दूसरी तरफ बच्चों को लेकर भी ये आंकड़ा है कि साल 2020 में उत्तर प्रदेश के बाल अपराध में 23 फ़ीसदी का इजाफा हुआ है। हाल ही में हमने एंटी चाइल्ड लेबर डे मनाया। इसमें यह भी एक आंकड़ा सामने आया है कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सबसे ज्यादा चाइल्ड लेबर है और बहुत कम पैसे वह कमाते हैं। दिन भर की उनकी आमदनी महज ₹35 है। इसको लेकर आप लोग कहीं रोक लगा पा रहे हैं?
बिल्कुल रोक लग रही है। हमें अगर कहीं भी बच्चा काम करते वक्त दिख जाता है, तो वो चाहे फैक्ट्री हो या ढाबा, तुरंत कार्रवाई होती है। चाहे वह चाय की दुकान हो या कोई और जगह, कहीं भी बच्चे से काम लिया जा रहा है तो उसके खिलाफ हम कार्रवाई करते हैं। उस बच्चे को वहां से रेस्क्यू कर उनके माता-पिता को सौंपा जाता है। अगर वह गरीब है उसकी शिक्षा की व्यवस्था की जाती है। उसके स्वास्थ्य व्यवस्था किया जाता है, अगर उसका कोई नहीं है तो हम उसको अनाथालय भेजकर सही ढंग से उसका पालन पोषण किया जाता है।
सीएसआर (CSR in Uttar Pradesh) एक ऐसा माध्यम है जिसका इस्तेमाल कर कॉरपोरेट कंपनियां इन्वेस्टमेंट करके समाज में सकारात्मक बदलाव लेकर आ रही है। अगर हम आपके विभाग की बात करें तो महिला व बाल कल्याण विभाग किस तरह से सीएसआर का इस्तेमाल कर रहा है?
वुमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट सीएसआर और कॉरपोरेट को एक प्लेटफार्म दे रहा है कि आप आए और उत्तर प्रदेश राज्य में निवेश करें। ताकि उत्तर प्रदेश के विकास में और भी इजाफा हो। अभी आपने देखा कि कितने बड़े पैमाने पर उत्तर प्रदेश में बिजनेस समिट हुआ है। ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन किया गया, जहां पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी शिरकत किये। हम तो पूरे देश भर के कॉरपोरेट हाउसेस, उद्योगपतियों को उत्तर प्रदेश में आने के लिए न्योता दे रहे हैं। हम उनको उत्तर प्रदेश में बुला रहे हैं। वह आए उत्तर प्रदेश में निवेश करें। उत्तर प्रदेश में बहुत संभावनाएं हैं। हर एक क्षेत्र में संभावनाएं हैं। वह आए और अपने व्यापार को बढ़ाएं और जिस तरह से अपने सीएसआर फंड का जिक्र किया तो अभी तक मेरे संज्ञान में नहीं है कि हमारे डिपार्टमेंट में कोई सीएसआर फंड आया हो। हमारा डिपार्टमेंट सीएसआर फंड का इस्तेमाल नहीं कर रहा है, मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि सीएसआर फंड से हमें कोई सहयोग मिल रहा हो। अगर कोई उद्योगपति बच्चों के लिए, महिलाओं के लिए, बालिकाओं के लिए, कोविड में जिनके माता-पिता चले गए उनके लिए, अगर किसी भी प्रकार के सीएसआर फंड से मदद करना चाहे तो हम उनका स्वागत करते है।
योगी जी तो सीएसआर को लेकर अपील तो कर ही रहें हैं लेकिन कॉरपोरेट कंपनियों से आप क्या अपील करना चाहेंगी?
कॉरपोरेट कंपनियों से हमारा यही अपील है कि आप हमारे उत्तर प्रदेश में आएं, यह आध्यात्मिक नगरी है, यह सांस्कृतिक नगरी है। यहां पर व्यापार की अपार संभावनाएं हैं, यहां पर अगर आप आएंगे तो आपको अच्छा व्यापार भी मिलेगा। आप की सुरक्षा की भी गारंटी ली जा रही है। तो मेरी भी यही अपील है कि आप उत्तर प्रदेश में आएं और आपका जो सीएसआर फंड है वह बच्चों की भलाई के लिए, महिलाओं की भलाई के लिए खर्च करें।
एक आखिरी सवाल, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे हो रहे हैं। 100 दिन पूरे होने के बाद आप जनता को अपनी क्या-क्या उपलब्धियां गिनाएंगी, क्योंकि योगी जी ने सभी मंत्रियों को आदेश दिया है कि वह जनता के बीच जाएं और 100 दिन की उपलब्धियां जनता को बताएं?
मुख्यमंत्री योगी जी के निर्देश पर हम पहले से ही जनता के बीच में हैं। हम लगातार जनता के बीच रह कर काम कर रही हूं। हम हर जगह दौरे भी कर रहे हैं। मैं आपको बता दूं कि 100 दिन में हमने जो मेजर काम किये हैं वह यह है कि एक तो महिलाओं की पेंशन 500 से बढ़ाकर 1000 कर दी है। कोविड में अनाथ बच्चों को हम ₹4000 दे ही रहे हैं और तीसरी जो सुमंगला कन्या योजना उसमें हम ₹15000 पहले दे रहे थे वह हमने 25000 कर दी है। हमारी जो आंगनवाड़ी की कार्यकर्ता हैं वह पुष्टाहार बच्चों को गांव-गांव तक पहुंचा रही हैं। उसकी पूरी आख्या लेकर हम आपको बताएंगे। इस तरह से हमारी बहुत बड़ी-बड़ी उपलब्धियां है जिसको लेकर हम जनता के बीच जा रहे हैं।
योगी सरकार के 100 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य पर The CSR Journal से बात करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद