30 लाख से अधिक मामलों का निस्तारण, 30 दिनों में हटेंगे फिटनेस-परमिट और ट्रांसफर ब्लॉक
Uttar Pradesh E-Challan: उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने जनता को बड़ी राहत देते हुए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। विभाग ने 2017 से 2021 तक के सभी गैर-कर (Non-Tax) ई-चालानों (E Challans) को समाप्त करने का निर्णय लिया है। अब गाड़ी मालिकों को पुराने चालानों की वजह से फिटनेस, परमिट, वाहन ट्रांसफर और एचएसआरपी (High Security Registration Plate) जैसी सुविधाओं में आने वाली बाधाओं से छुटकारा मिलेगा।
Uttar Pradesh E-Challan: पोर्टल पर दिखेगा नया स्टेटस
परिवहन विभाग ने बताया कि अब इन चालानों को पोर्टल पर दो श्रेणियों में दिखाया जाएगा: Disposed – Abated: यदि मामला कोर्ट में लंबित था। Closed – Time-Bar (Non-Tax): यदि चालान ऑफिस स्तर पर पेंडिंग था और समय-सीमा निकल चुकी है। यह केवल क्लोजर होगा, न तो किसी को रिफंड मिलेगा और न ही पुराने चालान दोबारा खोले जाएंगे।
30 लाख से अधिक मामलों का होगा निस्तारण
आंकड़ों के मुताबिक 2017 से 2021 के बीच 30.52 लाख ई-चालान बने थे। इनमें से 17.59 लाख का निस्तारण पहले ही हो चुका है। शेष 12.93 लाख लंबित चालानों (10.84 लाख कोर्ट में और 1.29 लाख ऑफिस स्तर पर) का निपटारा अब डिजिटल माध्यम से किया जाएगा। फ्रंट-एंड पर सभी ब्लॉक्स हटा दिए जाएंगे जबकि बैक-एंड पर पूरा रिकॉर्ड और ऑडिट ट्रेल सुरक्षित रखा जाएगा, जिससे प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहे।
Uttar Pradesh E-Challan: जनता को क्या करना है?
यदि आपका चालान 2017 से 2021 का है और अभी भी लंबित दिख रहा है, तो 30 दिन बाद परिवहन पोर्टल पर जाकर स्थिति जांचें। कोर्ट में लंबित प्रकरण “Disposed – Abated” और ऑफिस में पेंडिंग केस “Closed – Time-Bar” की श्रेणी में दिखेंगे। टैक्स से जुड़े चालान इस राहत में शामिल नहीं होंगे। सहायता के लिए हेल्पलाइन 149 या नजदीकी RTO/ARTO से संपर्क किया जा सकता है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
परिवहन विभाग का मानना है कि यह कदम पारदर्शिता और नागरिक सुविधा बढ़ाने के लिए जरूरी था। चालानों की पेंडेंसी की वजह से लाखों लोग वाहन से जुड़े काम जैसे फिटनेस, परमिट नवीनीकरण या ट्रांसफर नहीं करा पा रहे थे। अब इन बाधाओं को दूर कर सेवा को सरल और त्वरित बनाया जाएगा।
परिवहन आयुक्त का बयान
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा, “यह फैसला पूरी तरह कानूनी, पारदर्शी और जन-हितैषी है। हमारा लक्ष्य नागरिकों को सुगमता, सुरक्षा और सम्मानजनक सेवा उपलब्ध कराना है। अधिकारी-कर्मचारी तय समय में शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करें।” यूपी परिवहन विभाग का यह कदम न केवल लाखों वाहन स्वामियों को राहत देगा, बल्कि विभागीय कार्यशैली को भी और अधिक Transparent, Accountable और Citizen Friendly बनाएगा। आने वाले 30 दिनों में जब सभी ब्लॉक्स हटेंगे, तब जनता को वास्तव में इस फैसले की बड़ी राहत महसूस होगी।