Thalassemia Test before Marriage Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार अब शादी से पहले थैलेसीमिया (Thalassemia Test before Marriage) की जांच को अनिवार्य बनाने जा रही है। राज्य की जन स्वास्थ्य राज्य मंत्री मेघना बोर्डिकर ने विधानसभा में गुरुवार को इस अहम घोषणा के जरिए संकेत दिया कि सरकार जल्द ही इस दिशा में नियम लागू करेगी, जिससे इस आनुवंशिक बीमारी को जड़ से समाप्त किया जा सके।
थैलेसीमिया क्या है? Thalassemia Mandatory Test in India
थैलेसीमिया एक गंभीर आनुवंशिक रक्त विकार (Genetic Blood Disorder) है, जिसमें शरीर पर्याप्त हीमोग्लोबिन और स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं (RBCs) नहीं बना पाता। इसका असर आने वाली पीढ़ियों तक होता है, यदि समय रहते जांच और इलाज न हो। इससे ग्रसित व्यक्ति को नियमित रक्त चढ़ाने (Blood Transfusion) की जरूरत पड़ती है। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक विकास ठाकरे ने यह मुद्दा उठाया कि विवाह से पहले थैलेसीमिया की जांच अनिवार्य की जाए, ताकि रोग के प्रसार को रोका जा सके।“हम जल्द ही ऐसा नियम बनाने जा रहे हैं, जिससे विवाह से पहले थैलेसीमिया जांच जरूरी हो जाएगी। यह बेहद गंभीर आनुवंशिक विकार है, और यदि समय रहते इसका पता न चले तो यह अगली पीढ़ी में भी जा सकता है।”
परभणी में पायलट प्रोजेक्ट, अब पूरे राज्य में होगा विस्तार
मंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने परभणी जिले में थैलेसीमिया उन्मूलन अभियान (Thalassemia Elimination Campaign) की एक प्रायोगिक परियोजना शुरू की थी, जिसकी सफलता के बाद इसे अब पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है। राज्य सरकार ने यह भी वादा किया है कि भविष्य में हर जिले में Thalassemia Treatment Center खोले जाएंगे, ताकि हर रोगी को समय पर इलाज मिल सके और लोगों को इस बीमारी के बारे में सही जानकारी मिल सके।
क्या कहती हैं आंकड़े? Thalassemia Test before Marriage Maharashtra
महाराष्ट्र में फिलहाल 12,860 से अधिक थैलेसीमिया मरीज हैं। ये मरीज नियमित रक्तदान और मेडिकल देखभाल पर निर्भर हैं। भारत में थैलेसीमिया अधिकांशतः दोनों अभिभावकों से जीन मिलने पर होता है।
थैलेसीमिया की रोकथाम क्यों जरूरी है? Thalassemia Test before Marriage Maharashtra
यह एक लाइफ-लॉन्ग डिसऑर्डर है जिसमें मरीज को आजीवन देखभाल की जरूरत होती है। समय रहते जांच और शादी से पहले सावधानी से यह बीमारी अगली पीढ़ियों तक जाने से रोकी जा सकती है। पूरी दुनिया में अब थैलेसीमिया को खत्म करने के लिए Genetic Screening before Marriage को बढ़ावा दिया जा रहा है।
नए नियम से क्या होगा बदलाव?
शादी से पहले थैलेसीमिया टेस्ट अनिवार्य होगा। संभावित जोड़े में यदि दोनों थैलेसीमिया माइनर हैं, तो वे समझदारी से आगे का निर्णय ले सकते हैं। बीमारी को जन्म से पहले ही रोका जा सकेगा। राज्य सरकार को हर जिले में इलाज और जागरूकता अभियान चलाना होगा। महाराष्ट्र सरकार का यह कदम Public Health Policy के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी पहल मानी जा रही है। यदि यह नियम लागू होता है, तो यह न केवल थैलेसीमिया के फैलाव को रोकेगा, बल्कि लाखों बच्चों को इस गंभीर बीमारी से बचाने में भी मदद करेगा। थैलेसीमिया से लड़ाई अब सिर्फ इलाज की नहीं, जागरूकता और नीति की लड़ाई बन चुकी है और इसमें पहला कदम है समय रहते जांच।
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