ट्रम्प-ममदानी की हैरान कर देने वाली समझौता भरी मुलाकात ने असहमतियों के बावजूद एक नया राजनीतिक मोड़ लिया! 21 नवंबर, 2025 को व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप और न्यूयॉर्क सिटी के मेयर-इलेक्ट ज़ोहरान ममदानी के बीच हुई पहली औपचारिक मुलाकात ने उन उम्मीदों और झड़पों के बीच नया सियासी अध्याय खोल दिया है, जो दोनों की लंबे समय से चली आ रही असहमति का हिस्सा थीं।
ट्रंप- ममदानी मुलाकात-टकराव से दोस्ती तक ?
ट्रंप और ममदानी की सार्वजनिक बहस में पहले कड़े शब्दों का इस्तेमाल हुआ है। चुनाव के दौरान ट्रंप ने ममदानी को “कम्युनिस्ट” कहा था। दूसरी ओर, ममदानी, जो लोकतांत्रिक सोशलिस्ट हैं, ट्रंप की नीतियों, विशेषकर आव्रजन (Immigration) और सामाजिक असमानता पर खुलकर कटाक्ष करते रहे हैं। दोनों के बीच यह मुलाकात खास इसलिए भी महत्वपूर्ण थी क्योंकि न्यूयॉर्क शहर की बजटीय निर्भरता में संघीय (फेडरल) फंड्स का बड़ा हिस्सा है, और ट्रम्प के पास फंडिंग को प्रभावित करने की क्षमता है।
मुलाकात में क्या कहा गया?
ट्रंप ने व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में कहा कि यह “बहुत अच्छी और सकारात्मक बैठक रही है। उन्होंने यह भी कहा, “हमारी एक ही बात है- हम अपने शहर न्यू यॉर्क को बहुत अच्छा बनाना चाहते हैं।” ममदानी ने मुलाकात को “उत्पादक” बताते हुए कहा कि उनका ध्यान खास तौर पर किराया (Rent), यूटिलिटी (Utilities) और ग्रॉसरी (Groceries) पर था। वे वे मुद्दे हैं जो आम न्यूयॉर्कर्स की रोज़मर्रा की जिंदगी को प्रभावित करते हैं। ट्रंप ने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि ममदानी “बहुत अच्छा काम कर सकते हैं। जब वह अच्छा करेगा, मुझे बहुत खुशी होगी।” ममदानी ने यह उम्मीद जताई कि वे ट्रंप प्रशासन के साथ मिलकर न्यूयॉर्क की “महँगी आवासीय समस्या” (Affordability Crisis) से निपटने के लिए काम कर सकते हैं। एक हल्का-फुल्का पल तब आया जब एक रिपोर्टर ने पूछा कि क्या ममदानी ट्रम्प को पहले “फासीवादी” कहने पर पछताएंगे। ट्रंप ने मुस्कुराकर कहा, “कोई बात नहीं, आप बस हां कह सकते हैं-समझाने से आसान है।”
Trump was visibly aroused by Mamdani, spent the entire meeting touching him without consent and calling him a good guy and stating that he likes him, while touching him. pic.twitter.com/LgKMtgacpi
— Anonymous (@YourAnonCentral) November 21, 2025
सामूहिक मुद्दों पर सहमति भी बनी
सबसे महत्वपूर्ण और प्रतीकात्मक मुद्दा, जिस पर दोनों नेता एकजुट दिखे, वह है न्यूयॉर्क शहर की रहने की महंगाई (Cost Of Living)! किरायों, यूटिलिटी बिल और मनोरंजन-खरीदारी (Groceries) पर चर्चा हुई। इसके अतिरिक्त, ट्रंप ने यह संकेत दिया कि वह ममदानी की न्यूयॉर्क की सुरक्षा (Public Safety) और हाउसिंग योजना (Housing Plan) को “मदद करना” चाहेंगे न कि बाधा बनना। ममदानी ने कहा कि वह ट्रंप के साथ काम करने को तैयार हैं। “जहां साझा मकसद है, वहां मैं उनसे काम करने के लिए तैयार हूं।”
अभी बाक़ी हैं मतभेद और असहमति
हालांकि बैठक सकारात्मक रही, लेकिन मतभेद पूरी तरह समाप्त नहीं हुए! ममदानी के सोशलिस्ट दृष्टिकोण और ट्रम्प की राष्ट्रवादी, संरक्षित (Nativist) नीतियां अभी भी बहुत अलग हैं। ट्रंप ने पहले ममदानी की जीत के बाद न्यूयॉर्क शहर की संघीय मदद काटने की धमकी दी थी। इसलिए यह मुलाकात राजनीतिक रणनीति का हिस्सा भी मानी जा सकती है। इसके अलावा, ममदानी को अभी ज़रूरी सुरक्षा मंज़ूरी (Security Clearance) भी लेनी है, और ट्रम्प प्रशासन ने पहले-पूर्बी राजनीतिक विरोधियों को इस प्रकार की मंज़ूरी में देरी दी है।
क्यों मायने रखती है यह मुलाक़ात?
1. राजनीतिक संदेश: यह बैठक दिखाती है कि बेहद अलग विचारधारा वाले नेता भी संवाद कर सकते हैं और मिलकर शहर-स्तर की समस्याओं पर काम कर सकते हैं।
2. नवाचार की गुंजाइश: यदि दोनों मिलकर न्यूयॉर्क में किराया कम करने, यूटिलिटी लागत घटाने और सार्वजनिक सुरक्षा बढ़ाने में कामयाब रहते हैं, तो यह अन्य शहरों के लिए मॉडल बन सकता है।
3. भविष्य की संभावनाएं: यह संकेत देता है कि आने वाले समय में ट्रम्प प्रशासन और ममदानी की टीम के बीच “मुकम्मल टकराव” की बजाय “रणनीतिक सहयोग” की राह खुल सकती है, खासकर आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर।
ट्रंप-ममदानी मुलाक़ात पर दुनिया की नज़र
डोनाल्ड ट्रंप और ज़ोहरान ममदानी की यह मुलाकात न सिर्फ एक ऐतिहासिक क्षण है, बल्कि न्यूयॉर्क सिटी के लिए एक संभावित नए युग की शुरुआत भी हो सकती है जहां कट्टर राजनीतिक विरोधाभासों के बावजूद, आम नागरिकों की आर्थिक परेशानियों पर काम करना पहली प्राथमिकता बन सकती है। यह बैठक एक प्रकार का संकेत है कि राजनीतिक दुश्मनी को कुछ हद तक पीछे छोड़कर व्यावहारिकता और सामान्य हित के लिए सहयोग किया जा सकता है।
न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम दक्षिण एशियाई मेयर ज़ोहरान ममदानी
ज़ोहरान ममदानी एक युवा, प्रगतिशील और डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट अमेरिकी नेता हैं, जो 2025 में न्यूयॉर्क सिटी के मेयर-इलेक्ट चुने गए। उनका जन्म 1991 में ऊगांडा में हुआ था, उनके पिता महमूद ममदानी प्रसिद्ध प्रोफ़ेसर हैं और मां मीरा नायर अंतरराष्ट्रीय स्तर की फिल्म डायरेक्टर हैं। ममदानी 2020 में न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली के सदस्य बने और किराया नियंत्रण, पब्लिक ट्रांज़िट सुधार, महंगाई, सामाजिक न्याय और आम लोगों की आर्थिक परेशानियों को अपनी राजनीति का केंद्र बनाया। मेयर-इलेक्ट बनने से पहले वे हाउसिंग संकट से जूझ रहे लोगों की मदद करने वाले काउंसलर भी रहे। उनकी जीत ऐतिहासिक मानी जाती है क्योंकि वे न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम और दक्षिण एशियाई-मूल के मेयर होंगे, और बहुत कम उम्र में शहर की कमान संभालने जा रहे हैं।
ट्रंप- ममदानी मुलाकात: मतभेदों के बीच संवाद की नई शुरुआत
अमेरिकी राजनीति में कटुता पिछले कई वर्षों से सामान्य हो चुकी है। नेता एक-दूसरे को कठोर शब्दों से संबोधित करते हैं, समर्थक एक-दूसरे को संदेह की नज़र से देखते हैं और संवाद लगभग खत्म-सा हो गया है। ऐसे समय में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और न्यूयॉर्क सिटी के मेयर-इलेक्ट ज़ोहरान ममदानी की शांत और सौहार्दपूर्ण मुलाकात एक अलग तरह की हवा लेकर आती है।
लोकतंत्र में बातचीत सबसे बड़ी शक्ति
दो ऐसे नेता, जो वैचारिक रूप से एक-दूसरे की विपरीत दिशा में खड़े हैं, जब बिना तनाव के, एक ही मेज पर बैठकर शहर के आम लोगों की समस्याओं पर बात करते हैं, तो यह लोकतंत्र की मूल भावना को मजबूत करता है। चुनावों के दौरान दोनों के बीच तीखी बयानबाज़ी हुई थी, लेकिन मेयर-इलेक्ट होने के बाद ममदानी और राष्ट्रपति के रूप में ट्रम्प ने यह दिखाया कि शासन राजनीति से ऊपर होता है।
न्यूयॉर्क की वास्तविक समस्या: बढ़ती महंगाई
किराया, बिजली, राशन और सुरक्षा- ये वे मुद्दे हैं जिनसे न्यूयॉर्क के आम नागरिक रोज़ जूझते हैं। किसी भी शहर की राजनीति का वास्तविक पैमाना यही होता है कि नेता इन समस्याओं को कितना समझते हैं और उनके लिए कितना सहयोग करने को तैयार हैं। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने स्वीकार किया कि शहर की असली लड़ाई वैचारिक नहीं, बल्कि आर्थिक है। यही मुलाकात का सबसे सकारात्मक पहलू भी है।
दोनों के अपने-अपने हित, पर जनता को फायदा
ममदानी को शहर के लिए संघीय सहयोग चाहिए, और ट्रंप को न्यूयॉर्क जैसा बड़ा शहर स्थिर और समृद्ध दिखना चाहिए। यह पारस्परिक हित बुरा नहीं है। राजनीति में परिपक्वता यही होती है कि निजी और सार्वजनिक हितों में संतुलन बैठाया जाए। अगर इस मुलाकात से बिजली की दरों पर दबाव बढ़ता है, या महंगाई कम करने के लिए कोई नीति बनती है, तो उसका सीधा लाभ आम नागरिकों को मिलेगा।
अमेरिका को आज संवाद की सबसे अधिक जरूरत
जिन मुद्दों पर दोनों असहमत हैं, वे कम नहीं हैं- आव्रजन नीति से लेकर सामाजिक न्याय और विदेश नीति तक, दोनों की सोच बिल्कुल अलग है। परंतु यह मुलाकात बताती है कि सहयोग की गुंजाइश हमेशा रहती है। अमेरिका, जो वर्षों से वैचारिक ध्रुवीकरण से गुजर रहा है, ऐसी तस्वीरों और ऐसे संवादों की बहुत जरूरत है। ट्रंप- ममदानी मुलाकात से कोई बड़ी नीति नहीं निकली, लेकिन एक बड़ा संदेश जरूर निकला है- विरोध लोकतंत्र को ऊर्जा देता है, लेकिन संवाद उसे दिशा देता है। अगर दोनों नेता अपने मतभेदों को किनारे रखकर न्यूयॉर्क की वास्तविक समस्याओं पर मिलकर काम करते हैं, तो यह न सिर्फ शहर बल्कि अमेरिकी राजनीति के लिए भी एक सकारात्मक मोड़ साबित हो सकता है।
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