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October 15, 2025

Investment in UP: जापान से खाड़ी तक यूपी में निवेश की होड़, योगी सरकार बना रही ग्लोबल इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन

The CSR Journal Magazine

Investment in UP: 150 से ज्यादा विदेशी कंपनियों ने दिखाई रुचि

उत्तर प्रदेश अब सिर्फ भारत का सबसे बड़ा राज्य नहीं, बल्कि ग्लोबल इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व में राज्य सरकार ने 2030 तक यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है, और इस दिशा में काम जोरों पर है। इन्वेस्ट यूपी की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, फ्रांस, रूस, ताइवान और खाड़ी देशों की 150 से अधिक कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश करने की इच्छा जताई है। इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, आईटी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर की कंपनियां शामिल हैं।

वन टू वन मीटिंग्स से बन रहा भरोसा

सरकार की तरफ से निवेशकों के साथ वन टू वन’ मीटिंग्स का सिलसिला जारी है। इन्वेस्ट यूपी और राज्य सरकार निवेशकों की हर जरूरत और सुझाव पर व्यक्तिगत स्तर पर काम कर रही है।
जल्द ही कई बड़ी कंपनियों के साथ MoU साइन होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इन प्रगति रिपोर्ट्स पर नज़र रख रहे हैं।

जापान से मजबूत साझेदारी

जापान यूपी में निवेश का सबसे बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। ओसाका में हुए वर्ल्ड एक्सपो के दौरान इन्वेस्ट यूपी की टीम ने कई जापानी कंपनियों के साथ मीटिंग कीं। अब तक 30 से ज्यादा जापानी कंपनियां यूपी में निवेश के लिए तैयार हैं। इनमें कुछ परियोजनाएं ग्राउंड ब्रेकिंग स्टेज पर हैं। जापान की सरकारी संस्था JETRO और भारतीय दूतावास के साथ लगातार बातचीत चल रही है। योगी सरकार का फोकस इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटो सेक्टर पर है।

दक्षिण कोरिया से नए समझौते की तैयारी

दक्षिण कोरिया की शीर्ष कंपनियों के साथ भी संपर्क बनाया गया है। इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स को यहां साझेदार के रूप में जोड़ा गया है। करीब 25 कोरियाई कंपनियों के साथ निवेश वार्ता चल रही है, और जल्द ही MoU साइन किए जाएंगे। कोरिया की कंपनियां खासतौर पर मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और ग्रीन एनर्जी सेक्टर में रुचि दिखा रही हैं।

जर्मनी, फ्रांस और रूस में भी चल रही चर्चा

इंडो-जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स के सहयोग से जर्मनी में निवेश को लेकर कई बैठकें हुई हैं। साथ ही, फ्रांस और रूस के बिजनेस ग्रुप्स के साथ भी वर्चुअल मीटिंग्स और गोलमेज वार्ताएं आयोजित की गई हैं। अब तक 13 से ज्यादा यूरोपीय कंपनियों ने यूपी में निवेश में दिलचस्पी दिखाई है।

ताइवान से इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को बढ़ावा

ताइवान की 40 से अधिक कंपनियों के साथ इन्वेस्ट यूपी की टीम ने मुलाकात की है। बेंगलुरु में हुए इलेक्ट्रोनिका इंडिया एक्सपो (2025) के दौरान ताइवान की कंपनियों ने यूपी में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगाने की इच्छा जताई। सरकार को उम्मीद है कि ताइवान के निवेश से नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे क्षेत्रों में नई औद्योगिक क्रांति देखने को मिलेगी।

सिंगापुर और खाड़ी देशों से बढ़ी दिलचस्पी

सिंगापुर और गल्फ देशों (यूएई, सऊदी अरब, कतर, कुवैत, ओमान और बहरीन) की कंपनियां भी उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर उत्साहित हैं। इन्वेस्ट यूपी ने भारतीय दूतावासों के साथ मिलकर कई वर्चुअल कॉन्फ्रेंसेज की हैं। अब तक 20 गल्फ कंपनियां और 25 सिंगापुर की कंपनियां आईटी, रिन्यूएबल एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थकेयर सेक्टर में निवेश की इच्छा जता चुकी हैं।

15 लाख करोड़ के निवेश के बाद अब विदेशी कंपनियों पर फोकस

योगी सरकार पहले ही प्रदेश में 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश ला चुकी है। अब फोकस विदेशी निवेशकों पर है, ताकि यूपी को न केवल राष्ट्रीय, बल्कि अंतरराष्ट्रीय औद्योगिक हब बनाया जा सके।
राज्य सरकार की नीति ‘Ease of Doing Business’, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा व्यवस्था ने विदेशी कंपनियों का भरोसा बढ़ाया है।

Investment in UP: निवेश से बढ़ेगा रोजगार और आत्मनिर्भरता

इन निवेशों से न केवल रोजगार के लाखों अवसर पैदा होंगे, बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था और उत्पादन क्षमता भी मज़बूत होगी। विदेशी कंपनियों के आने से नई तकनीक, वैश्विक प्रशिक्षण और इंडस्ट्रियल स्किल्स का ट्रांसफर भी होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही कहा है कि हमारा लक्ष्य सिर्फ उद्योग स्थापित करना नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है। यूपी में बन रहे एक्सप्रेस-वे, डिफेंस कॉरिडोर, लॉजिस्टिक्स पार्क और एयरपोर्ट्स ने इसे निवेश के लिए देश का सबसे आकर्षक राज्य बना दिया है। जापान से लेकर सिंगापुर और खाड़ी देशों तक, अब पूरी दुनिया यूपी की संभावनाओं को देख रही है। योगी सरकार की निवेश नीति ने साबित कर दिया है कि उत्तर प्रदेश अब अवसरों की नई धरती बन चुका है जहां उद्योग, रोजगार और विकास एक साथ आगे बढ़ रहे हैं।

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