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June 2, 2025

Yogi Adityanath Birthday: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह जन्मदिन क्यों होगा बेहद खास?

राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के साथ होगा अद्वितीय संयोग, गंगा दशहरा और द्वापर युग की तिथि बना रही ऐतिहासिक दिन

Yogi Adityanath Birthday: 5 जून यानी विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए विशेष होता है क्योंकि यही उनका जन्मदिन भी है (Yogi Adityanath Birthday)। पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनकी विशेष रुचि और गोरक्षपीठाधीश्वर के रूप में आध्यात्मिक उत्तरदायित्व ने इस दिन को उनके जीवन में और महत्वपूर्ण बना दिया है। लेकिन इस बार का 5 जून सिर्फ एक जन्मदिन या पर्यावरण दिवस नहीं, बल्कि योगी आदित्यनाथ के जीवन और पूरे हिंदू समाज के लिए धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से बेहद खास दिन बन गया है। Yogi Adityanath Birthday 2025

राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा: Yogi Adityanath Birthday पर विशेष सम्मान

इस वर्ष 5 जून को अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में राम दरबार और अन्य पूरक मंदिरों में देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा होगी (Ram Darbar Pran Pratishtha), जिसमें योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि होंगे। यह कार्यक्रम उन्हें जन्मदिन के दिन मिलने वाला आध्यात्मिक सम्मान है, जो उनके संत रूप को और प्रखर बनाता है। इस दिन को गंगा दशहरा भी कहा जाता है, जब त्रेतायुग में गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। साथ ही यह ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि है, जिसे द्वापर युग की शुरुआत की तिथि भी माना जाता है। यही नहीं, त्रेता युग में श्रीराम द्वारा रामेश्वरम की स्थापना भी इसी तिथि को हुई थी। इन संयोगों से यह दिन न केवल योगी आदित्यनाथ के लिए बल्कि सम्पूर्ण सनातन परंपरा के लिए एक अत्यंत शुभ और पावन दिवस बन गया है।

राम मंदिर आंदोलन में गोरक्षपीठ की ऐतिहासिक भूमिका

योगी आदित्यनाथ केवल मुख्यमंत्री नहीं हैं, वह गोरखपुर स्थित गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर भी हैं। यह वही पीठ है, जिसकी तीन पीढ़ियों ने राम मंदिर आंदोलन में केंद्रीय भूमिका निभाई। महंत दिग्विजयनाथ: योगी के दादागुरु, जिन्होंने आजादी के बाद इस आंदोलन को संगठित रूप दिया। महंत अवेद्यनाथ: योगी के गुरु, जो आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर ले गए और 1984 में श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के अध्यक्ष बने। योगी आदित्यनाथ: जिन्होंने अपने मुख्यमंत्री काल में मंदिर निर्माण के हर चरण में भाग लिया और अयोध्या के कायाकल्प का बीड़ा उठाया। यह परंपरा एक धार्मिक उत्तराधिकार है, जिसे योगी आदित्यनाथ ने पूरी निष्ठा से आगे बढ़ाया है।

Yogi Adityanath Birthday: योगी की निगरानी में अयोध्या का कायाकल्प

राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद योगी सरकार ने अयोध्या के लिए खजाने का मुंह खोल दिया। अयोध्या में पर्यटन, सड़कों, एयरपोर्ट, नदी तट विकास, और अन्य धार्मिक स्थलों का निर्माण हो रहा है। योगी खुद 100 से अधिक बार अयोध्या जाकर प्रगति की निगरानी कर चुके हैं। उनका स्पष्ट लक्ष्य है कि अयोध्या धार्मिक पर्यटन की वैश्विक राजधानी बने।

राम मंदिर के हर आयोजन में रखा गया शुभ मुहूर्त

राम मंदिर से जुड़े हर बड़े आयोजन में शुभ मुहूर्त का ध्यान रखा गया: 30 अप्रैल को जब प्रतिमाएं अयोध्या पहुंचीं, वह अक्षय तृतीया थी। 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पौष शुक्ल द्वादशी को हुई, जो भगवान विष्णु के कूर्मावतार की तिथि है। और अब 5 जून 2025 को राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा एक और शुभ तिथि गंगा दशहरा व द्वापर युग की शुरुआत से जुड़ी हुई है।

आंदोलन के अग्रदूत: दिग्विजयनाथ और अवेद्यनाथ

महंत दिग्विजयनाथ ने 1935 में पीठाधीश्वर बनने के बाद ही अयोध्या के लिए रणनीतिक संघर्ष शुरू कर दिया। 1949 में श्रीरामलला के विग्रह के प्रकटीकरण में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण थी। महंत अवेद्यनाथ ने 1984 में श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति की स्थापना की और श्रीराम शिला पूजन से लेकर दिल्ली के बोट क्लब तक हिंदुओं को एकजुट किया। इन दोनों संतों का संकल्प था – अयोध्या में दिव्य और भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण। योगी आदित्यनाथ उनके संकल्प को साकार करने वाले उत्तराधिकारी बन चुके हैं।

योगी आदित्यनाथ: संन्यासी, मुख्यमंत्री और रामनगरी के संरक्षक

योगी आदित्यनाथ न केवल राजनीतिक रूप से बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से भी अयोध्या के संरक्षक बन चुके हैं। उनकी मौजूदगी में: भूमिपूजन से लेकर शिलान्यास और प्राण प्रतिष्ठा तक राम मंदिर की हर प्रक्रिया पूर्ण हुई। अयोध्या को त्रेतायुगीन वैभव देने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। योगी के लिए यह दिन एक संघर्ष की पूर्णता और संकल्प की सिद्धि का प्रतीक होगा।

Yogi Adityanath Birthday: एक दिन, कई संयोग

5 जून 2025 योगी आदित्यनाथ के जीवन का ऐसा दिन होगा जिसमें: जन्मदिन, विश्व पर्यावरण दिवस, राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा, गंगा अवतरण दिवस, द्वापर युग की शुरुआत का मुहूर्त, सभी एक साथ सम्मिलित हैं। यह संयोग योगी के व्यक्तित्व और कर्तृत्व को आध्यात्मिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से एक नई ऊंचाई पर ले जाता है। यह दिन सिर्फ एक जन्मदिन नहीं, एक युग का पुनः जागरण है।

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