हर किसी की नज़र चंद्रयान पर थी, हर किसी के दिल में देश भक्ति की लहर दौड़ रही थी, हर कोई टीवी की स्क्रीन पर टकटकी लगाए बैठा था, पूरा देश रतजगा कर विश्व पटल पर भारत की उपलब्धि को अपनी आंखों से देख रहा था कि भारत के चंद्रयान-2 मिशन को शनिवार तड़के उस समय झटका लगा, जब लैंडर विक्रम से चंद्रमा के सतह से महज दो किलोमीटर पहले इसरो का संपर्क टूट गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने संपर्क टूटने का ऐलान करते हुए कहा कि चंद्रमा की सतह से 2.1 किमी पहले तक लैंडर का काम प्लानिंग के मुताबिक और सही सलामत था लेकिन उसके बाद उसका संपर्क टूट गया। साथ ही 978 करोड़ रुपये लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन के भविष्य पर सस्पेंस भी बना है, हालांकि इसरो लगातार डेटा कलेक्ट करने का प्रोसेस जारी है।
चंद्रयान पर देश की निगाहें टिकी थी वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसरो हेडक्वॉर्टर में मौजूद होकर इस मिशन की निगरानी कर रहे थे। शनिवार तड़के लगभग 1.38 बजे जब 30 किलोमीटर की ऊंचाई से 1,680 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से 1,471 किलोग्राम के विक्रम चंद्रमा ने सतह की ओर बढ़ना शुरू किया, तब सबकुछ ठीक था। उसके बाद इसरो सेंटर में टेंशन दिखने लगी, कुछ देर तक कुछ समझ में नही आ रहा था और फिर आधिकारिक बयान आया और देश का चांद को फतह करने का सपना टूटने लगा। प्रधानमंत्री मोदी खुद इस ऐतिहासिक लम्हे को देख रहे थे, इसरो अधिकारियों में जहां उदासी का आलम है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों का हौसला अफजाई करते हुए सांत्वना दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने बाकायदा देश को संबोधित भी किया और शनिवार सुबह इसरो सेंटर पहुंचे और वैज्ञानिकों से मुलाकात की। जब वे मुख्यालय से निकलने लगे तो विदाई के वक्त इसरो प्रमुख भावुक हो गए। यह देख मोदी ने फौरन उन्हें गले लगा लिया। करीब 26 सेकंड तक मोदी उनकी पीठ थपथपाते रहे। इससे पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही आज रुकावटें हाथ लगी हों, लेकिन इससे हमारा हौसला कमजोर नहीं पड़ा, बल्कि और बढ़ा है। भले ही हमारे रास्ते में आखिरी कदम पर रुकावट आई हो, लेकिन हम मंजिल से डिगे नहीं है। पीएम मोदी ने यहां कला-साहित्य का भी जिक्र किया, कहा कि साहित्य के लोग इसके बारे में लिखना होगा, तो वे कहेंगे कि चंद्रयान चंद्रमा को गले लगाने के लिए दौड़ पड़ा।आज चंद्रमा को आज आगोश में लेने की इच्छाशक्ति और मजबूत हुई है। हमें सबक लेना है, सीखना है, आगे ही बढ़ते जाना है। हम मिशन के अगले प्रयास में भी और उसके बाद के हर प्रयास में सफल होंगे।