RPF Operation Nanhe Farishtey: हर साल 12 जून को मनाया जाने वाला विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस (World Day Against Child Labour) दुनियाभर में बाल मजदूरी के खिलाफ जागरूकता फैलाने और सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाने की दिशा में अहम दिन है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने 2002 में इसकी शुरुआत की थी ताकि दुनिया भर में बच्चों के शोषण को खत्म किया जा सके। World Day Against Child Labour 2025 भारत में अब भी बाल श्रम की समस्या गंभीर बनी हुई है, जहां गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी और भूमिहीनता जैसे कई कारण बच्चों को मजदूरी के लिए मजबूर करते हैं। रेलवे प्लेटफार्म, चलती ट्रेनें और स्टेशन परिसर ऐसे स्थान हैं जहां अक्सर असहाय, गुमशुदा या तस्करी के शिकार बच्चे पाए जाते हैं। इन बच्चों की सुरक्षा के लिए रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने सराहनीय कदम उठाए हैं। “ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” (Operation Nanhe Farishtey) के तहत 2021 से अप्रैल 2025 तक 61,345 बच्चों को बाल मजदूरी, तस्करी और अन्य शोषण से बचाया गया। इनमें से 19,412 लड़कियां और 41,933 लड़के थे।
रेलवे बना बच्चों के लिए जीवन रक्षक मार्ग Indian Railway Child Labour Rescue
रेलवे ट्रैक अब बाल तस्करी के लिए मार्ग नहीं, बल्कि आज़ादी का रास्ता बन रहा है। RPF न केवल बचाव करती है, बल्कि ट्रेनों और स्टेशनों पर CCTV निगरानी, ट्रेन एस्कॉर्टिंग, खुफिया तंत्र और मानव तस्करी विरोधी यूनिट जैसे उपायों से बच्चों को बचाने में अहम भूमिका निभा रही है। 2021 से अब तक, RPF ने 649 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया और 2,719 लोगों को तस्करी से बचाया, जिनमें से 2,456 बच्चे थे।कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन्स फाउंडेशन (KSCF) से जुड़ा बचपन बचाओ आंदोलन (BBA), रेलवे सुरक्षा बल के साथ मिलकर बच्चों को बाल तस्करी से बचाने में सहयोग कर रहा है। 2022 में किए गए समझौता ज्ञापन (MoU) के तहत BBA, RPF के साथ मिलकर जानकारी साझा करने, बचाव कार्य और अभियुक्तों की गिरफ्तारी में मदद कर रहा है। RPF Child Protection
RPF Operation Nanhe Farishtey: भारतीय रेलवे बना मानव तस्करी के खिलाफ सुरक्षा कवच
देशभर में RPF ने 750 से अधिक एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) और 135 बाल सहायता डेस्क (Child Help Desk) स्थापित किए हैं। इन यूनिट्स की मदद से रेलवे परिसर में अकेले, लापता, अपहृत, नशे के शिकार या मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 212 स्टेशनों पर बाल सहायता डेस्क के विस्तार की घोषणा की है, जिससे रेलवे स्टेशन पर जरूरतमंद बच्चों को तुरंत मदद मिल सके। वर्ष 2021 में अपडेट किए गए किशोर न्याय अधिनियम और MoWCD का ‘मिशन वात्सल्य’ रेलवे के लिए विस्तृत स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) लेकर आया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि रेलवे कर्मी और RPF स्टाफ बच्चों की पहचान करें, उन्हें सुरक्षित रखें और बाल कल्याण समिति (CWC) से जोड़ें। RPF Operation Nanhe Farishtey
बाल मजदूरी के खिलाफ नया संग्राम Anti Human Trafficking Unit
मिशन “मारा” (Railway Anti-Child Trafficking Mission) भारतीय रेलवे की तस्करी रोकने की नई पहल है, जिससे रेलवे स्टेशनों को सुरक्षित बनाया जा रहा है।रेलवे सुरक्षा बल की इस ऐतिहासिक पहल ने यह साबित कर दिया है कि अगर सही नीति, तकनीक और समर्पण के साथ काम किया जाए, तो रेलवे स्टेशन, जो कभी बाल तस्करी के लिए कुख्यात थे, आज बच्चों की नई शुरुआत का मंच बन सकते हैं। बाल श्रम के खिलाफ यह संघर्ष तभी सफल होगा जब हर नागरिक, हर यात्री और हर रेलवे कर्मचारी सतर्क और सहयोगी बने। आज का दिन इस संकल्प को दोहराने का है कि हर बच्चा स्कूल में हो, मजदूरी से दूर हो और उसका बचपन सुरक्षित हो।