उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पीने के पानी की सप्लाई से जुड़ी समस्याओं का समाधान कर एक मिसाल कायम की है। Public Grievance Redressal in Water Supply मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘जनता फर्स्ट’ मॉडल के तहत पिछले कुछ महीनों में प्रदेशभर से मिली Drinking Water Complaints में से 90 फीसदी का त्वरित निस्तारण किया गया है। इस मुहिम से अब तक 38,000 से अधिक लोगों को सीधे राहत मिली है। सरकार ने बताया कि Water Quality, Pipeline Leakage, Road Cutting Issue और Irregular Water Supply जैसी समस्याओं पर तुरंत संज्ञान लेकर प्राथमिकता के आधार पर समाधान सुनिश्चित किया गया। Yogi govt resolves 90% of drinking water complaints promptly
शिकायतों का ब्योरा: कहां कितनी समस्याएं हल हुईं
🔹 Road Cutting Related Complaints – 4,000 से अधिक समस्याएं हल।
🔹 Water Quality Complaints – 400 से ज्यादा शिकायतों का निवारण।
🔹 Irregular Water Supply Complaints – 10,000 से अधिक समस्याओं का समाधान।
🔹 Pipeline Leakage in UP – 4,500 से ज्यादा शिकायतों का हल।
🔹 अन्य – जल प्रेशर, कनेक्शन में देरी, Water Supply Timing Issues, आदि से जुड़ी 18,000 से अधिक शिकायतों का भी निस्तारण।
Yogi Government Model बना वॉटर गवर्नेंस का उदाहरण
योगी सरकार का Real-Time Water Complaint Tracking System अब एक ऐसा तंत्र बन चुका है, जिसमें शिकायत दर्ज होने के कुछ घंटों के भीतर ही एक्शन लिया जा रहा है। बकायदा अधिकारियों को फील्ड में भेजकर On-Site Verification of Water Complaints किया जा रहा है। लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर और गोरखपुर जैसे शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी यह Digital Water Grievance Redressal प्रणाली सफलतापूर्वक लागू की गई है।
तकनीकी प्लेटफॉर्म से बढ़ा रिस्पांस टाइम, जल संकट से निपटने की दूरगामी योजना
उत्तर प्रदेश सरकार ने पेयजल व्यवस्था की निगरानी के लिए Smart Dashboard Monitoring System लागू किया है। इसमें Automated Alerts on Water Issues, Complaint Status Tracking और अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की गई है। इसके साथ ही, Water Complaint Mobile App और हेल्पलाइन सेवा के जरिए शिकायत करना पहले से कहीं ज्यादा आसान बना दिया गया है। सरकार की दीर्घकालिक योजना में रेन वाटर हार्वेस्टिंग, पाइपलाइन इंफ़्रा अपग्रेड पुराने वाटर पंप को रिप्लेस शामिल हैं। इसके साथ ही, अर्बन लोकल बॉडी और ग्राम पंचायत को जल प्रबंधन में ज़्यादा जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। योगी सरकार की यह पहल न सिर्फ उत्तर प्रदेश में पानी की शिकायत का एक प्रभावी मॉडल बना रही है, बल्कि देश के अन्य राज्यों के लिए भी यह एक प्रेरणा है। लोगों को अब यह विश्वास हो चला है कि उनकी शिकायतें सिर्फ सुनी नहीं जातीं, बल्कि उन पर Fast Action on Water Complaints भी लिया जा रहा है।