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September 10, 2025

विकसित यूपी @2047, आत्मनिर्भर नारी और बम्पर व्यापार से बदल रहा उत्तर प्रदेश

The CSR Journal Magazine
उत्तर प्रदेश आज एक नए अवतार में नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीते साढ़े आठ सालों के प्रयासों ने राज्य की तस्वीर और तकदीर बदलनी शुरू कर दी है। कभी अपराध और असुरक्षा से जूझता प्रदेश अब महिला सशक्तिकरण और बम्पर व्यापार के दम पर विकसित भारत के सपने को साकार करने की राह पर है। योगी सरकार ने “विकसित यूपी @2047” का जो विजन रखा है, उसमें आत्मनिर्भर नारी और बढ़ता उद्योग-व्यापार विकास की मुख्य धुरी बनाए गए हैं।

2017 से पहले डर और असुरक्षा की तस्वीर

साल 2017 से पहले प्रदेश की स्थिति बेहद चिंताजनक थी। महिलाओं की सुरक्षा खतरे में थी, बेटियां स्कूल-कॉलेज जाने से डरती थीं। व्यापारी गुंडा टैक्स और रंगदारी की मार से परेशान थे और कई लोग पलायन करने को मजबूर थे। बेरोजगारी दर 6.2% थी और लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट 44.6% पर अटका हुआ था। खासकर महिला श्रम भागीदारी दर केवल 13.5% थी। निवेशक प्रदेश का रुख करने से कतराते थे और फैक्ट्रियां बंद होने की कगार पर थीं।

2017 से 2025 – बदलाव की नई इबारत

योगी सरकार ने अपराध पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई। अपराधियों का या तो सफाया हुआ या वे प्रदेश छोड़कर भाग खड़े हुए। इस सख्ती का असर महिला सुरक्षा और निवेश माहौल दोनों पर पड़ा। महिला श्रम भागीदारी दर 13.5% से बढ़कर 34.5% हो गई। बेरोजगारी दर घटकर 3% पर आ गई। एमएसएमई सेक्टर से 1.65 करोड़ रोजगार बने। औद्योगिक ऋण 3.54 लाख करोड़ से बढ़कर 9.24 लाख करोड़ रुपये हो गया। 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले, जिनमें से 15 लाख करोड़ जमीन पर उतरे। इसी दौरान एलएफपीआर 56.9% तक पहुंच गया। प्रदेश में 27,295 पंजीकृत फैक्ट्रियां काम कर रही हैं और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना के तहत 77 उत्पादों को जीआई टैग मिला। उत्तर प्रदेश एमएसएमई इकाइयों की संख्या (96 लाख) में देश में सबसे आगे है।

आत्मनिर्भर नारी, योगी सरकार का विजन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि विकसित यूपी का सबसे मजबूत आधार महिलाएं होंगी। लक्ष्य है कि 2030 तक महिला श्रम भागीदारी दर 50% हो और 2047 तक यह पुरुषों के बराबर पहुंचे। महिलाओं को STEM शिक्षा (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स), टेक्निकल ट्रेनिंग और उद्यमिता के अवसर दिए जाएंगे। हर शहर में 2030 और 2047 तक महिला श्रमिकों के लिए हॉस्टल बनाए जाएंगे। किशोरी कल्याण, पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं को और सशक्त किया जाएगा।

बम्पर व्यापार और निवेश, यूपी की नई पहचान

योगी सरकार का लक्ष्य है कि 2047 तक यूपी विनिर्माण निर्यात और एफडीआई (Foreign Direct Investment) में देश का नंबर-1 राज्य बने। यूपी की पांच कंपनियों को फॉर्च्यून ग्लोबल 500 की सूची में शामिल करने की तैयारी है। एयरोस्पेस, डिफेंस प्रोडक्शन, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, सेमीकंडक्टर और अपैरल सेक्टर को विकास की रीढ़ बनाया जाएगा। Ease of Doing Business और ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग पर विशेष जोर है। एमएसएमई को ग्लोबल वैल्यू चेन से जोड़ा जाएगा।

6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का रोडमैप

‘विकसित यूपी @2047’ के तहत राज्य ने 6 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी का लक्ष्य तय किया है। 2025 से 2047 तक 16% औसत विकास दर बनाए रखनी होगी। मौजूदा जीडीपी 353 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2030 में 1000 बिलियन, 2036 में 2000 बिलियन और 2047 में 6000 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने की योजना है। उस समय यूपी की प्रति व्यक्ति आय 26 लाख रुपये होगी और देश की जीडीपी में प्रदेश का योगदान 20% तक पहुंच जाएगा। उत्तर प्रदेश अब अपराध और पलायन के लिए नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण, औद्योगिक विकास और बम्पर निवेश के लिए पहचाना जा रहा है। योगी सरकार का मानना है कि जब लक्ष्मी सुरक्षित होंगी तो व्यापार भी सुरक्षित होगा और यही विकास की असली कुंजी है। “विकसित यूपी @2047” का सपना अब सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि प्रदेश की नई पहचान बनता जा रहा है।
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