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August 23, 2025

पहले धराली, फिर थराली, महीने भर में उत्तराखंड के पहाड़ों पर दूसरी तबाही

The CSR Journal Magazine
उत्तराखंड के पहाड़ों पर इस अगस्त महीने में दो बार बड़ी आपदाएं आई हैं। ये इलाके के लोगों के लिए बेहद दुखद और चुनौतीपूर्ण साबित हुई हैं। महीने की शुरुआत में ही उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने की भीषण घटना हुई थी। इसके बाद शुक्रवार रात चमोली के थराली में भी बादल फटा।

उत्तराखंड के पहाड़ों से फिर बरसी तबाही

उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। भारी बारिश ने पहाड़ों पर आफत मचाई हुई है। जगह-जगह लोग भूस्खलन के चलते डर के साये में जीने को मजबूर हैं। चमोली जिले के थराली में बादल फटने से स्थानीय लोगों का जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया। कई इलाकों में तेज बारिश से हालात बदतर हो गए हैं। पहले धराली, फिर थराली की दोनों घटनाओं ने पहाड़ों की नाजुक हालत को फिर बयां किया है। उत्तराखंड के पहाड़ों पर एक महीने के भीतर आई ये दो प्राकृतिक आपदाएं स्थानीय निवासियों के साथ-साथ पूरे प्रदेश के लिए एक गंभीर चेतावनी बन कर उभरी हैं।

थराली गांव मलबे में तब्दील

शुक्रवार देर रात करीब 1 बजे थराली कस्बे और उसके आसपास के इलाकों में बादल फटने की घटना ने हड़कंप मचा दिया। देखते ही देखते मूसलाधार बारिश के साथ मलबा कई घरों में घुस गया और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। स्थानीय लोगों के मुताबिक थराली बाज़ार, राड़ीबगड़ और चेपडो गांवों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। कई वाहन मलबे में दब गए जबकि कई मकानों में घुसा मलबा लोगों के लिए मुसीबत बन गया। इसमें एक लड़की की मलबे में दबकर मौत हो गई जबकि एक शख्‍स लापता हो गया। पानी के साथ आए मलबे से दुकान, मकान और गाड‍़‍ियों को नुकसान पहुंचा है। फिलहाल 2 लोग लापता हैं। उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

थराली का बाक़ी जिलों से संपर्क टूटा

थराली-ग्वालदम और थराली-सागवाड़ा मार्ग मलबे से अवरुद्ध हो गए, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया। पिंडर और प्राणमती नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा और गहरा गया है। स्थानीय निवासियों के मुताबिक रात को अचानक तेज आवाज के साथ मलबा और पानी आया। दुकान और घर पूरी तरह तबाह हो गए। ऐसा लग रहा था जैसे सब कुछ खत्म हो गया। थराली क्षेत्र में देर रात करीब 1:00 से 1:30 बजे के बीच बादल फटने की घटना हुई, जिससे भारी तबाही मची। इस आपदा से थराली बाजार, तहसील परिसर, कोटदीप, राड़ीबगड़, चेपडो और सागवाड़ा गांव जैसे क्षेत्रों में भारी मात्रा में मलबा और पानी बहकर आया, जिससे कई घर, दुकानें और वाहन मलबे में दब गए।

थराली के स्कूल और आंगनबाड़ी बंद

जिला प्रशासन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए थराली तहसील के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को शनिवार 23 अगस्त 2025 के लिए बंद रखने का आदेश दिया है। जिलाधिकारी डॉक्टर संदीप तिवारी ने बताया कि पुलिस और प्रशासन की टीमें लगातार मौके पर मौजूद हैं। टूनरी गदेरा में बादल फटने से भारी मात्रा में मलबा बहकर आया, जिसने थराली कस्बे और आसपास के गांवों में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया।

SDM आवास मलबे में दफ़न

थराली के तहसील परिसर राड़ीबगड़ में एक बरसाती गदेरा अचानक उफान पर आ गया, जिसमे SDM आवास मलबे से दब गया। SDM समेत अन्य ने रात में ही आवास छोड़ दिया और सुरक्षित जगह पर चले गए। राड़ीबगड़ में गाड़ियों के मलबे में दबने की सूचना है। वहीं कहा जा रहा है कि तीन लोग लापता है। हालांकि अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। राड़ीबगड़ और चेपडो में कई वाहन मलबे में दब गए, और दुकानों को भी नुकसान पहुंचा। बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) मिंग्गदेरा के पास सड़क खोलने के लिए काम कर रहा है ताकि राहत कार्यों को गति मिल सके।

स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर तैनात

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अभिषेक गुप्ता ने बताया कि थराली आपदा में राहत हेतु स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर तैनात कर दी गयी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थराली में वर्तमान में 4 चिकित्सा अधिकारी, 6 स्टाफ नर्स, 1 फार्मासिस्ट, 1 ड्राइवर मय एम्बुलेंस, जीवन रक्षक औषधी सहित अलर्ट पर है। अतिरिक्त 2-108 एम्बुलैंस एवं 2 विशेषज्ञ चिकित्साधिकारी की टीम SDH कर्णप्रयाग से तैनाती की गई है। अतिरिक्त 1 चिकित्साधिकारी PHC देवाल से तैनाती की गई है।

सीएम धामी ने चुस्त की राहत कार्यों की गति

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर दुख जताया और कहा कि प्रशासन, SDRF और पुलिस राहत कार्यों में लगे हैं। उन्होंने स्थिति पर निरंतर निगरानी रखने की बात कही। जिला प्रशासन, पुलिस, SDRF (स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स), और NDRF की टीमें घटनास्थल पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं

5 अगस्त को भी हुई थी भारी तबाही

उत्तराखंड में इस मॉनसून सीजन के दौरान कई बड़े बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। सबसे गंभीर घटना 5 अगस्त 2025 को उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल क्षेत्रों में हुई। उत्तरकाशी में बादल फटने से आई अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) ने धराली और हर्षिल इलाके को तहस-नहस कर दिया। कई घर, होटल और इंफ्रास्ट्रक्चर पानी में बह गए। इस हादसे में कम से कम चार लोगों की मौत हुई, जबकि दर्जनों लोग लापता हुए। सुखी और बगोरी समेत कई गांव प्रभावित हुए, जहां घरों और कृषि संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ। वही रुद्रप्रयाग में जुलाई के आखिर में केदारघाटी क्षेत्र में बादल फटने से आई बाढ़ ने यहां भी कहर बरपाया। कई घर और गाड़ियां मलबे में दब गई और नदियां उफान पर आ गई। धराली की तबाही इस कदर भयावह थी कि अब तक राहत कार्य चल रहा है।
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