World Lung Cancer Day– फेफड़ों का कैंसर, जिसे अंग्रेजी में Lung Cancer कहते हैं, फेफड़ों की कोशिकाओं में होने वाली एक बीमारी है जो असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। यह कैंसर शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है।
क्या है फेफड़े का कैंसर Lung Cancer
Lung Cancer फेफड़ों में अनियंत्रित कोशिका विभाजन के कारण होने वाली एक बीमारी है । हमारी कोशिकाएं अपने सामान्य कार्य के तहत विभाजित होकर अपनी नई प्रतियां बनाती हैं। लेकिन कभी-कभी उनमें ऐसे परिवर्तन (उत्परिवर्तन) आ जाते हैं जिनके कारण वे अपनी नई प्रतियां लगातार बनाती रह जाती हैं, जबकि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। क्षतिग्रस्त कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित होकर ऊतकों के ढेर या Tumor बनाती हैं जो अंततः आपके अंगों को ठीक से काम करने से रोकते हैं। इन्हीं अनियंत्रित ऊतकों को Cancer कहते है।
धूम्रपान सबसे मुख्य कारण Lung Cancer का
फेफड़े के कैंसर का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान है। इसके अलावा यह दूसरे कारणों से भी होता है जिनमें तंबाकू चबाना, धुएं के संपर्क में आना, घर या काम पर Asbestos या Radon जैसे पदार्थों के संपर्क में आना शामिल है। इसके अलावा यह पारिवारिक इतिहास के कारण भी हो सकता है। लेकिन फिर भी आमतौर पर यही माना जाता है कि जो लोग अधिक धूम्रपान करते हैं, उन्हें फेफड़ों का कैंसर हो जाता है। यानी इसका सबसे अधिक खतरा बना रहता है। रोकथाम की तरफ शुरुआत में ही ध्यान दे दिया जाए, तो इससे खुद को बचाया जा सकता है।
Lung Cancer के डर से कम हो रहा धूम्रपान
2022 में American Cancer Society के अनुसार अमेरिका में फेफड़ों के कैंसर के अनुमानित 2,36,740 नए मामले (1,18,830 महिलाओं में और 1,17,910 पुरुषों में) मिले और 1,30,180 लोगों की इस बीमारी से मौत हुई। पिछले 3 दशकों से पुरुषों में फेफड़ों के कैंसर के मामले घटते जा रहे हैं और अब महिलाओं में भी इनकी संख्या कम हो रही है। इस रुझान से पता चलता है कि पिछले 30 सालों से धूम्रपान करने वालों की संख्या घटती जा रही है।
Lung Cancer शरीर के किन हिस्सों पर सबसे पहले हमला करता है
चूंकि फेफड़े शरीर में सेलुलर ट्रैफिक हब (Cellular Traffic Hub) हैं, वे शरीर के हर अंग और हर इंच में ऑक्सीजन को स्थानांतरित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। फेफड़े की यह कार्यक्षमता कैंसर कोशिकाओं के लिए फेफड़ों से अलग होना और फिर कुछ महत्वपूर्ण आंतरिक अंगों जैसे Vital Internal Organs सहित अन्य भागों में फैलना आसान बनाती है। यदि आप भ्रमित हैं कि एक प्रकार का कैंसर अन्य अंगों में क्यों फैलता है, तो यह शरीर में सेलुलर संकेतों के कारण होता है।
जिगर (Liver)
मेटास्टैटिक फेफड़े का कैंसर (Metastatic lung Cancer) 30-50 प्रतिशत मामलों में यकृत (Liver) को प्रभावित करता है। यह ज्यादातर फेफड़ों के कैंसर के Advanced Stage में देखा जाता है और इसके लिए तत्काल और आक्रामक उपचार की आवश्यकता होती है। अधिकांश रोगी , जिनका Lung Cancer उनके यकृत में फैल गया है, वे लक्षणों का अनुभव नहीं करते हैं। हालांकि उनमें से कुछ जो लक्षण महसूस करने की रिपोर्ट करते हैं, इस प्रकार हैं-
भूख न लगना (Lose Of Appetite)
पैर में सूजन (Leg Swelling)
थकान (Fatigue)
पीलिया (जिगर की क्षति के चरम मामलों में) (Jaundice In Extreme Cases Of Lever Damage)
वजन घटना (Weight Loss)
पूरे शरीर में खुजली होना (Itching All Over The Body)
मस्तिष्क (Brain)
40 प्रतिशत मामलों में मस्तिष्क
हालांकि 44 फीसदी रोगियों ने किसी भी गंभीर Symptoms की रिपोर्ट नहीं की है। शेष 56 प्रतिशत लोगों में-
सिरदर्द (Headache)
दृष्टि खोना (Vision loss)
स्मृति लोप (Memory loss)
सुन्न होना (Numbness)
थकान और कमजोरी (Fatigue And Weakness)
जैसे लक्षण सामने आते हैं।
हड्डियां (Bones)
लीवर की तरह Lung Cancer के लगभग 30-40 फीसदी रोगी हड्डियों में कैंसर के फै
यदि आप सोच रहे हैं कि Lung Cancer कितनी जल्दी फैल सकता है, तो
जोड़ों में दर्द (Joint Pain)
थकान (Fatigue)
वजन घटना (Weight loss)
हड्डियों में अकड़न (Stiffness In Bones)
अधिवृक्क ग्रंथियां (Adrenal Glands)
अधिवृक्क ग्रंथियां (Adrenal Glands) शरीर के अंतःस्रावी तं
लसीकापर्व (Lymph Nodes)
Lung Cancer के प्रसार के अंतिम लेकिन सं
Lung Cancer के प्रकार क्या हैं
ऐसे कई कैंसर हैं जो फेफड़ों को प्रभावित करते हैं, लेकिन हम आमतौर पर “Lung Cancer” शब्द का प्रयोग दो मुख्य प्रकारों के लिए करते हैं- नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर और स्मॉल सेल लंग कैंसर।
Non Small Cell Lung Cancer (NSCLC)
नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC) फेफड़ों के कैंसर का सबसे आम प्रकार है, जो सभी मामलों का लगभग 85 प्रतिशत होता है। इसे और भी तीन उपप्रकारों में विभाजित किया जाता है: एडेनोकार्सिनोमा (Adenocarcinoma), स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (Squamous Cell Carcinoma), और लार्ज सेल कार्सिनोमा (Large Cell Carcinoma)।
कारण और जोखिम कारक
नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर के प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
- धूम्रपान: धूम्रपान NSCLC का भी प्रमुख कारण है। धूम्रपान छोड़ने के बाद भी जोखिम बना रह सकता है।
- वायु प्रदूषण: लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहना। प्रदूषण के तत्व फेफड़ों को क्षति पहुंचा सकते हैं।
- रेडॉन गैस: रेडॉन गैस एक अदृश्य और गंधहीन रेडियोधर्मी गैस है जो मिट्टी और चट्टानों में पाई जाती है। यह घरों में घुस सकती है और लंबी अवधि में फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकती है।
- आनुवंशिक कारक: कुछ आनुवंशिक उत्परिवर्तन भी NSCLC के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
लक्षण और संकेत (Symptoms and Signs of Non Small Cell Lung Cancer)
नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- लगातार खांसी: लंबे समय तक खांसी का बने रहना, जो समय के साथ बढ़ सकती है।
- छाती में दर्द: छाती में दर्द या दबाव महसूस होना, जो खांसने या गहरी सांस लेने पर बढ़ सकता है।
- सांस की तकलीफ: शारीरिक गतिविधि के दौरान सांस लेने में कठिनाई।
- खून की थूक: खांसी के साथ खून आना।
- स्वर बैठना: आवाज का भारी होना या बदल जाना।
नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर की स्टेज – Stages of Non-Small Cell Lung Cancer
इस प्रकार के लंग कैंसर की चार स्टेज होती है।
स्टेज 1- Lung Cancer
स्टेज 1A: इस चरण में ट्यूमर 3 सेंटीमीटर (सेमी) या उससे छोटा होता है और लंग्स तक ही सीमित होता है। इस स्टेज में ट्यूमरा का लिम्फ नोड्स में कोई फैलाव नहीं है।
स्टेज 1B: इसमें ट्यूमर का साइज 3 सेमी से अधिक और 4 सेमी से छोटा होता है। यह आसपास के हिस्से को थोड़ी प्रभावित कर चुका होता है, लेकिन लिम्फ नोड्स में नहीं फैलता है।
स्टेज 2- Lung Cancer
स्टेज 2A: इस स्थिति में ट्यूमर 4 सेमी से अधिक और 5 सेमी से छोटा होता है, और यह आस-पास की लिम्फ नोड्स में फैलना शुरु करता है।
स्टेज 2B: इसमें ट्यूमर 5 सेमी से अधिक हो जाता है और यह आसपास के हिस्सों को अपनी चपेट में लेने लगता है। इस दौरान लिम्फ नोड्स में फैल सकता है।
स्टेज 3- Lung Cancer
स्टेज 3A: इसमें ट्यूमर किसी भी आकार का हो सकता है और ट्यूमर छाती के आस-पास के लिम्फ नोड्स में फैलने लगता है। यह आस-पास की हिस्से जैसे चेस्ट वॉल या डायाफ्राम पर भी फैलना शुरु कर सकता है।
स्टेज 3B: इसमें भी ट्यूमर किसी भी आकार का हो सकता है और छाती के विपरीत तरफ या कॉलरबोन के ऊपर लिम्फ नोड्स में फैलना शुरु करता है। इसमें हृदय, कुछ मुख्य नसे या अन्य महत्वपूर्ण हिस्से भी शामिल हो सकते हैं।
स्टेज 3C: इस स्टेज में ट्यूमर कई लिम्फ नोड्स में फैल गया होता है और आस-पास की महत्वपूर्ण हिस्सों व अंगों को अपने प्रभाव में लेना शुरु करता है।
स्टेज 4 Lung Cancer
स्टेज 4A: कैंसर दूसरे लंग, दोनों लंग्स और हृदय के आस-पास के मौजूद लिक्विड में फैलता है।
स्टेज 4B: कैंसर लंग से दूर के अंगों जैसे कि लिवर, हड्डियों, ब्रेन या एड्रेनल ग्लैंड में फैलता है।
Non Small Cell Lung Cancer का इलाज
NSCLC के निदान के लिए निम्नलिखित परीक्षण किए जाते हैं-
- CT Scan: फेफड़ों की विस्तृत तस्वीरें लेने के लिए।
- PET Scan: कैंसर कोशिकाओं की गतिविधियों को देखने के लिए। यह परीक्षण कैंसर के फैलाव की सीमा का निर्धारण करने में मदद करता है।
- Biopsy: टिशू का नमूना लेकर कैंसर की पुष्टि और प्रकार का निर्धारण करना।
- फेफड़ों की कार्यक्षमता परीक्षण: फेफड़ों की कार्यक्षमता की जांच करने के लिए परीक्षण।
उपचार विकल्प NSCLC
नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर के उपचार में निम्नलिखित विकल्प शामिल हैं-
- Surgery: कैंसरग्रस्त हिस्से को शल्यक्रिया द्वारा हटाना। यदि कैंसर प्रारंभिक अवस्था में है, तो सर्जरी एक प्रभावी उपचार हो सकता है।
- Imunotherapy: रोग प्रतिरोधक तंत्र को सक्रिय करके कैंसर से लड़ना। यह कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और नष्ट करने में मदद करता है।
- Targeted Therepy: कैंसर कोशिकाओं में विशिष्ट उत्परिवर्तनों को लक्षित करने वाली दवाओं का उपयोग। यह उपचार उन मामलों में प्रभावी होता है जहां विशिष्ट आनुवंशिक परिवर्तन होते हैं।
- Radiotherepy: कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए उच्च-ऊर्जा किरणों का उपयोग। यह सर्जरी के बाद या जब सर्जरी संभव नहीं होती है, में प्रयोग किया जाता है।
लघु कोशिका Lung Cancer (SCLC)
Small Cell Lung Cancer SCLC, NSCLC की तुलना में तेज़ी से बढ़ता है और इसका इलाज मुश्किल होता है। यह अक्सर एक अपेक्षाकृत छोटे फेफड़े के ट्यूमर के रूप में पाया जाता है जो पहले ही शरीर के अन्य भागों में फैल चुका होता है। SCLC के विशिष्ट प्रकारों में लघु कोशिका कार्सिनोमा (जिसे ओट सेल कार्सिनोमा भी कहा जाता है) और संयुक्त लघु कोशिका कार्सिनोमा शामिल हैं। स्मॉल सेल फेफड़ों का कैंसर (Small Cell Lung Cancer) एक आक्रामक प्रकार का फेफड़ों का कैंसर है जो तेजी से बढ़ता है और शीघ्र ही शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है। इसे ओट सेल कार्सिनोमा (Oat Cell Carcinoma) के नाम से भी जाना जाता है। यह फेफड़ों के कैंसर के कुल मामलों का लगभग 10-15 प्रतिशत होता है।
SCLC के कारण और जोखिम कारक
स्मॉल सेल लंग कैंसर के प्रमुख कारणों में शामिल हैं-
- धूम्रपान: धूम्रपान SCLC का सबसे प्रमुख कारण है। धूम्रपान करने वालों में इस प्रकार का कैंसर विकसित होने का जोखिम अधिक होता है। 90 प्रतिशत से अधिक SCLC मामलों का संबंध धूम्रपान से होता है।
- रसायनों के संपर्क में आना: एस्बेस्टस और रेडॉन गैस जैसे हानिकारक रसायनों के संपर्क में आने से भी SCLC का जोखिम बढ़ सकता है।
- पारिवारिक इतिहास: यदि परिवार में किसी को फेफड़ों का कैंसर हुआ हो, तो इसके विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।
SCLC के लक्षण और संकेत
स्मॉल सेल लंग कैंसर के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं-
- खांसी और सांस की तकलीफ: लगातार खांसी, जिसमें खून आना भी शामिल हो सकता है, और सांस लेने में कठिनाई।
- वजन घटना और थकान: बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन घटना और अत्यधिक थकान महसूस करना।
- छाती में दर्द: गहरी सांस लेते समय या खांसते समय छाती में दर्द होना।
- आवाज में बदलाव: आवाज का भारी या बदल जाना।
स्मॉल सेल लंग कैंसर (SCLC) के Stages
स्मॉल सेल लंग कैंसर (SCLC) को आम तौर पर दो चरणों में विभाजित किया जाता है।
सीमित चरण (Limited Stage)- इस स्थिति में कैंसर छाती के एक तरफ सीमित होता है, जिसमें एक फेफड़ा और उसके पास के लिम्फ नोड्स शामिल होती हैं। इस स्टेज में कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी को साथ में किया जाता है।
व्यापक चरण (Extensive Stage)- इस स्टेज में कैंसर पूरे फेफड़े (lung), दोनों फेफड़ों और शरीर के अन्य भागों में फैल चुका होता है। इस चरण का आमतौर पर कीमोथेरेपी से इलाज किया जाता है।
SCLC के निदान के तरीके
- इमेजिंग परीक्षण (Imaging Tests): छाती का एक्स-रे, सीटी स्कैन, और एमआरआई स्कैन। ये परीक्षण फेफड़ों में ट्यूमर की उपस्थिति और उसके आकार की पहचान करने में मदद करते हैं।
- बायोप्सी (Biopsy): संदिग्ध टिशू का नमूना लेकर माइक्रोस्कोप के तहत जांच करना। बायोप्सी से कैंसर की सटीक प्रकार और उसकी आक्रामकता का पता चलता है।
Small Cell Lung Cancer के उपचार विकल्प
स्मॉल सेल लंग कैंसर के उपचार में निम्नलिखित विकल्प शामिल हैं-
- कीमोथेरेपी (Chemotherapy): कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए शक्तिशाली दवाओं का उपयोग। यह SCLC के उपचार का मुख्य आधार है।
- रेडियोथेरेपी (Radiotherapy): उच्च-ऊर्जा किरणों का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करना। यह कीमोथेरेपी के साथ या उसके बाद दिया जा सकता है।
- सर्जरी (Surgery): SCLC में सर्जरी का उपयोग कम किया जाता है क्योंकि यह तेजी से फैलता है और निदान के समय अक्सर उन्नत अवस्था में होता है।
स्मॉल सेल और नॉन-स्मॉल सेल कैंसर के बीच अंतर
- कोशिकाओं की संरचना: स्मॉल सेल कैंसर में कोशिकाएं छोटी और गोल होती हैं, जबकि नॉन-स्मॉल सेल कैंसर में कोशिकाएं बड़ी और विभिन्न आकारों की होती हैं।
- विकास और प्रसार की दर: स्मॉल सेल कैंसर तेजी से बढ़ता और फैलता है, जबकि नॉन-स्मॉल सेल कैंसर की वृद्धि दर धीमी होती है।
- उपचार के प्रति प्रतिक्रिया: स्मॉल सेल कैंसर कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के प्रति अधिक संवेदनशील होता है, जबकि नॉन-स्मॉल सेल कैंसर में सर्जरी और इम्यूनोथेरेपी के अधिक उपयोग किए जाते हैं।
रोकथाम और जागरूकता
- धूम्रपान रोकथाम: धूम्रपान छोड़ना और अन्य तंबाकू उत्पादों का सेवन न करना फेफड़ों के कैंसर की रोकथाम का सबसे प्रभावी तरीका है।
- नियमित स्वास्थ्य जांच: नियमित रूप से फेफड़ों की जांच कराना। शुरुआती चरण में कैंसर का पता चलने पर उपचार अधिक प्रभावी होता है।
- जागरूकता अभियान: फेफड़ों के कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान और कार्यक्रम आयोजित करना। इससे लोग कैंसर के लक्षणों को पहचानने और समय पर चिकित्सा सहायता प्राप्त करने में सक्षम होते हैं।
- स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली अपनाना: संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और प्रदूषण से बचाव करने से फेफड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर रखा जा सकता है।
Lung Cancer के बारे में जागरूकता ज़रूरी
व्यक्ति के शरीर में लगातार कोशिकाओं का निर्माण होता है। शरीर में कोशिकाओं के बनाने और नष्ट होने की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। लेकिन कई कारकों के चलते जब यह प्रक्रिया बाधित हो जाती है, तो ऐसे में व्यक्ति को कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। सामान्य रूप से धूम्रपान, तंबाकू चबाना, प्रदूषण या धूल व केमिकल युक्त वातावरण में काम करने वाले लोगों को फेफड़ों का कैंसर (Lungs Cancer) होने का जोखिम अधिक होता है। दरअसल, लंग्स यानी फेफड़ें आपके शरीर में ऑक्सीजन को लेकर उन्हें रक्त में भेजने का काम करते हैं। इस ऑक्सीजन युक्त रक्त से शरीर की कोशिकाएं और अंग कार्य करते हैं। लेकिन, लंग्स में समस्या के कारण आपके ऑक्सीजन का लेवल कम हो सकता है। साथ ही, लंग्स के कार्य में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है। Lung Cancer से सालाना होने वाली कुल कैंसर मौतों में से 25 प्रतिशत मौतें होती हैं। इस डेटा से पता चलता है कि यह न केवल सबसे आक्रामक प्रकार का कैंसर है बल्कि यह सबसे तेजी से फैलने वाला कैंसर भी है जो मौत का कारण बनता है। फेफड़े के कैंसर का मेटा स्टेसिसया प्रसार तेजी से होता है, जो आंतरिक अंगों को प्रभावित करता है और रोगी के जीवन की गुणवत्ता को खराब करता है।
डॉक्टर की मानें तो समय रहते लंग कैंसर की पहचान (Lung cancer) करने से इसका इलाज तेजी से और कम समय में किया जा सकता है।