UP Vridha Pension: उत्तर प्रदेश सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन योजना में पारदर्शिता लाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार अब पेंशन पाने वाले 61 लाख बुजुर्गों का दोबारा सत्यापन करा रही है। इसका मकसद यह है कि पेंशन सिर्फ उन्हीं को मिले जो वाकई इसके हकदार हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को आदेश दिए हैं कि यह काम 25 मई 2025 तक हर हाल में पूरा हो जाना चाहिए।
वृद्धा पेंशन योजना से कौन हटेगा, कौन जुड़ेगा?
जिन बुजुर्गों की मृत्यु हो चुकी है या जो योजना के पात्र नहीं हैं, उन्हें सूची से हटाया जाएगा। उनकी जगह नए और जरूरतमंद बुजुर्गों को पेंशन दी जाएगी। समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कहा, “सरकार बुजुर्गों की इज्जत और जरूरत का पूरा ख्याल रख रही है।”
UP Vridha Pension: कौन-कौन ले सकता है पेंशन?
उम्र 60 साल या उससे ज्यादा होनी चाहिए। गांव में रहने वाले बुजुर्गों की सालाना आमदनी ₹46,080 से कम होनी चाहिए। शहर के बुजुर्गों की आमदनी ₹56,460 से कम होनी चाहिए। सत्यापन गांवों में बीडीओ और शहरों में एसडीएम या नगर निकाय के अधिकारी करेंगे। Old age pension audit begins in UP: new eligible seniors to be added, ineligible and deceased beneficiaries to be dropped
UP Vridha Pension: गलती करने पर कार्रवाई
अगर किसी जिंदा बुजुर्ग को मृत दिखाया गया या किसी अपात्र को जोड़ दिया गया, तो संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई होगी। 10% मामलों का क्रॉस चेक भी होगा ताकि कोई गड़बड़ी न हो। ‘जीरो पावर्टी’ यानी सबसे गरीब परिवारों को भी इस योजना से जोड़ा जा रहा है। जून से इन बुजुर्गों को पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी।
आधार लिंकिंग से पारदर्शिता
अब पेंशन आधार, मोबाइल नंबर और बैंक खाते से लिंक होगी। इससे ये पक्का होगा कि कोई एक से ज्यादा बार पेंशन न ले सके। सरकार चाहती है कि पेंशन उन्हीं को मिले जो वाकई जरूरतमंद हैं। इससे न सिर्फ अपात्र हटेंगे, बल्कि कई गरीब और अकेले बुजुर्गों को पहली बार पेंशन मिल सकेगी। UP Vridha Pension