Taj Hotel Success Story: भारत का मशहूर ताज होटल (Taj Hotel Mumbai) सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि भारतीय गर्व और आत्मसम्मान की कहानी है। यह होटल जमशेदजी टाटा ने उस समय बनवाया, जब ब्रिटिश शासन में भारतीयों को कई जगहों पर अपमानित किया जाता था। आज इस होटल का नाम न सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया में लग्जरी और शान का प्रतीक है।
ब्रिटिशों से अपमान और बदले की ठानी
कहा जाता है कि एक बार उद्योगपति जमशेदजी टाटा अपने एक दोस्त के साथ एक ब्रिटिश होटल में ठहरने पहुंचे। लेकिन उन्हें यह कहकर रोक दिया गया कि वहां सिर्फ गोरे लोग ही रुक सकते हैं। इस अपमान ने जमशेदजी को झकझोर दिया और उन्होंने ठान लिया कि ऐसा होटल बनाएंगे जहां भारतीय और विदेशी, दोनों सम्मान के साथ ठहर सकें। इसी संकल्प से ताज होटल का जन्म हुआ।
Taj Hotel History & Success Story: कब और कैसे शुरू हुआ ताज होटल?
ताज होटल का निर्माण 1898 में मुंबई के समुद्र किनारे शुरू हुआ। करीब चार साल तक काम चला और 16 दिसंबर 1902 को होटल जनता के लिए खोल दिया गया। होटल का नाम उन्होंने भारत की धरोहर ताजमहल से प्रेरित होकर ताज पैलेस रखा। शुरुआत में होटल में 17 गेस्ट रूम थे। एक कमरे का किराया 10 रुपये था, जबकि पंखे और बाथरूम वाली कमरे की कीमत 13 रुपये थी। उस दौर में यह होटल भारत का पहला ऐसा होटल था जहां बिजली और लाइटिंग की सुविधा थी। यहां बार और रेस्टोरेंट पूरे दिन चलते थे। यही नहीं, जमशेदजी ने होटल की क्वालिटी बनाए रखने के लिए ब्रिटिश कर्मचारियों को भी नौकरी पर रखा।
ताज होटल की खासियत
उस दौर में ताज होटल देश का पहला होटल था जिसमें इलेक्ट्रिक लाइट्स और फैंस लगे थे। होटल में 24 घंटे बार और रेस्टोरेंट की सुविधा थी, जो उस समय अनोखी बात थी। यहां का इंफ्रास्ट्रक्चर और सेवाएं इतनी खास थीं कि यह जल्दी ही उच्च समाज का प्रतीक बन गया।
Taj Hotel History & Success Story: इतिहास का गवाह ताज
ताज होटल ने 120 सालों से ज्यादा भारतीय इतिहास देखा है। ब्रिटिश राज के दौरान यह सामाजिक और राजनीतिक घटनाओं का केंद्र रहा। द्वितीय विश्व युद्ध में इसे अस्थायी अस्पताल के रूप में इस्तेमाल किया गया। स्वतंत्र भारत का पहला सूर्योदय भी ताज होटल ने अपनी खिड़कियों से देखा।
ताज होटल पर आतंकी हमला
ताज होटल की भव्यता और पहचान ने उसके दुश्मनों को भी आकर्षित किया। 26/11 के आतंकी हमले में ताज होटल को निशाना बनाया गया। इस हमले में होटल को नुकसान जरूर हुआ, लेकिन उसकी शान और प्रतिष्ठा और भी बढ़ गई। आज भी ताज होटल मुंबई की पहचान और भारतीयों के आत्मसम्मान का प्रतीक है।
आज का ताज होटल
आज ताज होटल में एक कप चाय की कीमत 500 से 2000 रुपये तक है। वहीं, कमरे का किराया लाखों में जाता है। यह होटल अब सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि भारत की लग्जरी इंडस्ट्री का ब्रांड और टाटा समूह की शान है। ताज होटल की कहानी सिर्फ बिजनेस सक्सेस नहीं, बल्कि अपमान से उठी आत्मसम्मान की गाथा है। 10 रुपये से शुरू होकर आज करोड़ों की पहचान बनने वाला यह होटल भारतीय दृढ़ता, संकल्प और शान का सच्चा प्रतीक है।