स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 में इंदौर और सूरत को देश का सबसे स्वच्छ शहर का अवॉर्ड मिला है। इंदौर को लगातार 7वीं बार ये अवॉर्ड मिला है और सूरत को भी पहली बार नंबर वन का खिताब मिला है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 का रिजल्ट जारी किया। स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग के अनुसार एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में सातवीं बार इंदौर पहले स्थान पर रहा। सूरत को भी इंदौर के साथ संयुक्त रूप से पहला स्थान मिला। तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र का नवी मुंबई रहा। वहीं एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में महाराष्ट्र का सासवड पहले, छत्तीसगढ़ का पाटन दूसरे और महाराष्ट्र का लोनावाला तीसरे स्थान पर रहा।
देश के स्वच्छ राज्यों की कैटेगरी में इस बार महाराष्ट्र को पहला, मध्य प्रदेश को दूसरा और छत्तीसगढ़ को तीसरा स्थान मिला। पिछली बार मध्य प्रदेश पहले स्थान पर था। वहीं गंगा किनारे बसे सबसे साफ शहरों में वाराणसी पहले और प्रयागराज दूसरे स्थान पर रहा। दिल्ली के भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम Swachh Survekshan Awards में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने इन राज्यों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। मध्य प्रदेश के महू को सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट बोर्ड का अवॉर्ड मिला है। बेस्ट सफाई मित्र सुरक्षित शहर का अवॉर्ड चंडीगढ़ को दिया गया।
क्या है स्वच्छता सर्वेक्षण
हम आपको बता दें कि बड़े पैमाने पर नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करते हुए शहरों को शहरी स्वच्छता की स्थिति में सुधार करने के लिये प्रोत्साहित करने हेतु एक प्रतिस्पर्धी ढांचे के रूप में साल 2016 में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 (Swachh Sarvekshan 2023) की शुरुआत की गई थी। पिछले कुछ वर्षों में, स्वच्छ सर्वेक्षण विश्व में सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण के रूप में उभरा है। शहरों के बीच शुरू हुई स्वच्छता (Swachata) की प्रतिस्पर्धा को स्वच्छ सर्वेक्षण ने बड़ा मंच प्रदान किया। आज हमारे शहर स्वच्छता के पैमानों पर खरे उतर रहे हैं।स्वच्छता अब महज प्रतियोगिता नहीं, बल्कि शहरी जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी है।
स्वच्छता हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है
ये हमारी और आपकी सामूहिक ज़िम्मेदारी है कि हम अपने शहर को साफ़ सुथरा रखें, अगर इसमें कोई कमी आती है तो इसके लिए हम सब जिम्मेदार है, शहरों को स्वच्छ रखने का उत्तरदायित्व सिर्फ नगर निगमों और निकाय का ना होकर अगर शहर और उस इलाके का हर नागरिक बीड़ा उठा ले तो सिर्फ हमारा घर, हमारा मोहल्ला ही नहीं पूरा का पूरा शहर स्वच्छ हो जाएगा।