Chattisgarh Waqf Board: छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड ने यौमे आज़ादी (स्वतंत्रता दिवस) के अवसर पर राज्यभर की सभी मस्जिद, मदरसा और दरगाह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के निर्देश जारी किए हैं। वक्फ बोर्ड द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि इस वर्ष 15 अगस्त को देश में 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर राज्य की सभी मस्जिदों, मदरसों और दरगाहों के मुख्य द्वार पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाए। छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सलीम राज ने अपील की है कि मुल्क की आजादी का पर्व यौमे आज़ादी (स्वतंत्रता दिवस) के महत्व को समझते हुए इस पर्व को देशभक्ति, आपसी एकता और भाईचारे के साथ मनाएं।
तिरंगा ना फहराने वाले मदरसों-मस्जिदों को पाकिस्तानी करार दिया जाएगा
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ की सभी मदरसों, मस्जिदों और दरगाहों में तिरंगा फहराया जाएगा। सोमवार को इसे लेकर राज्य वक़्फ़ बोर्ड ने निर्देश जारी किए हैं। निर्देश जारी होने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सलीम राज ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जिन मस्जिदों में तिरंगा नहीं फहराया जाएगा, उन्हें पाकिस्तानी माना जाएगा। इसके साथ उन्होंने कहा कि सभी मस्जिदों को तिरंगा फहराने के बाद फोटो भेजनी होगी। Waqf Board के अध्यक्ष डॉ सलीम राज ने तिरंगा नहीं फहराने वाले मुतवल्लियों को सख्त चेतावनी भी दी है।
क्या कहा सलीम राज ने
सलीम राज ने कहा कि जिन मस्जिदों में इस आदेश का पालन नहीं किया जाएगा उन्हें देश का गद्दार माना जाएगा। प्रदेश के 3287 मस्जिदों में तिरंगा फहराना अनिवार्य होगा। वहीं, किस मस्जिद ने तिरंगा फहराया और किसने नहीं, इसकी मॉनिटरिंग को लेकर उन्होंने कहा कि राज्य की 3287 मस्जिद, मदरसों और दरगाहों को तिरंगा फहराकर Wakf Board के पोर्टल पर फोटो अपलोड करना होगा। उन्होंने कहा कि फोटो के नीचे जगह और किस समय तिरंगा फहराया गया है, यह लिखकर अपलोड करना है।
इस्लाम देता है मुल्क से मोहब्बत का पैगाम
बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर सलीम राज ने अपील की है कि मुल्क की आजादी के पर्व ‘स्वतंत्रता दिवस’ के महत्व को समझते हुए इसे देशभक्ति, आपसी एकता और भाईचारे के साथ मनाएं। उन्होंने कहा कि हमारा देश सूफ़ी-संतों का देश है। हर जाति, धर्म, पंथ, समाज के लोग गंगा-जमुना तहज़ीब के साथ मिलजुल कर रहते हैं। इस्लाम धर्म मुल्क से मोहब्बत का पैगाम देता है। डॉ राज ने आगे यह भी कहा कि, भारत का मुसलमान वतन परस्त है और अपने देश से मोहब्बत करता है, लेकिन कुछ नामनिहाद मुसलमानों की वजह से बाकियों को भी शक की निगाहों से देखा जाता है। हमें ऐसे नामनिहाद मुसलमानों से बचना है और देश की आज़ादी के पर्व को एक साथ मिल-जुल कर मनाना है। देश की गंगा-जमुना तहज़ीब को आगे बढ़ाना है, देश को आगे बढ़ाना है। इसलिए आजादी के इस पर्व पर देश के प्रति कर्तव्य निभाते हुए ध्वजारोहण करना चाहिए।
तिरंगा फहराकर बच्चों को राष्ट्रगान-देशभक्ति के बारे में प्रेरित करने की कोशिश
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह पहल सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करने में मदद करेगी और आने वाले वर्षों में अन्य राज्यों के वक्फ बोर्ड भी इस मॉडल को अपना सकते हैं। डॉ. सलीम राज ने कहा कि मस्जिदों और दरगाहों पर तिरंगे का लहराना यह संदेश देता है कि भारत एक ऐसा देश है जहां सभी धर्मों के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं और देश की प्रगति में अपना योगदान देते हैं। इसी तरह, मदरसों में तिरंगा फहराकर बच्चों को राष्ट्रगान और देशभक्ति के महत्व के बारे में बताया जाएगा, जिससे नई पीढ़ी में राष्ट्रीय भावना को और मजबूत किया जा सके। यह कदम उन लोगों के लिए भी एक जवाब है जो धर्म के आधार पर समाज को बांटने की कोशिश करते हैं। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि भारतीय मुसलमान भी देश के सम्मान में पीछे नहीं हैं। इस तरह के आयोजनों से समाज में भाईचारा और सद्भाव बढ़ता है, जो एक मजबूत और एकजुट भारत के लिए बहुत जरूरी है। यह एकता का उत्सव है, जो हर साल हमारे देश की विविधता में एकता को और भी गहरा करता है।
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