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March 20, 2025

कभी रोका गया था साइंस की पढ़ाई करने से, खड़ी कर दी 500 करोड़ की कंपनी 

Srikant Bolla success story: अमेरिका के MIT से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद लाखों का पैकेज छोड़ Srikant वापस भारत आ गए और साल 2012 में उन्होंने Bollant Industries की शुरुआत की। कंपनी की शुरुआत विकलांग लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से की गई थी। साल 2016 में देश के दिग्गज उद्योगपति Ratan Tata ने Bollant Industries में सार्वजनिक किए बिना मोटी रकम का Investment किया। Srikant Bolla ने नेत्रहीन होने के बावजूद एक 500 करोड़ का साम्राज्य खड़ा किया, लेकिन उनके लिए ये सफर आसान नहीं रहा। Srikant Bolla अमेरिका में Massachusetts Institute of Technology (MIT) से साइंस मैंजमेंट में डिग्री हासिल करने वाले पहले नेत्रहीन अंतरराष्ट्रीय छात्र भी हैं।

किसान परिवार में हुआ Srikant का जन्म

Srikant Bolla का जन्म 7 जुलाई 1991 में आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम के सीतारमपुरम गांव के एक किसान परिवार में हुआ था। Srikant को जन्म से ही दोनों आंखों से दिखाई नहीं देता था, जिस कारण उन्हें अपने जीवन में कई बार निराशा और कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। नेत्रहीन श्रीकांत के पैदा होने के बाद ही कुछ रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने उनके माता-पिता से उन्हें मार देने को कहा था, क्यूंकि एक नेत्रहीन बच्चे को पालना उनकी नज़र में समय और साधन बर्बाद करने जैसा था। मां-बाप ने किसी की नहीं सुनी और Srikant को इस काबिल बना दिया कि आज वो 80 करोड़ की कंपनी के CEO हैं। Srikant Bolla ने अपनी काबलियत और जज्बे के दम पर सभी चुनौतियों को पार किया और आज एक सफल उद्योगपति के रूप में अपनी पहचान बनाई है।

नेत्रहीन होने की वजह से साइंस पढ़ने से रोक गया

Srikant Bolla में बचपन से ही कुछ नया सीखने की ललक थी और वे पढ़ाई में भी अच्छे थे। लेकिन उन्हें पढ़ाई के दौरान तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कभी School में दाखिले को लेकर, तो कभी सहपाठियों के बातें सुनकर, जो हमेशा Srikant के नेत्रहीन होने को लेकर उनका मज़ाक उड़ाया करते थे। लेकिन गरीबी से जूझते श्रीकांत में हालात बदलने की जिद्द इस कदर भरी हुई थी, कि बावजूद इसके वे 10 वीं में अच्छे अंक से पास हुए। लेकिन 10 वीं में अच्छे मार्क लाने के बाद भी उन्हें नेत्रहीन होने के नाते आगे की पढ़ाई Science में करने से रोका जा रहा था। बहुत कोशिशों के बाद भी किसी भी College ने उन्हें Science में एडमिशन देने से मना कर दिया। लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था। Srikant Bolla ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कई महीनों तक लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार श्रीकांत के लिए क़ानून को अपना क़ायदा बदलना पड़ा और Srikant देश के पहले नेत्रहीन बने, जिन्हें 10वीं के बाद Science पढ़ने की इजाजत मिली ।

Srikant IIT से करना चाहते थे इंजीनियरिंग की पढ़ाई

Srikant देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIT से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थानों ने उन्हें फीस नहीं भर पाने का बहाना कहकर एडमिशन देने से इनकार कर दिया। Srikant अपनी काबिलियत पहचानते थे, इसलिए बड़ी कोशिशों के बाद उन्होंने US में Massachusetts Institute of Technology में दाखिला लिया क्यूंकि उस इंस्टिट्यूट में सामान्य और विकलांग बच्चे एक साथ पढ़ते थे। उनमें कोई भेदभाव नहीं था। Srikant Bolla MIT से मैंजमेंट साइंस में स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले पहले नेत्रहीन अंतरराष्ट्रीय छात्र हैं। श्रीकांत कहते हैं कि, “अब मुझे इस बात का अफसोस नहीं है कि चाहते हुए भी अपनी पढ़ाई IIT से नहीं कर पाया। अब अगर IIT मुझे दाखिला देना भी चाहे, तो मुझे आईआईटी नहीं चाहिए।”

Srikant ने खड़ी कर दी 500 करोड़ की कंपनी

अमेरिका के MIT से ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद लाखों का पैकेज छोड़ श्Seikant वापस भारत आ गए और साल 2012 में उन्होंने Bollant Industries की शुरुआत की। कंपनी की शुरुआत विकलांग लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से की गई थी। साल 2016 में देश के दिग्गज उद्योगपति Ratan Tata ने Bollant Industries में मोटी रकम निवेश की थी। इसके बाद कंपनी ने शानदार काम किया और Covid 19 Pandemic से पहले 130 करोड़ रुपये का रिवेन्यू जनरेट कर लिया। मौजूदा समय में कंपनी की कुल वैल्यूएशन लगभग 500 करोड़ रुपये की है। श्रीकांत की कंपनी कंज्यूमर फूड पैकेजिंग, प्रिंटिंग इंक और ग्लू का बिजनेस कर रही है। आज कंपनी के हैदराबाद और तेलंगाना में पांच प्लांट हैं। इनमें सैकड़ों लोग काम कर रहे हैं। छठवां प्लांट आंध्र प्रदेश के नेल्लोर के पास श्रीसिटी में बन रहा है। उनकी कंपनी आने वाले समय में 8 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार देगी। फिलहाल उनकी कंपनी में चार हजार लोग काम कर रहे हैं। खास बात यह है कि उनकी कंपनी में 70 फीसदी लोग नेत्रहीन और दिव्यांग हैं जिन्हें कहीं भी काम नहीं मिल पाता। इन लोगों के साथ ही वे खुद भी रोजाना 15-18 घंटे काम करते हैं। अपनी सक्सेस के बारे में Srikant का कहना है कि, “जब दुनिया कहती थी, यह कुछ नहीं कर सकता तो मैं कहता था कि मैं सब कुछ कर सकता हूं।”
Srikant Bolla को साल 2017 में फोर्ब्स एशिया 30 अंडर 30 की लिस्ट में शामिल किया गया था। इसके अलावा उन्हें साल 2021 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की Young Global Leaders लिस्ट में जगह दी गई थी। मिली जानकारी के मुताबिक Srikant Bolla की Estimated नेटवर्थ 80 करोड़ रुपये के करीब है। श्रीकांत एक जीता जागता उदाहरण हैं ये सीखने के लिए कि सितारों को छू लेने के सपने उनके भी पूरे होते हैं जिनके पास देखने के लिए नज़रें नहीं होती।

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