ICU in UP: योगी सरकार की पहल से 40 जिलों में एक्टिव ICU यूनिट्स
उत्तर प्रदेश में अब गंभीर मरीजों को इलाज के लिए लखनऊ या दिल्ली की दौड़ नहीं लगानी पड़ रही। योगी सरकार की दूरदर्शी नीति और जमीनी स्तर पर की गई ठोस पहल से प्रदेश के 40 जिलों में ICU (Intensive Care Unit) की सुविधा शुरू कर दी गई है। पिछले सवा साल में 2,100 से अधिक गंभीर मरीजों को उनके अपने जिलों में इलाज मिल चुका है, जिससे न केवल समय पर इलाज हुआ, बल्कि लोगों को आर्थिक बोझ से भी राहत मिली है।
ICU ट्रेनिंग से बदली जिला अस्पतालों की तस्वीर, 2100 से ज्यादा गंभीर मरीजों को मिला अपने ही जिले में इलाज
इस परिवर्तन की शुरुआत वहां से हुई जब सरकार ने पाया कि कई जिलों में ICU के लिए बुनियादी ढांचा तो मौजूद है लेकिन उसे संचालित करने वाला प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है। इसी जरूरत को देखते हुए योगी सरकार ने डॉक्टरों, नर्सों और लैब टेक्नीशियनों को ICU Management में प्रशिक्षित करने के लिए विशेष अभियान चलाया। इस ट्रेनिंग का नेतृत्व झांसी के एमएलबी मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. अंशुल जैन ने किया। केयर-अप (Critical Care Advancement & Readiness Enhancement Program) के तहत चलाए गए इस प्रशिक्षण में वेंटिलेटर मैनेजमेंट, मॉनिटरिंग, संक्रमण नियंत्रण जैसे ICU से जुड़े सभी पहलुओं की गहन जानकारी दी गई।
ICU in UP: इन जिलों में ICU सेवाएं सक्रिय
प्रदेश के पूर्वी, पश्चिमी और मध्य हिस्सों में फैले 40 जिलों के अस्पतालों में अब ICU यूनिट सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। इनमें शामिल हैं – पूर्वी यूपी के जिले: बाराबंकी, अयोध्या, सीतापुर, उन्नाव, प्रयागराज, वाराणसी, बलिया, मऊ, आजमगढ़, अंबेडकर नगर, बस्ती, गोरखपुर। पश्चिमी यूपी: मेरठ, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, बरेली, मुरादाबाद, शामली। बुंदेलखंड और कानपुर क्षेत्र: झांसी, चित्रकूट, बांदा, इटावा, कानपुर नगर, कन्नौज। लखनऊ के बलरामपुर, सिविल, रानी लक्ष्मीबाई, लोकबंधु और राम सागर मिश्रा अस्पताल में भी ICU यूनिट्स पूरी तरह सक्रिय हैं।
ICU का असर: सिर्फ एक अस्पताल में एक माह में 150 मरीजों को मिला इलाज
लोकबंधु अस्पताल के ICU प्रभारी डॉ. दीपक कुमार मौर्य ने बताया कि उनके यहां सिर्फ एक महीने में ही 150 से अधिक गंभीर मरीजों का इलाज सफलतापूर्वक किया गया है। प्रशिक्षित स्टाफ अब वेंटिलेटर, मॉनिटरिंग उपकरण, ऑक्सीजन सपोर्ट जैसे तकनीकी कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित कर पा रहा है। सिविल अस्पताल के डॉ. अभिषेक सिंह ने भी माना कि अब ICU यूनिट्स की वजह से गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ी है क्योंकि अब लोग भरोसे के साथ अपने जिले में इलाज करवा पा रहे हैं।
ICU सेवाओं से मरीजों का आर्थिक बोझ भी घटा
प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि ICU संचालन का यह मॉडल न सिर्फ मरीजों की ज़िंदगी बचा रहा है, बल्कि उनके परिवार पर पड़ने वाला आर्थिक दबाव भी काफी हद तक कम कर रहा है। पहले जो लोग 100-200 किलोमीटर दूर लखनऊ या दिल्ली जाकर इलाज करवाते थे, अब उन्हीं को अपने जिले में सारी सुविधाएं मिल रही हैं।
डॉक्टरों के लिए लॉन्च हुई ‘क्रिटिकल केयर रिफ्रेशर मैनुअल’
स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने की दिशा में एक और कदम उठाते हुए पार्थ सारथी सेन शर्मा ने डॉ. अंशुल जैन द्वारा संपादित ‘क्रिटिकल केयर रिफ्रेशर मैनुअल’ का विमोचन किया। इस पुस्तक में दिल्ली और उत्तर प्रदेश के 36 विशेषज्ञों द्वारा ICU के तकनीकी और व्यावहारिक पहलुओं को शामिल किया गया है। यह मैनुअल डॉक्टरों के लिए ICU प्रबंधन में एक प्रकार की ‘गाइडबुक’ के तौर पर काम करेगा।
गांवों तक पहुंचेगी गहन चिकित्सा सुविधा, हर जिला होगा सक्षम
प्रो. जैन के अनुसार, यह प्रशिक्षण कार्यक्रम लगातार जारी रहेगा। हर छह माह में ICU स्टाफ को अपस्किल किया जाएगा ताकि नए उपकरणों, नई बीमारियों और इलाज के आधुनिक तरीकों की जानकारी मिलती रहे। सरकार का लक्ष्य है कि साल के अंत तक प्रदेश के सभी 75 जिलों के अस्पतालों में ICU यूनिट पूरी तरह से सक्रिय हो जाए। योगी सरकार की यह पहल स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लेकर आई है। अब मरीजों और उनके परिजनों को इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ रहा। इलाज उनके ही जिले में मिल रहा है, वो भी बिना किसी अतिरिक्त खर्च के। इस योजना ने न केवल चिकित्सा सेवाओं की पहुँच बढ़ाई है, बल्कि ‘स्वस्थ यूपी, समर्थ यूपी’ की दिशा में राज्य को तेज़ी से आगे बढ़ाया है।