जन सुराज अभियान के संयोजक प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मचा दी है। जमुई में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर उनकी जन सुराज पार्टी बिहार की सत्ता में आती है, तो वे केवल 15 मिनट में शराबबंदी को समाप्त कर देंगे।
शराबबंदी नीतीश का ई-कॉमर्स मॉडल’: पीके ने बिहार में छेड़ी नई राजनीतिक बहस
प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी मॉडल पर तीखा हमला बोला। उन्होंने इस कानून को एक “ई-कॉमर्स मॉडल” बताते हुए कहा कि इसमें “दुकानें बंद हो गई हैं, लेकिन होम डिलीवरी चालू है।” प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि शराबबंदी कानून की विफलता के कारण राज्य को सालाना करीब 20,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है, जबकि राजनेता और नौकरशाह अवैध शराब के धंधे से मुनाफा कमा रहे हैं।
शराबबंदी कानून ने युवाओं को अपराधी बनाया’: प्रशांत किशोर ने 20,000 करोड़ के राजस्व नुकसान का दावा किया
उन्होंने यह भी कहा कि इस कानून की वजह से गांवों में बड़ी संख्या में युवा इस अवैध धंधे में उतर गए हैं, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति और खराब हुई है। प्रशांत किशोर के अनुसार, गांधी जी ने शराबबंदी को एक सामाजिक प्रयास बताया था, न कि कानून बनाकर लागू करने की बात कही थी।
बिहार की राजनीति में नया मुद्दा: क्या प्रशांत किशोर का शराबबंदी वाला दांव होगा सफल?
प्रशांत किशोर का यह बयान बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकता है, जिसे विपक्षी दल एक ब्रह्मास्त्र की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। यह बयान न केवल नीतीश सरकार के लिए एक चुनौती है, बल्कि बिहार की राजनीति में एक नई बहस को भी जन्म देगा।