MNS कार्यकर्ताओं ने एक मारवाड़ी दुकानदार की जमकर पिटाई की और उसे सरेआम सड़क पर घुमाया। बाद में दुकानदार को पुलिस को सौंप दिया। MNS कार्यकर्ता मारवाड़ी के मराठी विरोधी स्टेटस पर भड़के हुए थे।
अब विक्रोली में दिखाई दी MNS की गुंडागर्दी
मुंबई के विक्रोली इलाके में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने एक मारवाड़ी दुकानदार की जमकर पिटाई की और उसे सरेआम सड़क पर घुमाया। बाद में दुकानदार को पुलिस के हवाले कर दिया गया। दुकानदार का ‘अपराध’ यह था कि उसने सोशल मीडिया पर मराठी लोगों के खिलाफ आपत्तिजनक स्टेटस पोस्ट किया था। इस पोस्ट के विरोध में MNS के विभाग प्रमुख विश्वजीत ढोलम और अन्य पदाधिकारियों ने उस दुकानदार की जमकर पिटाई की। आरोप है कि दुकानदार ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था, “देख लिया राजस्थानी का पावर, मराठी को महाराष्ट्र में ही #% दिया, हम मारवाड़ी हैं, हमारे सामने किसी की नहीं चलती।”
पोस्ट पर भड़के मनसे कार्यकर्ता
इस पोस्ट के वायरल होने के बाद MNS कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए। उन्होंने दुकानदार को पकड़कर उसकी जमकर पिटाई की और फिर उसे सड़क पर परेड करवाई। इस दौरान मौके पर भीड़ जमा हो गई। घटना के बाद MNS कार्यकर्ताओं ने पीड़ित दुकानदार को पुलिस को सौंप दिया। महाराष्ट्र में हालिया दिनों में इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं जहां मनसे कार्यकर्ताओं ने मराठी नहीं बोल पाने वालों पर हमला किया है।
9 जुलाई: हिंदी भाषी ऑटो ड्राइवर को ठाणे में माफी मांगने के लिए मजबूर किया गया
ठाणे जिले में एक हिंदी भाषी ऑटो चालक एक मराठी यात्री के साथ एक बहस के दौरान भिड़ गया जो आगे बढ़कर शारीरिक हो गई। घटना में MNS कार्यकर्ताओं ने हस्तक्षेप किया। 9 जुलाई को, भिवंडी शहर के अध्यक्ष मनोज गुलवी ने ड्राइवर को माफी मांगने के लिए मजबूर किया। गुलवी ने चेतावनी दी कि जो कोई भी भविष्य में मराठी युवक को छूने की हिम्मत करेगा, उसे गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ेगा।
5 जुलाई: MNS ने सोशल मीडिया पोस्ट पर निवेशक सुशील केडिया के वर्ली कार्यालय में तोड़फोड़ की
उद्धव और राज ठाकरे की संयुक्त रैली से कुछ घंटे पहले 5 जुलाई को एमएनएस कार्यकर्ताओं ने स्टॉक मार्केट निवेशक सुशील केडिया के वर्ली कार्यालय में तोड़फोड़ की। पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया। यह हमला X पर केडिया के 3 जुलाई के पोस्ट का जवाब था, जिसमें उन्होंने मनसे प्रमुख राज ठाकरे को टैग किया और लिखा, “30 साल तक मुंबई में रहने के बाद भी, मुझे मराठी ठीक से नहीं आती, और आपकी जानता विरोधी हरकतों के कारण, मैंने संकल्प लिया है कि जब तक आप जैसे लोगों को मराठी हितों की रक्षा करने का नाटक करने से नहीं रोका जाता, मैं मराठी नहीं सीखूंगा। आपको जो करना है, कर लें।”
3 जुलाई: मीरा रोड के बाबूलाल खीमजी चौधरी की हिंदी बोलने को लेकर पिटाई
जोधपुर स्वीट शॉप’ के मालिक 48 साल बाबूलाल खिमजी चौधरी ने पुलिस में दर्ज कराई FIR में बताया कि MNS के लोग पानी की बोतलें खरीदना चाहते थे, लेकिन जब उन्होंने उनसे हिंदी में बात की, तो उन्होंने मराठी में बात करने की मांग की। मैंने कहा कि हम सभी भाषाएं बोलते हैं, इसलिए उन्होंने मुझे पीटने की धमकी दी। बाबूलाल चौधरी ने सवाल किया, “हमें मराठी में क्यों बोलना चाहिए?” MNS कार्यकर्ताओं में से एक ने तुरंत धमकी देते हुए कहा, “मार खाएगा?” बाबूलाल खीमजी ने ज़ोर देकर कहा कि वह मराठी बोलना नहीं जानते, जिससे नाराज़ मनसे कार्यकर्ताओं ने पूछा कि क्या वह उस राज्य और उस राज्य की भाषा से अवगत है जहां वह काम कर रहा है? इसके बाद वह लोग चौधरी के पास पहुंच गए। इसके बाद उन्होंने पूछा कि महाराष्ट्र में कौन सी भाषा बोली जाती है तो चौधरी ने कहा दिया सभी भाषाएं बोली जाती हैं। इसके बाद चौधरी को मनसे कार्यकर्ताओं ने थप्पड़ों से मारा था।
मराठी भाषा को लेकर क्या बोले थे राज ठाकरे
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मराठी के मुद्दे को आगे करते हुए कहा कि मुंबई में कुछ लोग कहते है कि हम मराठी नहीं बोलेंगे। लेकिन जो लोग मराठी नहीं बोलेंगे तो उनके कान के नीचे तमाचा मारने का काम भी किया जाएगा। महाराष्ट्र और मुंबई में मराठी का सम्मान किया जाना चाहिए।
महाराष्ट्र में क्यों गहराया भाषा विवाद
दरअसल, महाराष्ट्र में पिछले कुछ समय से हिंदी और मराठी भाषा को लेकर विवाद चल रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने स्कूलों में तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को अनिवार्य करने का आदेश जारी किया था। हालांकि, बाद में इस आदेश में बदलाव कर सामान्य रूप से हिंदी को तीसरी भाषा बनाने की बात कही गई, जिसमें 20 छात्रों के सहमत होने पर किसी अन्य भारतीय भाषा का विकल्प चुनने की अनुमति दी गई। इस फैसले को विपक्षी दलों, खासकर शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने “हिंदी थोपने” की कोशिश बताया और इसका कड़ा विरोध किया। इसके बाद से ही महाराष्ट्र में भाषा विवाद को लेकर मामले सामने आ रहे हैं।
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