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May 8, 2025

Terrorist Attack in India: सीमा पार आतंक का काला सच, 18 सालों में 11,453 आतंकी हमले, 5,543 आतंकियों का खात्मा

भारत में सीमा पार आतंकवाद लंबे समय से एक गंभीर चिंता का विषय रहा है। खासतौर पर पाकिस्तान से सटी सीमा के इलाकों में आए दिन आतंकी गतिविधियां देखी जाती हैं। आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक बार फिर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। प्रफुल्ल सारडा द्वारा RTI के अनुसार साल 2004 से 2022 के बीच भारत में कुल 11,453 आतंकी हमलों को अंजाम दिया गया, जिसमें बड़ी संख्या में नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की जान गई। वहीं जवाबी कार्रवाई में 5,543 आतंकियों को ढेर किया गया।

Terrorist Attack in India: आतंकवाद से जूझते भारत की तस्वीर

ये आंकड़े सिर्फ संख्या नहीं हैं ये हर उस घर की कहानी है जिसने एक सैनिक को खोया, हर उस मां की चीख है जिसने अपने बेटे का बलिदान देखा है। इन 18 सालों में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लंबी और कठिन लड़ाई लड़ी है। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) जैसे संवेदनशील इलाकों में आतंकी गतिविधियां सबसे ज़्यादा रही हैं। आंकड़ों के अनुसार,

• 2004 से 2014 तक:

• 9,472 आतंकी हमले
• 1,098 आतंकवादी गिरफ्तार
• 4,115 आतंकियों का खात्मा

• 2015 से अगस्त 2022 तक:

• 1,981 आतंकी हमले (78% की गिरावट)
• 1,362 आतंकवादी गिरफ्तार
• 1,428 आतंकियों को मार गिराया गया

कुल मिलाकर:

• 11,453 हमले, 2,460 गिरफ्तार, 5,543 आतंकियों का सफाया !

भारत ने झेला जख्म, लेकिन झुका नहीं

इन आंकड़ों के पीछे न सिर्फ सरकारी कार्रवाई है, बल्कि हर भारतीय सेना के जवान का  बलिदान भी है जिसने आतंकवाद से भारत की रक्षा की है।

हर साल औसतन 636 आतंकी हमले

अगर औसत निकाला जाए, तो 2004 से 2022 तक हर साल करीब 636 आतंकी हमले हुए हैं। ये हमले छोटे IED विस्फोट से लेकर फिदायीन हमलों तक रहे हैं। कई बार सुरक्षा बलों को भारी जान-माल का नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन हर हमले के बाद भारतीय सेना, CRPF और स्थानीय पुलिस ने मुस्तैदी से जवाब दिया। Terrorist Attack in India

Terrorist Attack in India: 5,543 आतंकियों को मिली मौत

सुरक्षा एजेंसियों की सजगता और खुफिया तंत्र की मजबूती के चलते इन 18 सालों में 5,543 आतंकवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया। यह दर्शाता है कि भारत ने सिर्फ रक्षात्मक नहीं बल्कि आक्रामक नीति अपनाकर आतंकवाद पर करारा वार किया है। इसमें कई नामी आतंकियों का भी अंत हुआ है, जिनका नाम न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों की लिस्ट में भी था।

नागरिकों और जवानों की शहादत

इन हमलों में बड़ी संख्या में नागरिकों और सुरक्षा बलों के जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी। कई माओं ने अपने बेटे खोए, कई पत्नियों ने पति। लेकिन इन बलिदानों ने देश की सुरक्षा को और मजबूत किया है। Terrorist Attack in India

Terrorist Attack in India: आतंक के पीछे पाकिस्तान की भूमिका

भारत सरकार और खुफिया एजेंसियां बार-बार यह बात सामने लाती रही हैं कि पाकिस्तान की धरती से संचालित होने वाले आतंकी संगठन जैसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हिज्बुल मुजाहिदीन भारत में दहशत फैलाने की कोशिश करते हैं। इन संगठनों को पाकिस्तानी फौज और ISI का खुला समर्थन मिलता रहा है। Civil Rights Activist प्रफुल्ल सारडा का कहना है कि इन वर्षों में हमारी सुरक्षा एजेंसियों की क्षमता और रणनीति में न सिर्फ सुधार हुआ है, बल्कि आतंकियों को घर में घुस के मुंहतोड़ जवाब दिया है। लेकिन समय आ गया है कि भारत अब पाकिस्तान को Global Terror Sponsor घोषित करवाने के लिए UN में एक निर्णायक कूटनीतिक युद्ध छेडे।

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