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September 10, 2025

Uddhav and Raj Thackeray की फिर हुई मुलाकात से सियासत गरमाई, क्या होगी शिवसेना-मनसे की युति?

The CSR Journal Magazine
Uddhav and Raj Thackeray: महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर बड़े उलटफेर की ओर बढ़ती दिख रही है। बुधवार को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे से उनके निवास शिवतीर्थ पर मिलने पहुंचे। इस मुलाकात ने न केवल राजनीतिक हलचल तेज कर दी है, बल्कि गठबंधन की अटकलों को भी हवा दी है। दोनों नेताओं के बीच बैठक जारी है और राजनीतिक गलियारों में इस पर खूब चर्चाएं हो रही हैं।

22 साल बाद शिवतीर्थ पर उद्धव ठाकरे

उद्धव ठाकरे का राज ठाकरे के घर जाना अपने आप में अहम माना जा रहा है। करीब 22 साल बाद उन्होंने राज ठाकरे के निवास शिवतीर्थ का रुख किया। बीते साल वे गणेशोत्सव पर भी राज ठाकरे के घर पहुंचे थे। अब लगातार दूसरी बार उद्धव का वहां जाना इस बात का संकेत माना जा रहा है कि दोनों भाइयों के बीच दूरियां कम हो रही हैं।

मराठी मुद्दे से शुरू हुई नजदीकी

हाल के दिनों में उद्धव और राज ठाकरे एक मंच पर भी नजर आए थे। मराठी भाषा और मराठी अस्मिता के मुद्दे पर जब दोनों नेताओं ने एकजुटता दिखाई थी, तभी से यह चर्चा तेज हो गई थी कि दोनों गुट भविष्य में साथ आ सकते हैं। इस बार की मुलाकात ने उस संभावना को और मजबूत कर दिया है।

Uddhav and Raj Thackeray: चुनावी राजनीति का संकेत?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की मुलाकात सिर्फ शिष्टाचार भर नहीं है। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव बीत चुके हैं और विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है। ऐसे में दोनों दलों का साथ आना शिवसेना (यूबीटी) और मनसे के लिए बड़ा चुनावी समीकरण बना सकता है। अगर दोनों दल साथ आते हैं तो मराठी वोट बैंक पर मजबूत पकड़ बनेगी। मनसे को भी बड़े स्तर पर राजनीतिक स्पेस मिलेगा। उद्धव ठाकरे गुट को भाजपा-शिंदे गुट के खिलाफ और ताकत मिलेगी।

गठबंधन की अटकलें

अभी तक आधिकारिक तौर पर किसी भी नेता ने गठबंधन की घोषणा नहीं की है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि उद्धव और राज ठाकरे दोनों अपने मतभेदों को पीछे छोड़कर आने वाले चुनावों में हाथ मिला सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, दोनों दलों के नेता इस संभावना पर विचार कर रहे हैं और आने वाले हफ्तों में तस्वीर और साफ हो सकती है। महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे परिवार का नाम हमेशा केंद्र में रहा है। उद्धव और राज ठाकरे की नजदीकियां जिस तरह से बढ़ रही हैं, उससे साफ है कि आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। अगर शिवसेना (यूबीटी) और मनसे साथ आते हैं तो यह गठबंधन न केवल भाजपा-शिंदे गुट के लिए चुनौती बनेगा, बल्कि महाराष्ट्र की सियासत में नए समीकरणों की नींव भी रखेगा।
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