त्रिपुरा ने पर्यटन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, 2023 और 2024 के बीच घरेलू और विदेशी पर्यटकों के आगमन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, घरेलू पर्यटकों की संख्या में 64.07 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि विदेशी पर्यटकों के आगमन में 36.15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो एक पर्यटन स्थल के रूप में राज्य की बढ़ती प्रमुखता को दर्शाता है।
पूर्वोत्तर भारत के राज्य त्रिपुरा ने रचा पर्यटन में इतिहास
पूर्वोत्तर भारत का छोटा लेकिन प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर राज्य त्रिपुरा अब पर्यटन के नए नक्शे पर चमक उठा है। वर्ष 2024 में राज्य ने पर्यटक आगमन के सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान 6 लाख से अधिक घरेलू और करीब 91 हजार विदेशी पर्यटक त्रिपुरा पहुंचे, जो 2023 की तुलना में कुल 64 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। 2023 में, त्रिपुरा ने 0.366 मिलियन घरेलू पर्यटकों और 0.067 मिलियन विदेशी पर्यटकों का स्वागत किया। 2024 तक, यह संख्या प्रभावशाली रूप से बढ़ गई थी, जिसमें 0.601 मिलियन घरेलू पर्यटक और 0.091 मिलियन विदेशी पर्यटक राज्य का दौरा कर चुके थे। इस उल्लेखनीय वृद्धि ने त्रिपुरा को सिक्किम के बाद, जो इस क्षेत्र में अग्रणी बना हुआ है, विदेशी पर्यटकों के लिए पूर्वोत्तर में पर्यटन के लिए दूसरे सबसे अधिक पसंद किए जाने वाले राज्य के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने में मदद की है।
सीएम माणिक साहा के निरंतर प्रयासों का परिणाम
इस वृद्धि को मुख्यमंत्री माणिक साहा के नेतृत्व में राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों और त्रिपुरा पर्यटन विभाग के समर्पित कार्य का परिणाम माना जा रहा है। यह वृद्धि राज्य की सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य और बेहतर बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने में मिली सफलता को दर्शाती है जिससे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके। आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए, त्रिपुरा के पर्यटन मंत्री सुशांत चौधरी ने इस वृद्धि का श्रेय पर्यटन के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को बेहतर बनाने के सरकारी प्रयासों को दिया। चौधरी ने कहा, “हमने पिछली वाम मोर्चा सरकार के दौरान उपेक्षित पर्यटन स्थलों के विकास के लिए कई पहल की हैं। हाल ही में, मैंने त्रिपुरा पर्यटन के अधिकारियों के साथ आगामी पर्यटन परियोजनाओं के बारे में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की, जिनके जल्द ही स्वीकृत होने की उम्मीद है।”
पर्यटन मंत्री सुशांत चौधरी का Promo Fest 2024 अभियान
“हमने इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रचार और धार्मिक स्थलों के नवीनीकरण पर फोकस किया। Promo Fest 2024 जैसे अभियानों ने घरेलू पर्यटकों को आकर्षित किया,” पर्यटन मंत्री सुशांत चौधरी ने कहा। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने भी कहा कि “त्रिपुरा अब सिर्फ सीमांत राज्य नहीं, बल्कि पूर्वोत्तर का उभरता पर्यटन कें द्र बन चुका है।” मंत्री ने पर्यटन स्थलों के उन्नयन पर सरकार के ध्यान पर भी ज़ोर दिया, जिसका उद्देश्य घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के पर्यटकों को लाभान्वित करते हुए राजस्व सृजन को बढ़ावा देना है। नवीनतम पर्यटन आंकड़े पूर्वोत्तर में एक पर्यटन स्थल के रूप में त्रिपुरा के बढ़ते आकर्षण को दर्शाते हैं, जो इस क्षेत्र के माध्यम से आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण अवसरों का संकेत देते हैं।
त्रिपुरा की पर्यटन वृद्धि के कारण
पर्यटन के बुनियादी ढांचे में सुधार– राज्य सरकार ने पर्यटन स्थलों की सुविधाओं में बेहतरी की है। सड़कें, परिवहन सुविधाएं, यातायात व्यवस्था और सुरक्षा उपायों को मजबूत किया गया है।
प्रमोशनल अभियानों का प्रभाव– सरकारी स्तर पर “Promo Fest-2024” जैसा अभियान चलाया गया, जिससे राज्य की प्राकृतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों की लोकप्रियता बढ़ी।
नए पर्यटन विकल्प और अनुभव– एडवेंचर पर्यटन, वन्यजीव अभयारण्य, झीलों और स्थल-सुंदरता का विकास हो रहा है। उदाहरण के लिए Sepahijala Wildlife Sanctuary और Neermahal में दर्शकों की संख्या में इज़ाफा हुआ है।
केंद्र एवं बाह्य निवेश– एशियाई विकास बैंक (ADB) से मिली आर्थिक सहायता, धार्मिक स्थलों का नवीनीकरण जैसे कि त्रिपुरेश्वरी मंदिर, पैलेस आदि को संवर्धित करना, ये सारे कदम प्रमुख रहे।
त्रिपुरा- उत्तर-पूर्व का हरा रत्न
भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्से में बसा छोटा-सा राज्य त्रिपुरा Tripura अपने आकार में भले ही छोटा हो, लेकिन प्राकृतिक सौंदर्य, हरियाली, झीलों, पहाड़ियों और ऐतिहासिक विरासत में यह किसी स्वर्ग से कम नहीं। यहां की वादियां, झरने, घने जंगल और शांत वातावरण पर्यटकों को एक अलग ही दुनिया में ले जाते हैं।
हरी-भरी वादियां और शांत झीलें
त्रिपुरा की धरती चारों ओर से हरियाली की चादर में लिपटी हुई है। यहां की नीरमहल झील, जिसे “भारत का एकमात्र वॉटर पैलेस” कहा जाता है, राज्य की पहचान बन चुकी है। यह महल झील के बीच स्थित है और शाम के समय जब इस पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं, तो पूरा दृश्य सोने की तरह चमक उठता है। उदयपुर की त्रिपुरासुंदरी झीलें और डंबूर झील (Dumboor Lake) भी पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। डंबूर झील अपने 48 छोटे द्वीपों के लिए जानी जाती है, जहां सर्दियों के मौसम में हजारों प्रवासी पक्षी आकर बसेरा करते हैं।
घने जंगल और वन्य जीवन
त्रिपुरा का लगभग 60 प्रतिशत क्षेत्र घने जंगलों से घिरा हुआ है। राज्य के प्रमुख वन्य अभयारण्य जैसे – सेपाहिजाला वाइल्डलाइफ सेंक्चुअरी (Sepahijala Wildlife Sanctuary) त्रिश्ना वाइल्डलाइफ सेंक्चुअरी (Trishna Sanctuary) रोवा वाइल्डलाइफ सेंक्चुअरी (Rowa Sanctuary) इन जंगलों में हाथी, बाघ, बंदर, हिरण, तेंदुआ, और सैकड़ों दुर्लभ पक्षी प्रजातियां देखने को मिलती हैं। विशेषकर सेपाहिजाला अभयारण्य अपने क्लाउडेड लेपर्ड पार्क और झील किनारे नौका-विहार के लिए प्रसिद्ध है।
पहाड़ों और झरनों की दुनिया
त्रिपुरा का पहाड़ी भू-भाग इसे बेहद आकर्षक बनाता है। राज्य के दक्षिणी और पश्चिमी हिस्सों में फैले जम्पुईहिल्स (Jampui Hills), देवतमुरा हिल्स (Devtamura Hills) और अंबासा की ऊंचाईयां प्रकृति प्रेमियों का मन मोह लेती हैं। जम्पुई हिल्स को Orange Hills Of North East कहा जाता है क्योंकि यहां संतरे की खेती बहुतायत में होती है।देवतमुरा की पहाड़ियों में पत्थरों पर उकेरी गई प्राचीन भगवान शिव, विष्णु और देवी मूर्तियां त्रिपुरा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक हैं।
फूलों और फलों की धरती
त्रिपुरा की मिट्टी इतनी उपजाऊ है कि यहां के जंगलों में ऑर्किड, चमेली, रबर और बांस की अनेक प्रजातियां उगती हैं। राज्य में उगाए जाने वाले अनानास को “Queen Pineapple” कहा जाता है, जो पूरे देश में मशहूर है। यहां की बांस कला (Bamboo Craft) और हस्तशिल्प भी राज्य की प्राकृतिक संपदा से जुड़ी पहचान है।त्रिपुरा की खासियत केवल प्रकृति ही नहीं, बल्कि यहां के लोग और उनकी संस्कृति भी है। 21 से अधिक जनजातियां यहां निवास करती हैं। हर एक की अपनी परंपरा, नृत्य और लोककथाएं हैं। हर साल मनाया जाने वाला खारची पूजा, गरिया उत्सव, और बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव यहां की प्रकृति और संस्कृति के संगम का प्रतीक हैं।
शक्तिपीठ देवी त्रिपुरेश्वरी मंदिर
A divine beginning to Sharadiya Navaratri at Mata Tripurasundari Temple! 🙏✨
Hon’ble PM Shri Narendra Modi inaugurated the development works and offered prayers for the welfare and progress of all. #MatabariShaktiPitheModiJi#tripuratourism #tripurasundaritemple #Matabari… pic.twitter.com/b7xjvdsJnv— Tripura Tourism (@TripuraTourism) September 23, 2025
त्रिपुरा के ऐतिहासिक नगर उदयपुर (गोमती जिला) में स्थित त्रिपुरेश्वरी मंदिर राज्य का सबसे प्रसिद्ध और पवित्र धार्मिक स्थल है। यह मंदिर देवी त्रिपुरेश्वरी (Tripurasundari) को समर्पित है, जिन्हें माता त्रिपुरासुंदरी, त्रिपुरा की अधिष्ठात्री देवी या माताभुवनेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है, और माना जाता है कि यहां देवी सती का दाहिना पैर गिरा था।
त्रिपुरा को देखकर लगता है मानो प्रकृति ने इसे अपने हाथों से गढ़ा हो। हर मोड़ पर झील, हर घाटी में हरी परछाई और हर पेड़ में जीवन की लय। यह राज्य उन यात्रियों के लिए है जो शोर से दूर शांति, सौंदर्य औरआत्मिक सुकून तलाशना चाहते हैं।
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