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November 10, 2025

अब दीवारें बोलेंगी कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों के बेटियों की सफलता की कहानी

The CSR Journal Magazine
उत्तर प्रदेश की बेटियों को नया सम्मान और प्रेरणा देने के लिए योगी सरकार ने एक अनोखी पहल शुरू की है। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के मार्गदर्शन में राज्य के सभी कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (KGBV) में अब उन छात्राओं के नाम डिस्प्ले बोर्ड पर दर्ज किए जाएंगे, जिन्होंने अपने परिश्रम और लगन से समाज में विशिष्ट पहचान बनाई है। यह बोर्ड हर वर्ष अपडेट होंगे ताकि आने वाली पीढ़ियों को यह दिखाया जा सके कि मेहनत और आत्मविश्वास से कोई भी बेटी अपने सपनों को साकार कर सकती है।

कस्तूरबा से करियर तक, अब हर बेटी बनेगी प्रेरणा

राज्य परियोजना कार्यालय (बेसिक) द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि हर कस्तूरबा विद्यालय में एक विशेष डिस्प्ले बोर्ड लगाया जाएगा, जिसमें उन बालिकाओं के नाम, विद्यालय में अध्ययन अवधि और उनकी उपलब्धियों का विवरण अंकित होगा। ये उपलब्धियां शिक्षा, खेल, कला, समाज सेवा या किसी भी क्षेत्र से जुड़ी हो सकती हैं। हर वर्ष इन बोर्डों को Update किया जाएगा, ताकि विद्यालय की दीवारें अपनी पूर्व छात्राओं की Success Stories बताती रहें।

बेटियों की मेहनत को मिलेगा सम्मान

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि कस्तूरबा विद्यालयों की बालिकाएं हमारी शक्ति और प्रेरणा हैं। उनकी मेहनत का सम्मान होना चाहिए। अब हर बेटी को यह महसूस होगा कि उसकी उपलब्धि सिर्फ उसके लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल समाज में महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) की दिशा में बड़ा कदम है।

समिति की सिफारिश पर शुरू हुआ अभियान

यह प्रेरक निर्णय उत्तर प्रदेश विधान मंडल की महिला एवं बाल विकास संबंधी संयुक्त समिति की सिफारिश पर लिया गया है। समिति ने वाराणसी, चंदौली, जौनपुर और कानपुर जिलों के स्थलीय निरीक्षण के बाद अपने 23वें प्रतिवेदन में सुझाव दिया था कि विद्यालयों की पूर्व छात्राओं की उपलब्धियों को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया जाए, ताकि वर्तमान छात्राओं को प्रेरणा मिल सके।

प्रेरित होंगी नई पीढ़ियां

स्कूल शिक्षा की महानिदेशक मोनिका रानी ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य यह है कि वर्तमान में पढ़ने वाली बालिकाएं अपनी पूर्ववर्ती साथियों की सफलता देखकर प्रेरित हों। इससे उनके अंदर आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ेंगी। उन्होंने इसे कस्तूरबा से करियर तक की प्रेरक यात्रा बताते हुए कहा कि यह कदम बालिकाओं के आत्मबल और सम्मान को एक नई ऊंचाई देगा।

हर बेटी की कहानी, बनेगी मिसाल

यह योजना सिर्फ एक औपचारिक कदम नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का प्रतीक है। जिन बेटियों ने कभी सीमित संसाधनों में पढ़ाई कर अपनी जगह बनाई, उनके नाम जब स्कूल की दीवारों पर चमकेंगे, तो हर बालिका को यह एहसास होगा कि मेहनत हमेशा सम्मान पाती है। बोर्ड पर दर्ज ये नाम और कहानियां “कस्तूरबा की बेटियां” को एक नई पहचान देंगी जो आने वाली छात्राओं के लिए प्रेरणा की मिसाल बनेंगी। इस पहल से प्रदेश के सभी कस्तूरबा विद्यालयों में एक सकारात्मक माहौल बनेगा। हर बेटी को यह प्रेरणा मिलेगी कि शिक्षा और मेहनत ही असली शक्ति है। यूपी सरकार का यह कदम नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है, जो बालिकाओं के आत्मसम्मान और आत्मविश्वास दोनों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।
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