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June 25, 2025

World Bicycle Day: बचपन का खेल, जो बन गया फिटनेस का मूल मंत्र

World Bicycle Day: साइकिल बच्चों के लिए सिर्फ एक खिलौना नहीं होती, यह उनके बचपन का एक खास हिस्सा होती है। जब बच्चा पहली बार साइकिल चलाना सीखता है, तो वह आज़ादी, आत्मविश्वास और खुशी का अनुभव करता है। साइकिल उनके लिए दुनिया को देखने का ज़रिया बन जाती है, मोहल्ले की गलियों में घूमना, दोस्तों के साथ दौड़ लगाना, और नई जगहें खोजना। साइकिल चलाना बच्चों को न केवल शारीरिक रूप से सक्रिय रखता है, बल्कि यह उन्हें जिम्मेदारी, संतुलन और धैर्य भी सिखाती है। यह उनके आत्मनिर्भर बनने की पहली सीढ़ी होती है। हर मां बाप के लिए वे दिन अविस्मरणीय होते हैं जब वे अपने बच्चे के लिए पहली साइकिल खरीदते है, जब उस पर अपने बच्चे को बैठना सिखाते व्यक्त उसे थामते हैं, ताकि वो गिर न जाए।

Bicycle- बचपन का पहला प्यार

Internet और Social Media के बचपन पर कब्ज़ा करने से पहले Bicycle बच्चों की ज़िंदगी का अहम हिस्सा हुआ करती थी। Junk Food, Airconditioned Offices, Desk Jobs और बढ़ते प्रदूषण के चलते लोगों की शारीरिक स्थिति पर विपरीत असर होना शुरू हुआ और लोगों को एक बार फिर बचपन के पहले प्यार, यानि Bicycle की याद आई। कुछ ने Gym जाकर Bicycle चलनी शुरू की तो कुछ ने उसे अपना Mode Of Transport बना लिया।
World Bicycle Day: हर साल 3 जून को दुनियाभर में “विश्व साइकिल दिवस” (World Bicycle Day) मनाया जाता है। इस खास दिन को मनाने की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा वर्ष 2018 में की गई थी। इसके पीछे का उद्देश्य साइकिल को एक सरल, सस्ता, पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ यातायात साधन के रूप में प्रोत्साहित करना है। भारत सरकार भी साइकिल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कई पहल कर रही है, जैसे कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत ‘Non Motorised Transport’ को बढ़ावा देना, जिससे शहरों में प्रदूषण कम हो और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिल सके।

World Bicycle Day यानि फिटनेस डे

World Bicycle Day: संयुक्त राष्ट्र महासभा UN ने 3 जून को विश्व साइकिल दिवस के रूप में घोषित किया, जिसमें साइकिल की विशिष्टता, स्थायित्व और बहुमुखी प्रतिभा को मान्यता दी गई, जिसका उपयोग दो शताब्दियों से किया जा रहा है। यह दिन फिटनेस को सतत बढ़ावा देने, बच्चों और युवाओं के लिए शिक्षा को मजबूत करने, स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, बीमारियों को रोकने, सामाजिक समावेश को सुविधाजनक बनाने, शांति की संस्कृति को विकसित करने आदि में साइकिल के उपयोग को समझने, जोर देने और आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
फिजिकल एक्टिविटी जैसे चलना, साइकिल चलाना या खेलकूद करना स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञ भी हर उम्र में के लोगों को शारीरिक रूप से सक्रिय रहने की सलाह देते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक चलने और साइकिल चलाने से स्वास्थ्य रहा जा सकता है। वहीं गरीब शहरी क्षेत्र के लिए, जहां लोग निजी वाहनों का खर्च नहीं उठा सकते और पैदल चलना कई बार मुश्किलों भरा होता है उनके लिए Bicycle चलाना काफी मददगार साबित होता है। इससे हृदय रोग, स्ट्रोक, कई तरह के कैंसर, डायबिटीज जैसे जोखिमों को कम करने में मदद मिल सकती है।
साइकिल चलाने के फ़ायदे इन्होंने भी माने
“साइकिल चलाने से आपको प्रकृति के करीब रहने का मौका मिलता है।”- महात्मा गांधी
“जीवन एक साइकिल की सवारी की तरह है। संतुलन बनाए रखने के लिए आपको आगे बढ़ते रहना होगा।”- इंदिरा गांधी
“ साइकिल चलाना एक शानदार तरीका है जिससे आप यात्रा कर सकते हैं और नए लोगों से मिल सकते हैं।”- बिल गेट्स
“Bicycle चलाना एक बेहतरीन तरीका है जिससे आप अपनी फिटनेस में सुधार कर सकते हैं, पर्यावरण की मदद कर सकते हैं और मज़े भी कर सकते हैं।”- मिशेल ओबामा
”Bicycle सबसे सरल और सबसे शानदार आविष्कारों में से एक है।”- अल्बर्ट आइंस्टाईन
World Bicycle Day: साइकिल चलाना एक तरह की एरोबिक गतिविधि है जिसमें हृदय, रक्त वाहिकाएं और फेफड़े, सभी को कसरत मिलती है। साइकिल चलाने से शरीर का तापमान बढ़ता है जिससे समग्र फिटनेस स्तर में वृद्धि होती है। यह मांसपेशियों की ताकत और लचीलापन बढ़ाता है। इससे तनाव का स्तर कम हो जाता है। साइकलिंग हृदय-संवहनी फिटनेस को बढ़ाने के साथ जोड़ों की गतिशीलता में सुधार करता है। इससे आसन और समन्वय में सुधार होता है और हड्डियों में मजबूती आती है। साइकलिंग शरीर में वसा के स्तर को कम करने में मदद कर वजन नियंत्रण रखकर मोटापा घटाने में सहायक है। यह बीमारियों की रोकथाम या प्रबंधन में मदद करता है। चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करता है।

एक ऐसा देश, जहां प्रधानमंत्री Bicycle पर चलता है

World Bicycle Day: Netherlands एक ऐसा देश है, जहां प्रधानमंत्री भी साइकल से संसद तक जाते हैं। यहां सड़कों पर कारें कम और साइकिलें अधिक चलती दिखती हैं। साइकिल के लिए खास सड़कें और नियम हैं। इस देश में लोग लंबी दूरी भी साइकिलों से ही तय कर लेते हैं।
नीदरलैंड (Netherlands) ऐसा देश है जहां दुनिया में सबसे ज्यादा लोग Bicycle से चलना पसंद करते हैं। नीदरलैंड की राजधानी एम्स्टर्डम में साइक्लिस्ट ही शासन करते हैं। उनकी ज़रूरतें पूरी करने के लिए वहाँ की सरकार ने खूब काम किए हैं। Bicycle एम्स्टर्डम में इतनी पॉपुलर है कि नीदरलैंड के PM Mark Rutt भी साइकिल से ही संसद जाते हैं।

दुनिया के सबसे स्लिम और हेल्दी देश का तमगा नीदरलैंड्स को मिला है, लेकिन इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है मोटर गाड़ियों की अपेक्षा साइकिल का ज्यादा इस्तेमाल! बहुत कम लोग ही जानते हैं कि नीदरलैंड्स की जितनी आबादी है, उससे ज्यादा वहां पर साइकिलें Bicycle हैं। रोजमर्रा के काम से लेकर ऑफिस जाने तक के लिए Dutch लोग सिर्फ साइकिल का ही उपयोग करते हैं।

आबादी 1.7 करोड़, Bicycles 2.4 करोड़

World Bicycle Day: Dutch लोग साइकिल चलाने को अपना जन्मसिद्ध अधिकार मानते हैं। नीदरलैंड में लगभग 1.7 करोड़ लोग रहते हैं और कुल मिलाकर उनके पास करीब 2.4 करोड़ साइकिलें हैं। वे अपनी जरूरतों के आधार पर छोटी और लंबी दूरी की यात्रा Bicycle से ही करते हैं। बच्चे साइकिल से स्कूल, हाउस वाइफ सुपरमार्केट, कामकाजी लोग दफ्तर और बुजुर्ग फिट रहने और मनोरंजन के लिए साइकिल चलाते हैं।

सालाना 1000 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं Netherland के लोग

World Bicycle Day: किलोमीटर के लिहाज से देखा जाए तो एक Dutch नागरिक औसतन सालाना 1000 किलोमीटर की यात्रा करता है और पूरी आबादी के लिए ये आंकड़ा प्रतिवर्ष करीब 15 अरब किलोमीटर तक चला जाता है। दुनियाभर में नीदरलैंड्स अपने बेहतरीन साइकिल Bicycle Infrastructure के लिए पहचाना जाता है। देश में लगभग 28 प्रतिशत यात्राएं साइकिल से ही की जाती हैं। Netherland की सरकारों ने साइकिल चलाने वालों के लिए सुविधाएं और रास्ते बनाने में खासा निवेश किया है। Amsterdam शहर की रिंग रोड और लेन, Cycling के लिए बड़े नेटवर्क से लैस है। ये इतनी सुरक्षित और आरामदायक है कि बच्चों से लेकर बुज़ुर्ग तक साइकिल का आसान साधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं। साइकिल चलाने का यह कल्चर केवल एम्स्टर्डम नहीं बल्कि सभी डच शहरों में है।
Dutch अक्सर मज़ाक में कहते हैं कि साइकिलें धरती पर Adam और Eve के समय से ही हैं। हालांकि Amsterdam और अन्य डच शहरों ने एक जमाने में अपनी सड़कों पर कार और अन्य वाहनों की बढ़ोतरी देखी थी। 1950 और 60 के दशक में उनके यहां सड़कों पर कारों की संख्या बढ़ने लगी थी। लेकिन इसे सीमित किया गया।

Netherlands में अलग Bicycle Lanes

World Bicycle Day: साइकिलों को लेकर Netherlands में लोगों ने लगातार सामजिक और न्यायिक सक्रियता दिखाई। ये तय किया कि बेशक सड़कों पर कारें आएं, लेकिन उनकी तादाद सीमित रखी जाए। साथ ही साइकलें चलाने के लिए हमेशा काफी जगह रहे। 70 के दशक में किये गए इन प्रयासों से नीदरलैंड की सरकार को सड़कों की बनावट और पैदल चलने के लिए फुटपाथ बनाने पर ध्यान देना पड़ा। आज नीदरलैंड का शहर एम्स्टर्डम दुनिया की साइकिल राजधानी बन गया है।
20 वीं शताब्दी की शुरुआत में, डच शहरों में साइकिलों की संख्या बहुत अधिक थी और साइकिल को पुरुषों और महिलाओं के लिए परिवहन का एक सम्मानजनक तरीका माना जाता था। लेकिन जब युद्ध के बाद के युग में डच अर्थव्यवस्था में तेजी आई, तो ज्यादा लोग कार खरीदने में सक्षम हो गए और शहरी नीति निर्माताओं ने कार को भविष्य के Mode Of Transport के रूप में देखा। कारों के लिए रास्ता बनाने के लिए पूरे एम्स्टर्डम के कई हिस्से नष्ट किये गए और बदले गए। साइकिल का उपयोग प्रति वर्ष 6 प्रतिशत गिरता रहा। ऐसा लगने लगा कि कहीं साइकलें नीदरलैंड की सड़कों से गायब ही ना हो जाएं। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

सड़कों पर दुर्घटनाएं बढ़ने लगीं

World Bicycle Day: Netherlands में बढ़ते हुए ट्रैफिक का नुकसान साफ़ दिख रहा था। 1971 में सड़क दुर्घटनों में हुई मौतों की संख्या 3,300 पर पहुंच गई। उस वर्ष यातायात दुर्घटनाओं में 400 से ज्यादा बच्चे मारे गए थे। लोगों में नाराजगी पैदा हुई और खूब विरोध प्रदर्शन हुए। इन विरोध प्रदर्शनों में साइकिल का ही सबसे ज़्यादा इस्तेमाल हुआ। युवा, बच्चे, और बुज़ुर्ग सभी ने मिलकर प्रदर्शन किया। घर के सारे काम सड़कों पर किए जाने लगे। यहां तक कि लोगों ने अपने डाइनिंग टेबल भी सड़क पर लगाकर वहां डिनर करना शुरू कर दिया। इस आंदोलन को नाम दिया गया “Stop The Kindermord” यानि सड़कों पर बच्चों की मौत रोको। Stop The Kindermord की बातें डच सरकार को सुननी पड़ीं। सड़कों पर साइकलों की दुर्घटनाएं रोकने के लिए बदलाव किए गए। स्पीड ब्रेकर और मोड़ बनाए गए। सड़कों पर कारों की गतिसीमा तय की गई।
यह बड़ी जीत थी लेकिन Stop The Kindermord आंदोलन के बाद कार्यकर्ताओं के एक और समूह ने सड़कों पर साइकलों के लिए और ज्यादा जगह की मांग की। इसके लिए ‘ एचल रियल डच साइकलिस्ट्स यूनियन’ की स्थापना हुई, जो सड़क के खतरनाक हिस्सों पर साइकिल चलाने और साइकल चलाने वालों से जुडी समस्याओं पर बात करने लगा।

जब नीदरलैंड में रविवार को सड़कों पर कारें चलनी बंद हुईं

World Bicycle Day: 1973  में जब दुनियाभर में तेल संकट की स्थिति आई और तेल निर्यातक खाड़ी देशों ने इजरायल का समर्थन करने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जापान और नीदरलैंड पर तेल प्रतिबंध लगा दिया तो इन देशों में तेल की कीमतों में चौगुना का इजाफा हो गया। तब तत्कालीन डच प्रधान मंत्री Joop den Uyl ने अपने नागरिकों से नई जीवनशैली अपनाने और ऊर्जा बचाने के बारे में गंभीर होने का आग्रह किया। सरकार ने ये घोषणा भी की कि रविवार के दिन सड़कें कारों से मुक्त रहेंगी यानि उस दिन सड़कों पर कार नहीं चलेंगी। तब रविवार के दिन खाली पड़ी सड़कों पर लोग साइकल चलाने लगे। तब लोगों को महसूस हुआ कि ये जीवन ज्यादा बेहतर है।
धीरे-धीरे, डच राजनेता Bicycle के कई फायदों से अवगत हो गए। उनकी परिवहन प्रणाली में साइकल फिर प्राथमिकता लेने लगी। 1980 के दशक में, डच कस्बों और शहरों ने अपनी सड़कों को और अधिक साइकिल अनुकूल बनाने के उपायों पर काम करना शुरू किया। पूरे नीदरलैंड में साइकिल पथ बनाए गए। खास साइकलों को समर्पित रास्ते और सड़कें बनाई गईं। साइकल चलाने को प्रोत्साहित किया जाना शुरू हुआ।

नीदरलैंड में साइकिलों से ही अधिक दूरी तय की जाती है

नीदरलैंड में 22,000 मील की रिंग रोड हैं, जिनपर खूब साइकिलें चलती हैं। साइकिलों से ही यात्राओं की एक चौथाई से अधिक की दूरी तय की जाती है। एम्स्टर्डम और अन्य सभी प्रमुख डच शहरों में ‘Cycle Civil Workers’ नामित किए गए हैं, जो नेटवर्क को बनाए रखने और सुधारने के लिए काम करते हैं।

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