गुजरात के अहमदाबाद से एक बेहद दर्दनाक खबर सामने आई है। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, टेक-ऑफ के कुछ ही मिनट बाद क्रैश हो गई। इस भयावह विमान हादसे में क्रू मेंबर समेत 241 लोग मारे गए है। यह हादसा टेक-ऑफ के महज कुछ सेकंड बाद हुआ, जिससे किसी को बचने का मौका तक नहीं मिला।
पायलट ने दी थी इमरजेंसी सिग्नल, What is Mayday Call
क्रैश से ठीक पहले विमान के पायलट ने एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) को रेडियो सिग्नल भेजा था, जिसमें “MAYDAY… MAYDAY… MAYDAY…” कहा गया था। इसके कुछ ही क्षण बाद विमान से कोई सिग्नल नहीं मिला और वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। अब सवाल उठता है कि आखिर पायलट “मेडे” क्यों चिल्लाता है? इसका क्या मतलब होता है और इसकी प्रक्रिया क्या है?
MAYDAY CALL, संकट का सबसे बड़ा अलार्म
MAYDAY एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त आपातकालीन सिग्नल है, जिसे पायलट गंभीर संकट के समय रेडियो पर देता है। इसका अर्थ होता है कि विमान या उसमें सवार यात्री जीवन के गंभीर खतरे में हैं। यह कॉल आमतौर पर तब दी जाती है जब –
विमान का इंजन फेल हो जाए
विमान में आग लग जाए
विमान हाईजैक हो जाए
हवा में किसी टक्कर की आशंका हो
इस सिग्नल को हमेशा तीन बार दोहराया जाता है — “MAYDAY, MAYDAY, MAYDAY”, ताकि एटीसी और अन्य एयरक्राफ्ट इसे गंभीरता से लें। इसका मतलब होता है: “ये कोई ड्रिल नहीं है, विमान संकट में है।”
MAYDAY के बाद क्या होता है? जानिए इमरजेंसी की पूरी प्रक्रिया
जब पायलट MAYDAY कॉल देता है, तब सबसे पहले ATC (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) उस संदेश को रिकॉर्ड करता है और तुरंत हरकत में आता है। इसके बाद विमान से जुड़ी अहम जानकारियां जैसे विमान की लोकेशन, किस तरह की परेशानी है, विमान का फ्लाइट नंबर, इमरजेंसी की प्रकृति मांगी जाती हैं।
इसके बाद शुरू होता है राहत और बचाव ऑपरेशन –
नजदीकी रनवे को खाली कर दिया जाता है
फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस को अलर्ट कर दिया जाता है
एयरपोर्ट की सभी इमरजेंसी टीमें एक्टिव मोड में आ जाती हैं
नजदीकी अस्पतालों को सतर्क कर दिया जाता है
अहमदाबाद हादसे में क्यों नहीं मिल सकी मदद?
DGCA के अनुसार, अहमदाबाद से दोपहर 1:39 पर टेक-ऑफ करने के कुछ सेकंड बाद ही पायलट ने MAYDAY कॉल दी थी। लेकिन क्रैश इतना तेज और अचानक हुआ कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल कोई मदद नहीं कर सका। रेडियो पर सिग्नल मिलने के कुछ ही सेकंड के भीतर संपर्क टूट गया और विमान एयरपोर्ट से कुछ किलोमीटर की दूरी पर गिरकर ध्वस्त हो गया।
क्या जान बचा सकती थी MAYDAY कॉल?
सामान्य तौर पर MAYDAY कॉल देने के बाद अगर कुछ समय मिलता है, तो विमान को सुरक्षित लैंड कराया जा सकता है। लेकिन इस हादसे में प्लेन को रेस्क्यू करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला। हादसे की अचानकता और तेज़ी ने सभी को चौंका दिया। MAYDAY कॉल पायलट का आखिरी और सबसे गंभीर अलर्ट होता है। यह सिस्टम किसी भी इमरजेंसी को पहचानने और मदद पहुंचाने के लिए बना है। लेकिन कई बार परिस्थितियां इतनी तेज होती हैं कि यह सिग्नल भी मदद नहीं कर पाता। अहमदाबाद का हादसा भी एक ऐसा ही दुखद उदाहरण बन गया है। जांच जारी है और पूरे देश की निगाहें अब DGCA की रिपोर्ट पर टिकी हैं।