भारतीय महिला कुश्ती की स्टार विनेश फोगाट ने अंतरराष्ट्रीय संन्यास से बड़ा U-टर्न लेते हुए फिर से मैट पर वापसी का ऐलान कर दिया है। कुछ महीनों पहले ही उन्होंने भावुक संदेश के साथ खेल छोड़ने की घोषणा की थी, लेकिन अब उन्होंने साफ कहा है कि उनका अगला सपना 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक है। इस फैसले ने भारतीय कुश्ती जगत में नई ऊर्जा भर दी है।
विनेश फोगाट का सन्यास से बड़ा U-टर्न, 2028 ओलंपिक बना नया लक्ष्य
भारत की दिग्गज महिला पहलवान विनेश फोगाट एक बार फिर सुर्खियों में हैं। कुछ समय पहले अचानक अंतरराष्ट्रीय कुश्ती से सन्यास का ऐलान करके सभी को चौंकाने वाली विनेश ने अब यू-टर्न लेते हुए एक बड़ा निर्णय लिया है। वह दोबारा मैट पर लौटेंगी और उनका अगला लक्ष्य है 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक! यह फैसला न सिर्फ भारतीय कुश्ती जगत के लिए राहतभरी खबर है, बल्कि उन लाखों प्रशंसकों के लिए भी उम्मीद की किरण है जो उन्हें एक बार फिर ओलंपिक पदक की दावेदार के रूप में देखना चाहते हैं।
सन्यास का ऐलान: कब और क्यों लिया बड़ा फैसला
विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक के बाद कुश्ती से संन्यास का अचानक भावनात्मक निर्णय लिया था। 2024 पेरिस ओलंपिक की कड़ी चुनौतियों और लगातार चोटों से जूझने के बाद विनेश ने अक्टूबर 2024 में अंतरराष्ट्रीय कुश्ती से अचानक संन्यास का ऐलान कर दिया था। उनका कहना था कि शरीर पहले जैसा जवाब नहीं दे रहा और मानसिक रूप से भी वह बेहद थक चुकी थी। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय कुश्ती फेडरेशन के विवादों, चयन प्रक्रिया की अनिश्चितता और कई गंभीर चोटों ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया। इसी तनाव और दबाव ने उन्हें खेल से दूर करने का निर्णय लेने पर मजबूर किया।
2028 ओलंपिक ने फिर जगाई जुनून की लौ
कुछ महीनों के ब्रेक, रिकवरी और आत्मचिंतन के बाद विनेश ने महसूस किया कि उनका सफर अधूरा है। उन्होंने कहा कि वह अभी भी शीर्ष स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हैं और उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा है- 2028 ओलंपिक में पदक जीतना। उनकी वापसी की वजहों में, शारीरिक फिटनेस में तेजी से सुधार, कोचों की सलाह और परिवार का समर्थन, प्रशंसकों का भरोसा और भावनात्मक जुड़ाव और खेल के प्रति अधूरा सपना और ओलंपिक लक्ष्य है।
विनेश फोगाट की उपलब्धियां- भारत का चमकता सितारा
विनेश फोगाट ने विश्व मंच पर लगातार दमदार प्रदर्शन किया है।
. दो बार की वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडलिस्ट,
• कॉमनवेल्थ गेम्स में तीन स्वर्ण पदक (2014, 2018, 2022),
• एशियन गेम्स 2018 में स्वर्ण पदक,
• वर्षों तक भारत की ओलंपिक पदक उम्मीदों का मजबूत चेहरा रही हैं।
महिला कुश्ती की पहचान बदलने वाले परिवार का हिस्सा
फोगाट परिवार की नई पीढ़ी में विनेश ने साबित किया कि भारतीय महिला पहलवान विश्व स्तर पर किसी से कम नहीं। उनकी उपलब्धियों ने भारत में महिला कुश्ती की नींव को मजबूत किया। फोगाट परिवार हरियाणा के बलाली गांव का वह प्रेरणास्रोत नाम है जिसने भारतीय महिला कुश्ती की दिशा और पहचान बदल दी। महावीर सिंह फोगाट ने सामाजिक प्रतिबंधों को तोड़ते हुए अपनी बेटियों और भतीजियों को दंगल का दाव सिखाया और इसी निर्णय ने गीता, बबिता, रीता, संगीता और विनेश फोगाट जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहलवानों को जन्म दिया।
गीता बबीता संगीता विनेश- ‘The Phogat Sisters‘
गीता फोगाट भारत की पहली महिला पहलवान बनीं जिन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण जीता और ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया, जबकि बबिता ने भी कॉमनवेल्थ और एशियन स्तर पर कई पदक अपने नाम किए। परिवार की अगली पीढ़ी में विनेश फोगाट सबसे चमकदार चेहरा रहीं, जिन्होंने कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स के स्वर्ण के साथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीतकर भारतीय कुश्ती को नई ऊंचाई दी। संगीता फोगाट ने भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। फोगाट परिवार आज उस संघर्ष, अनुशासन और साहस का प्रतीक बन चुका है जिसने पूरे देश की लड़कियों को खेलों में आगे बढ़ने का आत्मविश्वास दिया और भारत को अंतरराष्ट्रीय कुश्ती के मानचित्र पर मजबूती से स्थापित किया।
भारत के लिए उनकी वापसी का महत्व
भारतीय कुश्ती में विनेश फोगाट की वापसी अनुभव और आत्मविश्वास की बड़ी वापसी है। विनेश की वापसी से भारतीय महिला कुश्ती को न सिर्फ अनुभव मिलेगा, बल्कि युवा खिलाड़ियों को एक मेंटर भी। 2028 ओलंपिक की तैयारी कर रही भारतीय टीम के लिए यह बड़ी राहत है। एक अनुभवी खिलाड़ी टीम के साथ होगी। भारतीय महिला कुश्ती को दोबारा विश्वस्तरीय नेतृत्व मिलेगा। 2028 ओलंपिक के लिए एक अनुभवी खिलाड़ी टीम के साथ होगी। भारत की मेडल उम्मीदें फिर से बढ़ेंगी।
मेडल की उम्मीदें फिर से जगीं
ओलंपिक में भारत की पदक संभावनाओं को अब नई मजबूती मिली है। विनेश का अंतरराष्ट्रीय अनुभव आने वाले वर्षों में टीम की रणनीति और प्रदर्शन दोनों को दिशा देगा। विनेश फोगाट का यह U-टर्न भारतीय कुश्ती के लिए एक नई शुरुआत जैसा है। जहां वह एक समय रिटायरमेंट की घोषणा करके दूर चली गई थीं, अब वह फिर मैट पर लौटने को तैयार हैं
नया लक्ष्य, नई ऊर्जा, नया सपना और एक दमदार वापसी
भारत उनकी वापसी से उत्साहित है और अब एक बार फिर पूरा देश कह रहा है, “विनेश वापसी कर रही हैं और इस बार मंज़िल ओलंपिक पोडियम है!” विनेश फोगाट का यह U-टर्न केवल एक खिलाड़ी की वापसी नहीं है, बल्कि भारतीय कुश्ती के लिए उम्मीद की नई शुरुआत है। जहां एक समय उन्होंने भावुक होकर खेल को अलविदा कहा था, वहीं अब वह नए जोश के साथ लौट रही हैं। लक्ष्य सिर्फ एक- 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक का पदक! उनकी यह वापसी एक बार फिर साबित करती है कि सच्चे खिलाड़ी कभी हार नहीं मानते, बस थोड़ा रुककर, और ताकत से लौटते हैं।
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