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March 10, 2025

Tatkal Waiting VS General Waiting: टिकट बुक करने से पहले जान लीजिए बेसिक डिटेल्स

Tatkal Waiting vs General Waiting: कौन सा वेटिंग टिकट ज्यादा सही, रेलवे पहले किसे करेगा कन्फर्म! ट्रेन में सीट फुल हो जाने के बाद वेटिंग टिकट दी जाती है। जिन्हें बिलकुल शॉर्ट नोटिस पर यात्रा करनी होती है, वे अकसर Tatkal में टिकट बुकिंग कराते हैं। तत्काल में भी वेटिंग होती है। यदि तत्काल में भी वेटिंग है और जनरल में भी वेटिंग है तो पहले कौन-सी टिकट कन्फर्म होने के ज्यादा चांसेज़ हैं? चलिए जानते हैं-

Tatkal Waiting VS General Waiting Train Ticket

ट्रेन से सफर करने वालों का वास्ता Waiting Ticket से तो पड़ता ही रहता है। कभी कन्फर्म टिकट मिलता है तो कभी वेटिंग में। वेटिंग में इसलिए, क्योंकि भारतीय रेलवे सीटों के भर जाने के बाद भी 200-300 टिकट वेटिंग में जारी करता है, और Waiting Ticket जारी इसलिए किया जाता है, ताकि यदि कुछ सीटें कैंसिल हो जाएं तो भी ट्रेन खाली न जाए और वेटिंग में लगे लोगों को सीटें दे दी जाएं। हालांकि, रेलवे वेटिंग टिकट की संख्या के बारे में कोई पुख्ता जानकारी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध नहीं है। बहरहाल, वेटिंग टिकट भी कई तरह के होते हैं। आज हम जनरल और तत्काल वेटिंग टिकटों के बारे में बात करते हैं। जब आप कहीं यात्रा से 15-20 दिन पहले टिकट बुक कराते हैं और वह वेटिंग में आ जाती है तो टिकट पर आपको GNWL लिखा नजर आएगा। इसका मतलब है कि आपकी टिकट जनरल वेटिंग लिस्ट में है। अगर GNWL25 है तो आपसे पहले 24 लोग और हैं जिनका वेटिंग लिस्ट में नाम है। जब उनकी टिकट कन्फर्म हो जाएगी तब आपका नंबर आएगा। इसी तरह जब आप तत्काल में टिकट बुक करते हैं और वह वेटिंग लिस्ट में आ जाए तो टिकट पर TQWL लिखादिखेगा।

इनमें से पहले कौन सी होगी कन्फर्म

वेटिंग लिस्ट में सबसे पहली तवज्जो जनरल वेटिंग टिकट को ही दी जाती है। इसलिए पहले जनरल वेटिंग टिकट ही कन्फर्म होगी। तत्काल में वेटिंग मिलने का मतलब है कि आपकी टिकट के कन्फर्म होने की संभावना कम है। अगर ऑनलाइन बुक की गई तत्काल टिकट में वेटिंग मिल जाए और चार्ट बनने तक वह कन्फर्म न हो तो टिकट ऑटोमेटिकली कैंसिल हो जाएगी, यानी आप ऑनलाइन तत्काल की वेटिंग टिकट लेकर ट्रेन में यात्रा नहीं कर सकते हैं। स्टेशन के लिए घर से निकलने से पहले इस बात को ध्यान रखें कि अगर टिकट कन्फर्म नहीं हुई तो आपको वापस लौटना होगा। एक और वजह ये भी है कि तत्काल में जिन-जिन लोगों ने वेटिंग टिकट लिया है, मतलब उन सबको सफर करना ही है। यूं समझिए कि सब के सब ट्रेन बोर्ड करेंगे ही। ऐसे में टिकट के कैंसिल होने के चांस न के बराबर हो जाते हैं। यदि आपके पहले कुछ टिकट कैंसिल नहीं होंगे तो आपका टिकट कन्फर्म नहीं हो सकता। इसके उलट जनरल में टिकट कराने वालों की लिस्ट में टिकट कैंसिल होने के चांस ज्यादा होते हैं।

रेल यात्रा में Tatkal Ticket है lifesaver

इमरजेंसी में रेल यात्रा के लिए टिकट बुक कराने को रेलवे की तत्‍काल सेवा खूब काम आती है। यात्री यात्रा से एक दिन पहले भी रेलवे की Tatkal Ticket सुविधा का फायदा उठाकर टिकट ले सकते हैं। आमतौर पर तत्‍काल में कंफर्म टिकट मिल जाती है। हां, कई बार त्‍योहारों आदि के सीजन में कंफर्म सीट मिलना मुश्किल हो जाता है। बहुत से यात्रियों के मन में यह सवाल उठता है कि तत्‍काल टिकट को कैंसिल कराया जा सकता है या नहीं? अगर तत्‍काल टिकट कैंसिल कराई जाए तो रिफंड (Tatkal Ticket Cancel Refund) मिलेगा या नहीं? तत्‍काल टिकट को भी अन्‍य टिकटों की तरह कैंसिल कराया जा सकता है। तत्‍काल टिकट कैंसिल करने के कुछ मामलों में रेलवे रिफंड देता है, जबकि कुछ में नहीं। यह टिकट कैंसिल कराए जाने के कारणों पर निर्भर करता है। IRCTC की वेबसाइट के अनुसार, अगर किसी यात्री ने तत्काल टिकट बुक (Tatkal Ticket Booking) कर ली है और किसी कारण से वह सफर नहीं करता है तो टिकट कैंसिल करने पर उसे रेलवे रिफंड (Ticket Cancel Refund) नहीं देगा।

इन परिस्थितियों में मिलेगा रिफंड

जिस रेलवे स्‍टेशन से ट्रेन बनकर चलती है, अगर वहां से तीन घंटे से ज्यादा लेट हो तो कंफर्म तत्‍काल टिकट को कैंसिल करवाकर Refund Claim किया जा सकता है। इसके लिए यात्री को टिकट डिपॉजिट रसीद (TDR) लेनी होगी। रकम वापस करते वक्त रेलवे सिर्फ क्लेरिकल चार्जेज काटता है। इसी तरह अगर अगर ट्रेन का रूट बदल दिया गया है और यात्री उस रूट से यात्रा नहीं करना चाहता तो टिकट कैंसिल कराकर रिफंड क्लेम किया जा सकता है। तत्‍काल टिकट बुक होने के बाद रेलवे अगर यात्री को बुक की गई रिजर्वेशन क्लास में सीट उपलब्‍ध नहीं करा पाता है तो भी टिकट कैंसिल कराने पर रिफंड क्लेम किया जा सकता है। इसी तरह रेलवे यात्री को Reservation Category से नीचे की कैटेगरी में सीट दे रहा हो और यात्री उस Category में यात्रा न करना चाहता हो तो भी तत्‍काल टिकट कैंसिल कर  रिफंड के लिए Claim किया जा सकता है। एक से अधिक व्यक्तियों के यात्रा करने के लिए जारी पार्टी तत्काल टिकट या पारिवारिक तत्काल टिकट (Tatkal Ticket Full Refund) पर कुछ लोगों की टिकट कंफर्म हो गई है और कुछ की वेटिंग लिस्ट में हैं तो सभी यात्री टिकट कैंसिल कर सकते हैं और रिफंड ले सकते हैं। लेकिन, ट्रेन चलने के 6 घंटे पहले टिकट कैंसिल करना होगा।

वेटिंग टिकट कैंसिल होने पर भी रिफंड

रेलवे की ओर से तत्काल वेटिंग टिकट को कंफर्म न होने पर कैंसिल कर दिया जाता है। टिकट कैंसिल होने पर 3 से 4 दिन में पैसा रिफंड कर दिया जाता है। इसमें भी पूरा पैसा वापस नहीं मिलता बल्कि बुकिंग चार्ज काटा जाता है जो की टिकट मूल्‍य का करीब दस फीसदी होता है। ये ट्रेन और उसकी क्लास पर निर्भर करता है।

Tatkal Ticket  बुक करने के बदल गए नियम

Tatkal Ticket Update: तत्काल टिकट बुकिंग की प्रक्रिया में भारतीय रेलवे ने कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, ताकि सभी यात्रियों को कंफर्म टिकट मिल सकें। अगर आप ट्रेन में सफर करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो जान लें कैसे बुक करनी है।
भारतीय रेलवे एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। हर दिन करोड़ों लोग इसमें सफर करते हैं। वहीं रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए हर संभव प्रयास करता है, ताकि किसी को भी यात्रा के दौरान परेशानी का सामना न करना पड़े। ऐसे में इस बार रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिस वजह से कंफर्म टिकट मिलने की संभावना और अधिक बढ़ सकती है। अगर आप ट्रेन में सफर करने की योजना बना रहे हैं और अभी तक टिकट बुक नहीं की हैं, तो आपको तत्काल टिकट बुकिंग की प्रक्रिया के बारे में पता होना चाहिए। आइए जानते हैं इस बारे में-

क्या होती है तत्काल टिकट बुकिंग

तत्काल टिकट लेने का मतलब यात्रा से एक या दो दिन पहले टिकट बुक करना। इसमें कंफर्म सीट सीधे तौर पर नहीं मिलती, लेकिन कंफर्म सीट मिलने की संभावना बनी रहती है। कोई भी ट्रेन के शुरू होने से कुछ निश्चित घंटे पहले तत्काल टिकट की बुकिंग शुरू होती है, और तत्काल कोटे में कुछ सीट्स Reserved रहती हैं। जो यात्री तत्काल टिकट की बुकिंग करना चाहते हैं, उन्हें याद रखना होगा, कि ट्रेन कि तत्काल बुकिंग कब शुरू होने वाली है।

कहां और कब करें तत्काल टिकट बुकिंग

भारतीय रेलवे ने सभी यात्रियों की सहूलियत के लिए तत्काल बुकिंग के समय को निर्धारित किया हुआ है।AC क्लास के लिए बुकिंग सुबह 10:00 बजे से शुरू हो जाती है और Non-AC क्लास के लिए बुकिंग सुबह 11:00 बजे से शुरू होती है। तत्काल टिकट बुकिंग के लिए IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिए बुकिंग को प्राथमिकता दी जाती है। वहीं काउंटर बुकिंग की तुलना में ऑनलाइन टिकटों की संख्या अधिक होती है। इसी के साथ सभी यात्रियों को वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर अपनी पसंदीदा ट्रेन और क्लास के लिए तत्काल टिकटों की Availability चेक करने की सलाह दी जाती है। टिकट बुकिंग करने के दौरान ट्रेन और क्लास सिलेक्ट करने के बाद यात्रियों को अपनी Personal जानकारी देनी होगी। सभी यात्रियों का नाम, उम्र, Gender और ID Proof दर्ज करना होगा। सफर के दौरान यात्रियों को Aadhar Card, PAN Card या Passport जैसे जरूरी डॉक्यूमेंट्स संभाल कर रखने की सलाह दी जाती है।

एक यात्री केवल 4 तत्काल टिकट कर सकता है बुक

भारतीय रेलवे के अनुसार, जो भी यात्री तत्काल टिकट बुक करेंगे, वह एक साथ अधिकतम 4 तत्काल टिकट ही बुक कर सकते हैं। इससे अधिक टिकट बुक करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह फैसला कालाबाजारी को रोकने के लिए लिया गया है। तत्काल टिकट बुक करने से पहले आपको अपने सफर की प्लानिंग के बारे में स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए। जिसमें आपको ट्रेन नंबर, बोर्डिंग स्टेशन, डेस्टिनेशन और रेल में किस क्लास में सफर करने जा रहे हैं, इस बारे में सब पता होना चाहिए। ये सभी जानकारी तत्काल ट्रेन टिकट कंफर्म करने में आपकी मदद करेगी।

यात्रियों के लिए क्या दिक्कतें हैं तत्काल बुकिंग में

सबसे पहले तो Tatkal Ticket बुकिंग एक सीमित समय सीमा में ही कर पाने, और बुकिंग प्रक्रिया जटिल होने के चलते आम यात्री को इसमें काफ़ी दिक्कतें आती हैं। इसलिए Agents की शरण में जाना पड़ता है, जो टिकटों के मनमाने दाम वसूलते हैं। Tatkal सेवा बेशक Emergency यात्रा करने वालों के लिए Lifesaver है, लेकिन इसमें भी कई मुश्किलें हैं। यदि किसी Tatkal Ticket Holder को रेलवे उचित सेवा देने में असमर्थ होती है, तभी उस यात्री को Ticket Cancellation Charges काटकट बाक़ी पैसे Refund किए जाते हैं। लेकिन यात्री किसी Personal Reasons के चलते अगर ख़ुद टिकट कैंसिल करता है तो उसे रिफंड देने का कोई प्रावधान रेलवे के पास नहीं है। Refund मिलना ही नहीं है, ये सोचकर यात्री अमूमन टिकट कैंसिल करवाने की जहमत नहीं उठाते। फिर उनकी बुक की हुई सीट यूंही ज़ाया हो जाती है।इस वजह से यात्री का तो नुक़सान होता ही है, कोई और उस सीट पर यात्रा करने से वंचित रह जाता है। इन सारी खामियों मुआवज़ा अंततः यात्री को ही भुगतना पड़ता है।

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