Project Praveen Skill Development: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा युवाओं को रोजगार योग्य बनाने की दिशा में शुरू किया गया ‘प्रोजेक्ट प्रवीण’ राज्य में तेजी से प्रगति कर रहा है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 25,000 से अधिक छात्र-छात्राओं को रोजगारोन्मुखी कौशल में प्रशिक्षित किया जा चुका है। यह पहल शिक्षा और रोजगार के बीच की दूरी को पाटने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम माना जा रहा है। UP Government Schemes for Youth
स्कूलों में शुरू हुआ स्किल डेवलपमेंट, 56 जिलों के 179 स्कूलों में चल रहा प्रशिक्षण
शैक्षिक सत्र 2024-25 के अंतर्गत इस योजना को राज्य के 56 जिलों के 179 राजकीय विद्यालयों में लागू किया गया है। यहां 14 विभिन्न Job Roles में युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो वर्तमान उद्योगों की मांग के अनुसार हैं। इसके माध्यम से युवाओं को उनके स्थानीय परिवेश में ही रोजगार के अवसरों के लिए तैयार किया जा रहा है। Employment Opportunities in UP
Project Praveen Skill Development: बालिकाओं को मिल रहा मुफ्त प्रशिक्षण
इस योजना की एक और खास बात यह है कि इसमें बालिकाओं को प्राथमिकता दी गई है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय और अन्य बालिका विद्यालयों में छात्राओं को पूरी तरह निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस पहल से लड़कियों के आत्मनिर्भर बनने की राह आसान हो रही है, जिससे वे भी भविष्य में आर्थिक रूप से स्वतंत्र और सक्षम बन सकें।
Project Praveen Skill Development: समावेशी विकास की दिशा में बड़ा कदम
प्रोजेक्ट प्रवीण राज्य में Inclusive Development का उदाहरण बन रहा है, जिसमें ग्रामीण, शहरी और पिछड़े इलाकों के युवाओं को भी समान अवसर मिल रहे हैं। योजना का लक्ष्य न केवल रोजगार देना है, बल्कि आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की भावना भी पैदा करना है।
उत्तर प्रदेश को मिल रही आत्मनिर्भर युवा पीढ़ी
सरकार का कहना है कि यह योजना न केवल युवाओं को रोजगार दिला रही है, बल्कि उन्हें नवाचार और उद्यमिता के लिए भी प्रेरित कर रही है। आने वाले समय में यह युवा शक्ति उत्तर प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
Skill Development के ये अकड़े हैं अहम
अब तक 25,000+ छात्रों को मिल चुका है प्रशिक्षण, 179 राजकीय स्कूलों में 14 प्रकार के जॉब रोल्स पर प्रशिक्षण, बालिकाओं को विशेष प्राथमिकता, निःशुल्क प्रशिक्षण, शिक्षा और रोजगार के बीच की दूरी पाटने की पहल, युवाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में कारगर कदम।