CSR in Uttar Pradesh: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन और जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल की पहल पर लखीमपुर खीरी जिले में बाढ़ प्रभावित परिवारों की मदद के लिए अनूठी मिसाल पेश की गई है। यहां 5 हजार सीएसआर स्पेशल किट तैयार कर जरूरतमंदों तक पहुंचाई जा रही हैं। खास बात यह है कि ये किट सरकारी सहायता और राहत सामग्री के अतिरिक्त बांटी जा रही हैं, ताकि बाढ़ पीड़ितों को मुश्किल घड़ी में अतिरिक्त सहारा मिल सके।
CSR in Uttar Pradesh: कॉरपोरेट और समाजसेवी संस्थाओं का मिला सहयोग
डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल की पहल पर कॉरपोरेट सेक्टर, उद्यमियों और स्वयंसेवी संस्थाओं ने हाथ बढ़ाया और करीब 45 लाख रुपये की लागत से 5 हजार किट तैयार की गईं। हर किट की कीमत करीब 900 रुपये है। इसमें बाढ़ के दौरान सबसे ज़रूरी चीजें शामिल की गई हैं— मच्छरदानी, छाता, बैटरी सहित टॉर्च, सेनेटरी पैड और गर्म पानी का थर्मस।
निराश्रित महिलाओं, दिव्यांगों और बुजुर्गों को प्राथमिकता
डीएम ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप यह किट निराश्रित महिलाओं, दिव्यांगों और 70 वर्ष से ऊपर के वृद्धजनों को प्राथमिकता देकर बांटी जा रही है। जिले की पांच बाढ़ प्रभावित तहसीलों— निघासन, धौरहरा, गोला गोकर्णनाथ, पलिया और सदर में ज़रूरतमंदों की पहचान की गई है। गुरुवार को डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने विधायक योगेश वर्मा के साथ सदर तहसील में किट वितरण की शुरुआत भी की।
जरूरत पड़ी तो और भी किट बनाई जाएंगी
जिला प्रशासन का कहना है कि इस समय 5 हजार किट बांटी जा रही हैं, लेकिन अगर बाढ़ की स्थिति और गहरी हुई तो और अधिक किट भी तैयार कराई जाएंगी। पिछले वर्ष भी सीएम योगी के मार्गदर्शन में सीएसआर किट का वितरण किया गया था, जिसने बाढ़ पीड़ितों के लिए बड़ी राहत साबित की थी।
जन सहभागिता का बना आदर्श मॉडल
इस पहल ने एक बार फिर दिखा दिया कि सरकारी तंत्र और समाज मिलकर आपदा में भी मजबूत संबल बन सकते हैं। खीरी जिले ने पूरे प्रदेश के लिए जनसहभागिता का आदर्श मॉडल पेश किया है, जहां सरकारी मदद के साथ-साथ कॉरपोरेट और समाजसेवी संगठनों ने भी ज़रूरतमंदों की मदद के लिए कदम बढ़ाया है।
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