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December 17, 2025

सूर्य कांत भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के 53वें Chief Justice बने

The CSR Journal Magazine
24 नवंबर 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने Rashtrapati Bhavan में न्यायमूर्ति सूर्य कांत को भारत का 53वां Chief Justice of India (CJI) पद संभालने की शपथ दिलाई। उनका tenure करीब 15 महीने का होगा और वे 9 फरवरी 2027 को सेवानिवृत्त होंगे।

सूर्य कांत का प्रारंभिक जीवन और करियर

सूर्य कांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के Hisar में हुआ था। उन्होंने अपनी Law की पढ़ाई Maharishi Dayanand University, Rohtak से की और 1984 में LLB प्राप्त किया। लीगल करियर की शुरुआत उन्होंने Hisar जिला कोर्ट से की, उसके बाद 1985 में उन्हें पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में नौकरी मिली। 7 जुलाई 2000 को उन्हें हरियाणा का Advocate General बनाया गया, और मार्च 2001 में उन्होंने Senior Advocate का दर्जा प्राप्त किया। 9 जनवरी 2004 को वह पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जज बने। अक्टूबर 2018 में वह Himachal Pradesh High Court के Chief Justice बने, और 24 मई 2019 को उन्हें Supreme Court में नियुक्त किया गया।

प्रमुख फैसले और न्यायिक योगदान

न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने अपने Supreme Court करियर में कई महत्वपूर्ण और संवैधानिक मामलों में हिस्सा लिया है, उन्होंने Article 370 हटाए जाने के फैसले में योगदान दिया, जिससे जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त हुआ। वह उस बेंच का हिस्सा थे जिसने Pegasus spyware case की सुनवाई की, जहां उन्होंने राज्य सुरक्षा और निजता के अधिकार के बीच संतुलन पर विचार किया। उन्होंने बिहार में Special Intensive Revision (SIR) के दौरान संपादित किए गए मतदाता रोल पर सवाल उठाए, और चुनाव आयोग से 65 लाख वोटो का खुलासा कराने का आदेश दिया। लिंग न्याय और लोकतंत्र को मजबूत करने के दृष्टिकोण से, वे उस बेंच का हिस्सा थे जिसने एक महिला सरपंच को उसके अवैध हटाए जाने के बाद पुनः स्थापित किया और बार एसोसिएशन में महिलाओं के लिए आरक्षण की वकालत की।

नए CJI के रूप में चुनौतियाँ और उम्मीदें

उनकी लंबी सेवा-जीनियस और संवैधानिक मामलों में मजबूत अनुभव को देखते हुए यह उम्मीद जताई जा रही है कि उनका टेन्योर कई landmark judgements ला सकता है। उनके सेवा के दौरान संभावना है कि इलेक्टोरल सुधार, क्रिमिनल जस्टिस और डिजिटल प्राइवेसी जैसे संवेदनशील मुद्दे Supreme Court के एजेंडे में होंगे। न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पृष्ठभूमि एक सामान्य परिवार से आने की है, और उन्होंने छोटे शहरोंमें काम किया — इस कारण उनको न्यायपालिका में grassroots-level सामाजिक न्याय पर ध्यान देने की उम्मीद है।
न्यायमूर्ति सूर्य कांत का 53वां Chief Justice of India बनना भारतीय न्यायपालिका के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उनका नेतृत्व और संवैधानिक समझ भविष्य की बेंचों में constitutional jurisprudence को नया दिशा दे सकती है। उनके कार्यकाल के दौरान न्यायपालिका के आधुनिकीकरण और संवैधानिक मामलों में उच्च स्थिरता की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं।

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