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August 11, 2025

Mumbai Traffic Jam: जाम ने ली जान, 3 घंटे ट्रैफिक में फंसी एम्बुलेंस, महिला की दर्दनाक मौत

The CSR Journal Magazine
महाराष्ट्र के Palghar में एक दर्दनाक हादसे ने Traffic Management System और Emergency Healthcare Services की हकीकत सामने ला दी। 49 वर्षीय Chhaya Purav की जान एक साधारण-सी दुर्घटना और उसके बाद हाईवे पर भारी Traffic Jam में फंसी Ambulance के कारण चली गई। यह घटना न केवल दिल दहला देने वाली है, बल्कि यह दिखाती है कि कैसे सड़क पर जाम और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी मिलकर किसी की जिंदगी छीन सकते हैं। Mumbai Ahmedabad Highway

पेड़ की टहनी गिरने से हादसा

31 जुलाई को पालघर के अपने घर के पास खड़ी छाया पूरव के सिर पर अचानक एक भारी Tree Branch गिर गई। इस हादसे में उनके सिर, कंधे और रीढ़ की हड्डी पर गंभीर चोटें आईं। स्थानीय लोगों ने तुरंत उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने बताया कि इतनी गंभीर चोटों के लिए Trauma Center जरूरी है, जो पालघर में मौजूद नहीं है। मजबूरी में परिजनों को उन्हें मुंबई के Hinduja Hospital रेफर करना पड़ा।

हाईवे पर मौत से जंग

2 अगस्त की दोपहर करीब 3 बजे छाया पूरव को Ambulance से मुंबई के लिए रवाना किया गया। सामान्य परिस्थितियों में Palghar to Mumbai का 100 किलोमीटर का सफर लगभग 2 घंटे में तय हो सकता था। लेकिन जैसे ही NH-48 Mumbai-Ahmedabad Highway पर एम्बुलेंस पहुंची, वहां का नज़ारा अलग ही था। लंबा और भारी Traffic Jam था, जिसमें गाड़ियां रेंग-रेंगकर चल रही थीं। एम्बुलेंस ड्राइवर ने कई बार हॉर्न और सायरन बजाकर रास्ता बनाने की कोशिश की, लेकिन जाम इतना था कि गाड़ियां किनारे नहीं हो पा रहीं थीं। मरीज की हालत धीरे-धीरे बिगड़ती जा रही थी, लेकिन जाम के आगे सब बेबस थे।

Mumbai Traffic Jam: तीन घंटे में सिर्फ 70 किलोमीटर

शाम 6 बजे तक एम्बुलेंस सिर्फ 70 किलोमीटर का ही सफर तय कर पाई थी। यानी तीन घंटे में भी मरीज मुंबई से काफी दूर थी। इस बीच छाया पूरव की हालत गंभीर होती चली गई। उनके पति, जो एम्बुलेंस में साथ थे, डॉक्टरों से लगातार फोन पर बात कर रहे थे, लेकिन स्थिति बिगड़ने के कारण उन्हें मीरा रोड के Orbit Hospital में भर्ती करने का फैसला किया गया।

अस्पताल पहुंचते ही हो गई मौत

हिंदुजा अस्पताल से सिर्फ 30 किलोमीटर पहले ऑर्बिट अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत जांचा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी मौत ने परिवार को गहरा सदमा दिया और यह सवाल छोड़ दिया कि अगर ट्रैफिक जाम न होता या पालघर में बेहतर Emergency Healthcare Facilities होतीं, तो शायद उनकी जान बच सकती थी। Mumbai Traffic Jam

Mumbai Traffic Jam और हेल्थकेयर पर सवाल

यह घटना कई गंभीर सवाल उठाती है – क्यों पालघर जैसे बड़े जिले में Trauma Center की सुविधा नहीं है? क्यों हाईवे पर Emergency Vehicles के लिए अलग Green Corridor नहीं बनाया जाता? क्यों Traffic Management System इतना कमजोर है कि जान बचाने वाली गाड़ियां भी जाम में फंस जाती हैं? Emergency Medical Help में समय की कीमत जिंदगी से ज्यादा कुछ नहीं हो सकती। यह घटना सरकार और प्रशासन के लिए चेतावनी है कि तुरंत ट्रैफिक और हेल्थकेयर व्यवस्था में सुधार की जरूरत है।

सिस्टम में बदलाव की जरूरत

विशेषज्ञों का मानना है कि Highway Emergency Management को अपग्रेड करना, Ambulance Tracking System लागू करना और Public Awareness बढ़ाना बेहद जरूरी है। लोगों को भी यह समझना होगा कि जब Ambulance Siren सुनाई दे, तो तुरंत रास्ता देना सिर्फ कानून ही नहीं, बल्कि इंसानियत भी है।
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