ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर के क्रॉयडन पार्क उपनगर में रविवार शाम उस समय अफरातफरी मच गई जब एक 60 वर्षीय बंदूकधारी ने सड़क पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। चश्मदीदों के अनुसार, कुछ ही मिनटों में करीब 100 गोलियां चलीं, जिससे पूरा इलाका गोलियों की आवाज़ से दहल उठा। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हमलावर को गिरफ्तार कर लिया, जबकि 20 लोग घायल हो गए।
Sydney के Croydon Park में अंधाधुंध फायरिंग
सिडनी की सड़क पर कथित तौर पर गोलीबारी करने के बाद में एक 60 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया। वाहनों और पुलिस कारों पर 100 राउंड तक की शूटिंग की गई थी, जिसे पुलिस ने “गंभीर और भयानक” हमला कहा है। यह हमला रविवार शाम सिडनी के क्रोयडन पार्क में हुआ, जिसमें जॉर्जेस रिवर रोड पर शाम 7:45 बजे से रात 9:30 बजे के बीच गोलियों की आवाज़ सुनी गई। पुलिस के अनुसार, बंदूक़धारी ने एक आवासीय इमारत से सामने की दुकानों, सड़क पर मोटर चालकों पर बेतरतीब ढंग से गोली चलाई, जिसमें पुलिस वाहन भी शामिल थे।
ऊपरी मंज़िल से बरसी गोलियां
स्थानीय समयानुसार शाम लगभग 5 बजे हमलावर ने अपने अपार्टमेंट की खिड़की से बाहर सड़क पर गोलियां चलानी शुरू कीं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कुछ ही सेकंड में लोग जान बचाने के लिए दुकानों और वाहनों के पीछे छिपने लगे। एक दुकानदार ने कहा, “लगातार धमाके हो रहे थे, जै से कोई आतिशबाज़ी हो, लेकिन जल्द ही सबको समझ आया कि यह गोलीबा री है।”
पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपी को पकड़ा
सूचना मिलते ही पुलिस और विशेष बल मौके पर पहुंचे। लगभग 30 मिनट तक इलाके में तनावपूर्ण माहौल रहा। आख़िरकार पुलिस ने हमलावर को काबू में कर लिया। उसके पास से दो राइफलें और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपी ने यह हमला अकेले किया और किसी आतंकी संगठन से उसका संबंध नहीं मिला है।
20 घायल, एक की हालत गंभीर
फायरिंग में कुल 20 लोग घायल हुए हैं। एक व्यक्ति को गर्दन और छाती में गोली लगी है और उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। कई लोग टूटे कांच और भगदड़ के कारण जख्मी हुए। पास की दुकानों और वाहनों को भी भारी नुकसान पहुंचा। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने पूरे क्रॉयडन पार्क इलाके को घेर लिया। निवासियों को घरों में ही रहने के निर्देश दिए गए। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से लगभग 100 गोलियों के खोखे बरामद किए हैं और सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है।
हमलावर की पृष्ठभूमि पर जांच
गिरफ्तार हमलावर की उम्र लगभग 60 वर्ष है और वह उसी इलाके का निवासी बताया जा रहा है। उसका अब तक कोई आपराधिक रिकॉर्ड सामने नहीं आया है। पुलिस का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर उसकी जांच की जा रही है ताकि यह समझा जा सके कि उसने ऐसा कदम क्यों उठाया। न्यू साउथ वेल्स पुलिस कमिश्नर ने इस घटना को “अत्यंत दुर्लभ और चिंताजनक” बताया। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने ट्वीट कर कहा, “यह घटना हमारे समाज के मूल्यों पर हमला है। हम घायलों और उनके परिवारों के साथ हैं। ऐसे कृत्यों के लिए कोई स्थान नहीं है।”
स्थानीय लोगों में दहशत
घटना के बाद से क्रॉयडन पार्क क्षेत्र में भय और तनाव का माहौल है। कई लोगों ने बताया कि उन्होंने ऐसा मंजर पहले कभी नहीं देखा। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “सड़क पर अफरातफरी थी, लोग कारों के नीचे छिप रहे थे।गोलियां रु क ही नहीं रही थीं।”पुलिस ने हमलावर के घर की तलाशी ली है और उसके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया है। अधिकारियों ने कहा कि आने वाले दिनों में घटना के पीछे का मकसद स्पष्ट हो जाएगा। फिलहाल सभी घायलों का इलाज सिडनी के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।
मास फायरिंग की बड़ी घटनाएं
पोर्ट आर्थर शूटआउट, टास्मानिया, ऑस्ट्रेलिया
1996 में पोर्ट आर्थर के पर्यटन स्थल पर एक हमलावर ने कई ठिकानों पर गोलीबारी कर 35 लोग मार दिए और कई घायल हुए। यह ऑस्ट्रेलिया के आधुनिक इतिहास की सबसे घातक शूटिंग मानी जाती है और इसके बाद देश में कड़े हथियार-नियमन (National Firearms Agreement) लागू कर दिए गए। पोर्ट आर्थर कत्लेआम के तुरंत बाद ऑस्ट्रेलियाई राज्यों और संघ-सरकार ने मिलकर National Firearms Agreement (NFA) बनाया। इससे अर्ध-स्वचालित और स्वचालित राइफल/रिवॉल्वर पर सख्त प्रतिबंध लगा और राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा गन-बायबैक प्रोग्राम चलाया गया, जिसके तहत सैकड़ों हज़ार हथियार को जब्त/नष्ट कराया गया। सरकार के इस कदम के बाद देश में सार्वजनिक स्तर पर मास-शूटिंग की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई और हथियार-स्वामित्व पर नए लाइसेंस/रजिस्ट्रेशन नियम लागू हुए। औपचारिक अध्ययन (RAND, ऑस्ट्रेलियाई शोध) ने भी गिरावट रिपोर्ट की।
मोनाश यूनिवर्सिटी फायरिंग,मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया
21 अक्टूबर 2002 मोनाश यूनिवर्सिटी के क्लासरूम में हुआन यून श्यांग नाम के छात्र ने गोली चलाई, जिसमें 2 छात्रों की मौत हो गई और 5 घायल हुए। आरोपी को मानसिक रूप से अस्थिर पाया गया। घटना ने कैम्पस-सुरक्षा और मानसिक-स्वास्थ्य से जुड़े सवाल उठाए।
लिंड्ट कैफे (मार्टिन प्लेस) सिज, सिडनी, ऑस्ट्रेलिया
15–16 दिसंबर 2014 के दिन सिडनी के सेंट्रल बिज़नेस डिस्टिक्ट में एक बंदूकधारी ने कैफे में लोगों को बंधक बना लिया। कड़ी कार्रवाई में दो होस्टेज की मौत हो गई और कई घायल हुए। घटना 16 घंटे तक चली और देश में सुरक्षा/निगरानी तथा बोंचार्ज़ नीतियों पर बहस छिड़ गयी। यह क्लासिक ‘Mass-Hostage’ घटना थी, सीधे खुले-आम गोलीबारी से अलग, पर इसने दहशत मचा दी।
क्राइस्टचर्च मस्जिद फायरिंग, न्यूज़ीलैंड
15 मार्च 2019 – क्राइस्टचर्च में दो मस्जिदों पर किये गये सामूहिक हमले में 51 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए। यह नृशंस, संगठित-हेट-आधारित (Far-Right/ White-Supremacist) हमला था। इस घटना ने न्यूजीलैंड में आतंकवाद, ऑनलाइन-गूंज और हथियार-नियमन पर बड़े बदलावों और बहस को जन्म दिया। मार्च 2019 के नरसंहार के तुरंत बाद प्रधानमंत्री जैसिंडा आर्डर्न की अगुवाई में संसद ने सेमी-ऑटोमेटिक और आर्मी-स्टाइल हथियारों पर बैन और बड़े स्तर पर बायबैक-स्कीम लागू करने के लिए कानून बदला और फिर संशोधन पारित किए। साथ ही लाइसेंसिंग और जांच-प्रक्रिया कड़ी की गयी। उन तरह के हथियारों तक वैध पहुंच सीमित हो गई। गवर्नमेंट-संचालित खरीद Buyback और सख्त पृष्ठभूमि-जांच नीतियां लागू हुईं।
लास वेगास कंसर्ट शूटिंग, अमेरिका
1 अक्टूबर 2017 मैंडले बे होटल की ऊपरी मंज़िल से एक बंदूकधारी ने कॉन्सर्ट दर्शकों पर गोली चलाई। यह आधुनिक अमेरिकी इतिहास की सबसे घातक एकल-शूटिंग घटनाओं में से एक रही। इस फायरिंग में 58 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और सैकड़ों घायल हुए (कुल मृतक बाद में बढ़े)। घटना ने “लॉजिस्टिक्स-सेक्युरिटी”, होटल-सुरक्षा और जन-समूह-सुरक्षा पर बड़ा अंतरराष्ट्रीय ध्यान खींचा। अमेरिका में अलग-अलग बड़ी गोलीबारी (जैसे Sandy Hook 2012, Las Vegas 2017) के बाद संघीय स्तर पर व्यापक, सार्वभौमिक स्तर पर कई राज्यों ने कड़े नियम लागू किए। न्यूयॉर्क ने Sandy Hook के बाद NY SAFE Act (2013) पारित कर कुछ प्रतिबंध और पृष्ठभूमि-नियम सख्त किए। नेवादा ने Las Vegas (2017) के बाद कुछ उपाय (जैसे Bump-Stock प्रतिबंध और ‘Red flag’/Extreme-risk कानून) अपनाए। पर संघीय स्तर पर व्यापक परिवर्तन राजनीतिक तौर पर जटिल रहे और नतीजा अलग अलग रहा। कुछ राज्यों में हथियारों पर लोगों की पहुंच सीमित हुई, कुछ में नहीं। संघीय सुधार अक्सर राजनैतिक गतिरोध का शिकार रहे।
इन घटनाओं से निकले मुख्य सबक
ऐसी घटनाओं का पैटर्न अलग-अलग होता है। व्यक्तिगत मनोवैज्ञानिक कारण, आतंकवाद-प्रेरित हमले, नस्लवाद Racism या नियंत्रण की कमी, पर नतीजा अक्सर सार्वजनिक भय, लोगों की हताहतता और सुरक्षा-नीतियों में कड़ाई रहा। ऐसी घटनाओं के बाद अक्सर कई जगहों पर हथियार-कानूनों, Bail/Monitoring प्रणालियों, सार्वजनिक-स्थान सुरक्षा उपायों और मानसिक-स्वास्थ्य इंटरवेंशनों की समीक्षा/सुधार हुए। ऑस्ट्रेलिया और यूके जैसे देशों में सख्त नियमों के बाद मास-शूटिंग घटनाओं में तेज़ गिरावट और हत्या/आत्महत्याओं पर भी असर दिखा है। हालांकि प्रभाव का सटीक मापन अध्ययन-पर-अध्ययन भिन्न है। कई मामलों में कानून बदलना महत्त्वपूर्ण था पर अकेला कानून-बदलाव ही समुचित समाधान नहीं माना जा सकता। नीति, प्रवर्तन, मानसिक-स्वास्थ्य सेवाएं, सामुदायिक कदम सभी जरूरी हैं।
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