Vaping Dangerous for Health: वेपिंग यानी ई-सिगरेट का चलन युवाओं और बच्चों में तेजी से बढ़ रहा है, और अब इसके खतरनाक नतीजे सामने आने लगे हैं। देश के बड़े डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने इस पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि वेपिंग बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है, बल्कि ये फेफड़ों, दिल और दिमाग तीनों के लिए खतरनाक है। दिल्ली में एक कार्यक्रम में ‘मदर्स अगेंस्ट वेपिंग’ नाम के एक संगठन ने इस मुद्दे पर आवाज बुलंद की। यह संगठन मांओं का एक समूह है जो बच्चों को वेपिंग की लत से बचाने के लिए काम कर रहा है।
What is Vaping: वेपिंग से क्या होता है नुकसान?
लोगों को लगता है वेपिंग सिगरेट से कम हानिकारक है, लेकिन ये पूरी तरह गलत है। वेपिंग करने से खांसी, गला सूखना, सिरदर्द और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, ब्लड प्रेशर बढ़ता है, हार्ट रेट तेज होता है और दिल का दौरा भी पड़ सकता है, वेपिंग डिवाइस से आग लगने की घटनाएं भी हो चुकी हैं, निकोटिन की वजह से डिप्रेशन, चिंता और मानसिक तनाव बढ़ता है।
Vaping Side Effect: बच्चों के दिमाग पर भी असर
बच्चों के दिमाग और फेफड़े अभी पूरी तरह विकसित नहीं होते। ऐसे में वेपिंग से होने वाला नुकसान ज्यादा गंभीर होता है। वेपिंग करने वाले बच्चों में ध्यान लगाने में परेशानी, याददाश्त कमजोर, सीखने की क्षमता घटती है, भावनाओं पर नियंत्रण कमजोर हो जाता है, डाक्टरों ने चेतावनी दी कि सिर्फ एक बार आज़माना भी खतरनाक हो सकता है।
Is Vaping Dangerous for Health: WHO और स्टडीज का क्या कहना है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी ई-सिगरेट और वेपिंग को बच्चों के लिए खतरा बताया है। एक ताजा अमेरिकी रिसर्च (Johns Hopkins Medicine, अप्रैल 2025) में 2.5 लाख लोगों का डाटा देखकर पाया गया कि ई-सिगरेट पीने वालों में फेफड़ों की बीमारी (COPD) और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बहुत ज्यादा है।
डॉक्टरों ने बच्चों और पेरेंट्स को क्या सलाह दी?
वेपिंग से स्टेमिना कमजोर होता है, इम्युनिटी घटती है, और फेफड़ों में इंफेक्शन होता है। बच्चों को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाना जरूरी है, सिर्फ डराकर नहीं, समझाकर रोकना होगा, सोशल मीडिया की चकाचौंध से बच्चों को दूर रखने के लिए मीडिया लिटरेसी सिखाएं, सजा नहीं, समझदारी से बात करें, बच्चों को वैकल्पिक चीजें दें जैसे कला, खेल, और आत्मविश्वास बढ़ाने वाली एक्टिविटी। वेपिंग अब सिर्फ बड़ों की नहीं, बच्चों की भी समस्या बन चुकी है। फेफड़ों से लेकर दिमाग तक पर इसका असर होता है और यह लत गंभीर बीमारियों की वजह बन सकती है। अब जरूरी है कि माता-पिता, स्कूल और समाज सब मिलकर बच्चों को समय पर समझाएं, रोकें और सही दिशा में आगे बढ़ाएं। क्योंकि “विकसित भारत” तभी बनेगा जब हमारे बच्चे स्वस्थ होंगे। वेपिंग को ना कहें एक बार भी नहीं, कभी भी नहीं। बच्चों के फेफड़े और दिमाग के लिए कोई मात्रा सुरक्षित नहीं होती।