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September 17, 2025

शाहजहांपुर में जमीन में जिंदा दफन मिली 15 दिन की बच्ची, पुलिस ने सुरक्षित बाहर निकाला 

The CSR Journal Magazine
शाहजहांपुर जिले के जैतीपुर क्षेत्र में रविवार को करीब 15 दिन की जीवित बच्ची जमीन में दफन मिली। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने बच्ची को जमीन से बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया।

ज़मीन में ज़िंदा दफ़न मिली 15 दिन की बच्ची

पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने रविवार को बताया कि जैतीपुर थाना क्षेत्र के गोडापुर गांव में गौहावर जाने वाले मार्ग पर बहगुल नदी के पुल के किनारे किसी अज्ञात व्यक्ति ने नवजात बच्ची को ज़िंदा ही एक फुट गहरे गड्ढे में दबा दिया। बकरी चराने गए ग्रामीण ने बच्ची के रोने की आवाज सुनकर शोर मचाया। तब उसे निकालकर उपचार के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज भेजा गया। अब वहां न्यू बोर्न केयर यूनिट (SNCU) में उसका इलाज चल रहा है। लगभग 15 दिन की बच्ची कुछ छोटे पेड़ों के बीच जमीन में दबी थी और उसके रोने की आवाज सुनकर एक ग्रामीण ने पास जाकर देखा तो बच्ची का एक हाथ जमीन से बाहर निकला हुआ था। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची को बाहर निकाला।

रोने की आवाज़ सुनकर ढूंढा गांववालों ने

दरअसल, जब एक ग्रामीण कुछ छोटे पेड़ों के पास से गुजर रहा था, तभी उसे मिट्टी के नीचे से रोने की आवाज सुनाई दी। पास जाकर देखने पर उसने पाया कि एक नवजात बच्ची का हाथ जमीन से बाहर निकला हुआ था। इस दिल दहला देने वाली स्थिति को देखकर उसने तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दी। सूचना मिलते ही जैतीपुर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने बताया कि पुलिस ने बहुत सावधानी से मिट्टी हटाकर बच्ची को बाहर निकाला। बच्ची की सांसें चल रही थीं, जिसके बाद उसे तुरंत स्थानीय सरकारी अस्पताल भेजा गया। ग्रामीणों के अनुसार, मासूम को जमीन में दफनाने वाले ने सांस लेने के लिए थोड़ी सी जगह छोड़ी थी।

चींटियों ने काट खाया मासूम को

वहीं इस बात की जानकारी लगते ही लोगों की भीड़ जमा हो गई, बच्ची को बाहर निकाला गया। बच्ची के कान-मुंह में मिट्टी भरी हुई थी, हाथ से खून बह रहा था और उसकी छोटी-छोटी उंगलियां आपस में जुड़ी हुई थीं। डॉक्टर बताते हैं कि चींटियों के काटने के साथ-साथ कौवे की चोंच से भी उसकी नाजुक देह पर चोटें पाई गई हैं। थाना प्रभारी गौरव त्यागी ने बताया कि उसके माथे पर तिलक का निशान भी मिला है, जिससे संकेत मिलता है कि यह मासूम किसी परिवार में पल रही थी और संभवतः छठी पूजा के दौरान इसकी देखभाल की जा रही थी। परंतु समाज की विकृति और दुर्भाग्यपूर्ण सोच ने इसे इस दरिंदगी की ओर धकेल दिया।

बच्ची स्थिर हालत में

बच्ची की नाजुक हालत को देखते हुए उसे शाहजहांपुर के मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य राजेश कुमार ने बताया कि बच्ची को गहन देखभाल इकाई (ICU) में रखा गया है और उसकी हालत अब स्थिर है। डॉक्टरों की टीम लगातार उस पर नजर रखे हुए है।

नवजात के साथ क्रूरता दिखानेवाले की तलाश

पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक द्विवेदी ने कहा कि यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि बच्ची किसकी है और उसे किसने इस तरह बेरहमी से दफनाया। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है और लोग इस क्रूरता पर हैरानी जता रहे हैं।
यह दर्दनाक घटना समाज के हर व्यक्ति को यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर ऐसी विकृत मानसिकता कहां से आ रही है, जो नन्हीं मासूम की ज़िंदगी पर बेरहमी से वार करती है? ख़ुद को सभ्य और विकसित कहने वाले समाज में आज भी लिंग भेद करने वाले लोग काओं हैं? आज हम सबकी इंसानियत की परीक्षा ली जा रही है। इस घटना ने चेताया है कि अगर ख़ुद को सभ्य कहलाने की चाहत है, तो हमारी जिम्मेदारी है कि ऐसी निर्दयता को रोकें और हर मासूम को प्यार व सुरक्षा दें जिसकी वो हकदार है।
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