पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चर्चा करने के लिए आज सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) की अहम बैठक होने जा रही है। इस्लामाबाद ने क्षेत्र में बढ़ते तनाव को लेकर ‘बंद कमरे में परामर्श’ का अनुरोध किया था, जिसके बाद सुरक्षा परिषद की बैठक सोमवार दोपहर निर्धारित की गई। इसके पहले रविवार को पाकिस्तान के विदेश विभाग ने कहा था कि वह पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुए क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर संयुक्त राष्ट्र को जानकारी देगा। इसमें भारत की तरफ से सिंधु जल संधि को निलंबित करना शामिल है।
ग्रीस ने दी बैठक को मंजूरी
सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता इस समय ग्रीस के पास है। संयुक्त राष्ट्र में ग्रीस के स्थायी प्रतिनिधि और इस महीने के लिए सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष इवेंजोलोस सेकेरिस ने भारत-पाकिस्तान के तनाव के बारे में पूछे जाने पर पहले कहा था, हम आतंकवाद की सभी रूपों में, ‘हर जगह जहां भी यह हो रहा है, निंदा करते हैं। दूसरी ओर हम इस तनाव के बारे में चिंतित हैं, जो इस क्षेत्र में बढ़ रहा है।’ भारत-पाकिस्तान के बीच चर्चा के बारे में उन्होंने कहा था कि ‘मुझे लगता है कि यह बैठक होनी चाहिए क्योंकि जैसा कि हमने कहा कि संभवत: यह विचार व्यक्त करने का एक अवसर भी है और इससे तनाव कम करने में कुछ मदद मिल सकती है। हम इस पर विचार करेंगे।’
परिषद का अस्थायी सदस्य है पाकिस्तान
15 सदस्यों वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का पाकिस्तान इस समय अस्थायी सदस्य है। परिषद में वीटो का अधिकार रखने वाले 5 स्थायी सदस्यों- अमेरिका, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और चीन के अलावा 10 अस्थायी सदस्य होते हैं। परिषद के अस्थायी सदस्यों में पाकिस्तान के अलावा अल्जीरिया, डेनमार्क, ग्रीस, गुयाना, पनामा, दक्षिण कोरिया, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया और सोमालिया शामिल हैं।
भारत-पाकिस्तान में चल रहा तनाव
पिछले महीने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में तनाव बढ़ गया है। हमले में पाकिस्तान की भूमिका सामने आने के भारत ने 1960 से चली आ रही सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। भारत ने इसके पीछे लगातार सीमा पार आतंकवाद का हवाला दिया था। भारत की इस कार्रवाई के बाद से पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है। विश्लेषकों का कहना है कि पानी रोके जाने से पाकिस्तान में बहुत बड़ा संकट हो सकता है। सिंधु जल संधि को रोके जाने के बाद से ही पाकिस्तान के नेता लगातार भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पानी रोके जाने की किसी भी कार्रवाई को युद्ध के समान बताया है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत पर हमले की धमकी दी थी।