उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए लगातार नई योजनाएं ला रही है। इन्हीं प्रयासों की एक अहम कड़ी है ‘खेत तालाब योजना’, जिसके जरिए वर्षा जल संचयन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस योजना के तहत किसानों को खेत में छोटे तालाब खुदवाने पर आर्थिक मदद दी जाती है। अब तक 37,403 खेत तालाबों का निर्माण कराया जा चुका है, जिससे लाखों किसानों को लाभ मिल रहा है। DBT Subsidy for Farmers in Uttar Pradesh
किसानों के हित में डबल इंजन सरकार का बड़ा कदम
केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार, दोनों मिलकर किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में प्रयासरत हैं। खेत तालाब योजना उन्हीं प्रयासों का परिणाम है, जो किसानों को सिंचाई के लिए वैकल्पिक जल स्रोत मुहैया कराता है। इस योजना के अंतर्गत 2025-26 के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और किसान अब https://agridarshan.up.gov.in पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। Yogi Government Agriculture Schemes
खेत तालाब की लागत और अनुदान की पूरी जानकारी
इस योजना के तहत किसानों को 22 मीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा और 3 मीटर गहरा लघु तालाब खुदवाना होगा।
निर्धारित लागत: ₹1,05,000
सरकारी अनुदान: ₹52,500
कृषक अंश: ₹52,500
किसानों को सबसे पहले पोर्टल पर जाकर 1,000 रुपये टोकन मनी के रूप में ऑनलाइन जमा करनी होगी। इसके बाद किसान को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से टोकन की पुष्टि भेजी जाएगी। यदि किसान द्वारा निर्धारित समय में जरूरी दस्तावेज (खसरा, खतौनी, घोषणा पत्र आदि) पोर्टल पर अपलोड नहीं किए जाते हैं, तो बुकिंग रद्द कर दी जाएगी और सूची में अगले किसान को मौका मिलेगा।
DBT से मिलेगा दो किस्तों में पैसा
इस योजना में किसानों को अनुदान की राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से दो किस्तों में दी जाएगी। हालांकि, इसके लिए जरूरी शर्त यह है कि किसान के खेत में ड्रिप या स्प्रिंकलर जैसी सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली पहले से लगी हो या फिर तालाब निर्माण के साथ वह इसे स्थापित करें। जो किसान पहले से सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का प्रयोग कर रहे हैं, वही प्राथमिकता में रखे जाएंगे। बाकी किसानों को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली लगाने के लिए उद्यान विभाग से त्रिपक्षीय अनुबंध दिखाना होगा।
पंप सेट पर भी मिलेगा 15 हजार तक का अनुदान
केवल तालाब ही नहीं, बल्कि किसानों को सिंचाई के लिए पंप सेट लगाने पर भी सरकार आर्थिक सहायता दे रही है। तालाब निर्माण पूरा कर चुके और सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली वाले किसानों को 50 फीसदी या अधिकतम ₹15,000 प्रति इकाई का अनुदान भी मिलेगा। इसके लिए जल्द ही अलग पोर्टल शुरू किया जाएगा। Online Registration for Farm Pond
2017 से अब तक बन चुके हैं 37,403 खेत तालाब
प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने जानकारी दी कि वर्ष 2017-18 से अब तक 37,403 खेत तालाबों का निर्माण करवाया जा चुका है। ये तालाब न सिर्फ जल संचयन के काम आ रहे हैं, बल्कि इससे सूखा प्रभावित क्षेत्रों में भी सिंचाई व्यवस्था बेहतर हुई है। इससे किसानों की फसल उत्पादन क्षमता बढ़ी है और उन्हें अधिक लाभ मिल रहा है।
जल संरक्षण और आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में बड़ा प्रयास
‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ जैसी योजनाओं के जरिए केंद्र सरकार पहले ही जल संरक्षण और दक्ष सिंचाई को बढ़ावा दे रही है। खेत तालाब योजना उसी दिशा में एक मजबूत कदम है। इससे बारिश के पानी का संचयन होता है। बोरिंग पर निर्भरता कम होती है। सिंचाई की लागत घटती है। फसलों की उत्पादकता बढ़ती है।
किसानों से अपील
प्रदेश सरकार ने सभी पात्र किसानों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द https://agridarshan.up.gov.in पोर्टल पर जाकर अपना पंजीकरण कराएं और योजना का लाभ उठाएं। योजना की विस्तृत जानकारी के लिए किसान अपने जिले के कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क भी कर सकते हैं। ‘खेत तालाब योजना’ उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए जल संकट से उबरने और सिंचाई को सुलभ बनाने की दिशा में एक उपयोगी और दूरदर्शी कदम है। सरकार की मंशा है कि वर्षा जल का अधिकतम उपयोग कर किसानों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाया जाए। आने वाले वर्षों में यह योजना राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन सकती है।