मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) की पारदर्शी नीतियों और औद्योगिक विकास को लेकर किए गए ठोस प्रयासों का असर अब जमीन पर दिखने लगा है। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा – U.P. State Industrial Development Authority) आज सिर्फ एक जमीन आवंटित करने वाला विभाग नहीं रह गया है, बल्कि यह अब निवेश को बढ़ावा देने, रोजगार सृजन करने और आधुनिक अधोसंरचना तैयार करने की दिशा में एक मजबूत स्तंभ बन चुका है।
तीन गुना हुआ राजस्व, निवेशकों का बढ़ा भरोसा
2021–22 के मुकाबले यूपीसीडा का राजस्व अब तीन गुना से अधिक हो चुका है। वित्त वर्ष 2023–24 में यूपीसीडा ने ₹1,898 करोड़ का और 2024–25 में अनुमानित ₹1,937 करोड़ का राजस्व दर्ज किया है। यह न सिर्फ आर्थिक मजबूती का संकेत है, बल्कि इस बात का प्रमाण भी है कि निवेशक उत्तर प्रदेश (Investment in Uttar Pradesh) को एक विश्वसनीय औद्योगिक गंतव्य मान रहे हैं। बीते तीन वर्षों में यूपीसीडा ने 1,600 से अधिक औद्योगिक भूखंड आवंटित किए हैं। सिर्फ 2024–25 में ही 798 भूखंडों का आवंटन हुआ, जिससे प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियां तेज हुई हैं और युवाओं के लिए हजारों रोजगार के अवसर खुले हैं।
₹700 करोड़ का निवेश, 4,800 नई नौकरियां
मई 2025 में आयोजित एक मेगा आवंटन योजना के तहत यूपीसीडा ने 113 भूखंडों का आवंटन कर ₹700 करोड़ का निवेश आकर्षित किया है। इससे सीधे तौर पर 4,800 से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावना है। डिजिटल इंडिया मिशन के अनुरूप यूपीसीडा ने सिर्फ दो ऑनलाइन सेवाओं से शुरुआत की थी, जो अब बढ़कर 42 हो चुकी हैं। निवेश मित्र पोर्टल, ई-नीलामी, ऑनलाइन भुगतान और शिकायत निवारण जैसी सेवाओं के माध्यम से अब तक 31,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 96% का समाधान किया जा चुका है। इससे निवेशकों को पारदर्शिता और समयबद्ध सेवाएं मिली हैं। Industrial Development in Uttar Pradesh
₹6,190 करोड़ का अधोसंरचना बजट
औद्योगिक क्षेत्रों में स्मार्ट सड़कों, जल आपूर्ति, सीवरेज नेटवर्क और 24×7 बिजली जैसी आधुनिक सुविधाएं विकसित करने के लिए यूपीसीडा ने 2025–26 के लिए ₹6,190 करोड़ का रिकॉर्ड बजट रखा है। यह उत्तर प्रदेश को उद्योगों के लिए और अधिक अनुकूल बनाने की दिशा में अहम कदम है। योगी सरकार की “कम खर्च, ज्यादा परिणाम” नीति के तहत यूपीसीडा ने प्रशासनिक खर्च में 9% की कटौती की है। वहीं, अधोसंरचना पर खर्च 2017–18 के ₹104 करोड़ से बढ़कर 2023–24 में ₹415 करोड़ हो गया है, जो कि सरकार की प्राथमिकता को दर्शाता है।
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा, हरित विकास की दिशा में यूपीसीडा
औद्योगिक क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए यूपीसीडा ने पिंक टॉयलेट्स, डॉरमेट्रीज और महिला हेल्प डेस्क की शुरुआत की है। साथ ही, अटल औद्योगिक अधोसंरचना मिशन के तहत महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण और स्वास्थ्य सुविधाएं भी दी जा रही हैं। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए यूपीसीडा ने हरित पट्टियों, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन तथा प्रदूषण नियंत्रण जैसे उपाय अपनाए हैं। इससे उद्योगों और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाया जा रहा है।
भविष्य की दिशा, भारत का औद्योगिक इंजन बनेगा उत्तर प्रदेश
छोटे और मध्यम उद्यमों को किफायती दरों पर भूखंड और आसान प्रक्रियाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। वहीं बड़े निवेशकों के लिए विशेष क्लस्टर जोन और नीति सहायता दी जा रही है। इससे उद्योगों को सही माहौल और सुविधाएं मिल रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपीसीडा अब सिर्फ एक विभाग नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के औद्योगिक भविष्य का मजबूत आधार बन चुका है। नीति, नियोजन और निष्पादन के इस त्रिकोण पर आधारित यूपी मॉडल अब देश भर के लिए एक नजीर बनता जा रहा है। उत्तर प्रदेश का औद्योगिक विकास अब सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं, बल्कि ज़मीन पर दिखने लगा है। यूपीसीडा की सफलता साबित करती है कि अगर नीति में पारदर्शिता हो, तकनीक का बेहतर इस्तेमाल हो और नेतृत्व मजबूत हो, तो कोई भी राज्य औद्योगिक क्रांति का अगुवा बन सकता है। योगी सरकार के विजन के साथ उत्तर प्रदेश निश्चित ही देश का अगला औद्योगिक इंजन बनने की ओर तेजी से अग्रसर है।