कभी-कभी CSR सिर्फ कॉर्पोरेट जिम्मेदारी नहीं, बल्कि इंसानियत की असली मिसाल बन जाती है। वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL) ने ऐसा ही कुछ कर दिखाया है। महाराष्ट्र सरकार के ‘मोतियाबिंद मुक्त महाराष्ट्र मिशन’ में उनका योगदान ऐसा है कि बुजुर्गों की आंखों में उजाला लौट आया और ज़िंदगी फिर से मुस्कुराने लगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुद WCL की तारीफ की। उन्होंने कहा – “राज्य सरकार मिशन के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन ऐसे भागीदार साथ हों, तो काम में और भी रफ्तार आ जाती है।”
मोतियाबिंद मुक्त महाराष्ट्र मिशन में वेस्टर्न कोलफील्ड्स का सीएसआर योगदान
दरअसल WCL ने अपने CSR फंड से इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC), नागपुर के साथ हाथ मिलाया। नतीजा करीब 4,000 बुजुर्गों के मोतियाबिंद ऑपरेशन और मजेदार बात ये है कि ये ऑपरेशन फ्री ऑफ कॉस्ट हुए यानी बुजुर्गों को जेब से एक पैसा भी नहीं देना पड़ा! WCL की टीम गांव-गांव जाकर आंखों की जांच कैंप लगा रही है, मरीजों को खुद गाड़ी में बैठाकर अस्पताल ला रही है, ऑपरेशन करवा रही है और फिर सही-सलामत गांव पहुंचा रही है। इलाज से लेकर खाने-पीने तक सब कुछ संस्था खुद देख रही है। IGMC नागपुर को WCL ने नए बेड, ऑपरेशन थिएटर इक्विपमेंट, जांच की मशीनें और मेडिकल सपोर्ट भी दिया है।
Western Coalfields Limited के CSR से हजारों बुजुर्गों की आंखों में लौटी रौशनी
मोतियाबिंद से होने वाली अंधता और उसके उपाय के रूप में 2017 से शुरू किए गए इस मिशन को 2018 में नए सिरे से प्रारंभ किया गया। आने वाले वर्ष 2027 तक इस मिशन को सफलतापूर्वक लागू करने की दिशा में वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL) संस्था, इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC), नागपुर को सहायता प्रदान कर रही है। पिछले वर्ष WCL की सहायता से IGMC नागपुर ने लगभग 4,000 मोतियाबिंद ऑपरेशन किए हैं। साथ ही राज्य सरकार के साथ किए गए करार के तहत अगले तीन वर्षों तक हर साल लगभग 4,000 मोतियाबिंद ऑपरेशन किए जाएंगे, इसमें भी यह संस्था सहयोग प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री फडणवीस ने उम्मीद जताई कि WCL की ये पहल बाकी कंपनियों को भी प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा, “CSR अगर ऐसे ही जमीन पर उतरा, तो महाराष्ट्र जल्द ही मोतियाबिंद मुक्त हो जाएगा।” CSR की इस पहल ने यह साबित कर दिया कि जब दिल से काम होता है, तो बदलाव खुद-ब-खुद नजर आता है। WCL ने सिर्फ आंखों की रोशनी नहीं लौटाई, बल्कि लोगों की ज़िंदगी में उम्मीद की किरण भी जगा दी।