उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मजदूर के नाम पर काग़ज़ पर फ़र्ज़ी फर्म बनाकर 24 करोड़ 55 लाख 80 हजार रुपये का टर्नओवर दिखाया गया। इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ, जब मजदूरी करके परिवार चलाने वाले रोहित सरोज को 4 करोड़ 42 लाख 4 हजार 400 रुपये का GST भुगतान नोटिस मिला। नोटिस मिलते ही रोहित और उनके परिवार के पैरों तले जमीन खिसक गई। पीड़ित ने इस जालसाजी के खिलाफ पुलिस महानिरीक्षक समेत अन्य अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।
रोज़ कुआं खोदकर पानी पीने की हालत- 4 करोड़ का GST बिल
मामला जौनपुर के मुंगराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के धौरहरा गांव का है। यहां रहने वाले रोहित सरोज की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। रोहित और उनके बड़े भाई मजदूरी करके महीने में 10 से 15 हजार रुपये कमाते हैं, जिससे किसी तरह परिवार का भरण-पोषण हो पाता है, लेकिन जालसाजों ने उनके नाम पर ऐसी साजिश रची कि उन्हें करोड़ों रुपये का GST नोटिस थमा दिया गया।
नोटिस से खुला फर्जीवाड़े का राज
30 अगस्त को जौनपुर के उपायुक्त राज्यकर एवं सहायक आयुक्त GST की ओर से रोहित सरोज को एक नोटिस जारी किया गया। नोटिस में आरोप लगाया गया कि रोहित ने आर.के. ट्रेडर्स नामक फर्म के जरिए एक महीने में 24 करोड़ 55 लाख 80 हजार रुपये का टर्नओवर किया, लेकिन इसका GST जमा नहीं किया। नोटिस में 4 करोड़ 42 लाख 4 हजार 400 रुपये का GST बकाया बताया गया। इस नोटिस ने रोहित और उनके परिवार को हतप्रभ कर दिया। परिवार ने अधिकारियों को बताया कि वे गरीब मजदूर हैं और उनका कोई व्यवसाय नहीं है। अधिकारियों ने सूचित किया कि आर.के. ट्रेडर्स फर्म में रोहित के दस्तावेजों का उपयोग करके यह लेनदेन दिखाया गया है। पीड़ित को 10 सितंबर को जौनपुर GST कार्यालय में तलब किया गया है।
फर्म का पता और लेनदेन का विवरण
पीड़ित रोहित कुमार सरोज को भेजी गई नोटिस में उपायुक्त राज्य कर जौनपुर एवं सहायक आयुक्त केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर जौनपुर 1 द्वारा दिनांक 30/8/25 को भेजे गए नोटिस में बताया गया है कि फर्म आर के ट्रेडर्स नीभापुर मुंगरा बादशाहपुर बिल्डिंग नंबर 00 जिला जौनपुर उत्तर प्रदेश पिनकोड 222202, STIN 09NQEP59300E121 द्वारा वर्ष 2025-26 माह जून में कुल 24 करोड़ 55 लाख 80 हजार का टर्नओवर घोषित किया है, जिसका 4 करोड़ 42 लाख 04 हजार 400 रुपये IGST चार्ज किया गया है। लेनदेन में एक अज्ञात व्यक्ति का मोबाइल नंबर- 9117976438 और बिलिंग नंबर (00) दर्ज है, साथ ही GSTIN नंबर UPGAU09NQCPS9300E1Z1 का उल्लेख है।
नौकरी का लालच देकर आधार, पैन डिटेल मांगा
रोहित सरोज ने बताया कि कुछ समय पहले उनके पास एक अज्ञात नंबर से फोन आया था। कॉल करने वाले ने खुद को उनका दूर का रिश्तेदार बताकर नौकरी दिलाने का लालच दिया। उसने फोन पर ही रोहित से आधार कार्ड, पैन कार्ड और एक ओटीपी मांगा, जो रोहित ने अनजाने में दे दिया। नौकरी तो नहीं मिली, लेकिन अब उनके नाम पर करोड़ों का फर्जीवाड़ा सामने आया। GST नोटिस मिलने के बाद रोहित और उनका परिवार सदमे में है। उनका कहना है कि मजदूरी करके जीवन चलाने वाले लोग करोड़ों रुपये का भुगतान कैसे कर सकते हैं? रोहित ने इस जालसाजी के खिलाफ पुलिस महानिरीक्षक और अन्य अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की मांग की है। मुंगराबादशाहपुर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जालसाजों का पता लगाने में जुट गई है।
कर्नाटक के सब्ज़ीविक्रेता को मिला 29 लाख का GST बिल
जुलाई 2025 में कर्नाटक के हावेरी में सब्जी बेचने वाले एक छोटे दुकानदार को 29 लाख रुपये का नोटिस मिला। नोटिस देखते ही सब्जी दुकानदार के होश उड़ गए। GST नोटिस के अनुसार शंकरगौड़ा नाम के इस विक्रेता ने पिछले चार साल में 1.63 करोड़ रुपए के UPI लेनदेन किए, जिसके आधार पर GST विभाग ने उसे 29 लाख का GST रिटर्न का नोटिस भेजा। बार-बार डिजिटल ट्रांजैक्शन ने GST अफसरों को शक में डाला, जिससे उसे ये नोटिस दिया गया। इन घटनाओं के बाद बेंगलुरु और मैसूर जैसे शहरों में छोटे दुकानदारों ने डर की वजह से UPI छोड़कर नकद लेनदेन पर जोर देना शुरू कर दिया था।
GST क्या है
GST या गुड्स और सर्विस टैक्स, वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया गया एक अप्रत्यक्ष टैक्स है। यह हर वैल्यू एडिशन पर लगाया जाने वाला एक मल्टी-स्टेज, डेस्टिनेशन-ओरिएंटेड टैक्स है। यह कई अप्रत्यक्ष टैक्स जैसे VAT, एक्साइज़ ड्यूटी, सर्विस टैक्स आदि को रिप्लेस करता है। पूरे भारत में वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले सभी अप्रत्यक्ष टैक्स को एक ही कानून के अंतर्गत लाया गया है। इस व्यवस्था में, बिक्री के हर प्वाइंट पर टैक्स लगाया जाता है।
GST (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) का इतिहास
GST का इतिहास रोचक है। इसे पहले फ्रांस में 1954 में टैक्स व्यवस्था के रूप में लागू किया गया था और बाद में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, स्पेन, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, मोनाको आदि सहित कई देशों द्वारा अपनाया गया था। भारत में, तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, एक टास्क फोर्स के एक समिति की स्थापना के बाद GST 2000 में लागू हुआ। वित्त मंत्रालय के सलाहकार, विजय एल. केलकर के नेतृत्व में उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला कि GST भारत में टैक्स संरचना में सुधार करने में मदद कर सकता है। 2006 में, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 1 अप्रैल 2010 से GST का परिचय प्रस्तावित किया। लेकिन, GST कानून की शुरुआत को आसान बनाने के लिए संविधान संशोधन बिल 2011 में शुरू किया गया था। लेकिन, लोक सभा में चार अनुपूरक GST बिल पारित किए गए और कैबिनेट द्वारा अप्रूव किए गए। बाद में, GST 1 जुलाई, 2017 को लागू हुआ।
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