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October 9, 2025

Honour Killing की भेंट चढ़ा बिहार का प्रेमी युगल, भारत में ऑनर किलिंग के लिए अलग कानून की कमी

The CSR Journal Magazine
सोनभद्र में प्रेम विवाह से नाराज़ भाइयों ने बहन और उसके पति की हत्या कर जंगल में फेंका शव! फरार हुए पांच भाइयों में से दो आरोपी गिरफ्तार! सोनभद्र के हाथीनाला थाना क्षेत्र में 12 दिन पूर्व फेंके हाल में पाए गए युवती के शव और 2 दिन पूर्व दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के जंगल में मिले युवक के नरकंकाल मामले का पुलिस ने सनसनी खेज खुलासा किया है। बिहार के रहने वाले प्रेमी युगल (पति-पत्नी) को गुजरात से पहले फुसलाकर सोनभद्र लाया गया और यहां उनकी हत्या कर शव जंगल में अलग-अलग जगह पर फेंक दिए गए।

पांच भाइयों ने मिलकर की बहन और उसके पति की हत्या

यूपी के सोनभद्र में ऑनर किलिंग के एक सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ है। प्रेम विवाह से नाराज पांच सगे भाइयों ने मिलकर अपनी बहन मुन्नी गुप्ता और उसके पति दुखन साव की नृशंस हत्या कर दी। इसके बाद उनके शवों को जंगलों अलग- अलग में फेंक दिया। फिलहाल, पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीन अन्य फरार चल रहे हैं। उनकी तलाश में दबिश दी जा रही है। मृतका के सबसे बड़े भाई ने सोनभद्र पहुंचकर महिला की पहचान की तब जाकर मामले का खुलासा हुआ। पता चला कि मृतका के पांच सगे भाइयों ने ही मिलकर उसकी और शादी कर पति बन चुके उसके प्रेमी की हत्या कर दी। पुलिस ने इस मामले में दो को गिरफ्तार कर लिया है घटना में प्रयुक्त पिकअप भी बरामद कर ली गई है तीन और की तलाश जारी है।

पटना से भागकर गुजरात में शादी की, सोनभद्र में मौत

बिहार के पटना की रहने वाली मुन्नी (21) का वहीं के राजू (21) से प्रेम संबंध था। दोनों के परिवार इस रिश्ते के खिलाफ थे। इसके चलते 6 महीने पहले दोनों घर से भागकर गुजरात चले गए। वहां शादी करने के बाद दोनों साथ रह रहे थे। इसी दौरान मुन्नी के भाई को दोनों की लोकेशन मिल गई। उसने संपर्क करके दोनों से कहा, ‘वापस लौट आओ, हमें तुम्हारा रिश्ता मंजूर है। हम तुम्हारी शादी धूमधाम से मिर्जापुर के विंध्याचल धाम में करा देंगे।’ भाइयों की बात पर मुन्नी ने यकीन कर लिया।
24 सितंबर को मुन्नी और उसका पति राजू, दोनों गुजरात से यूपी के मिर्जापुर स्टेशन पहुंचे, जहां मुन्नी के भाई ने दोनों को बोलेरो कार से रिसीव किया। विंध्याचल धाम जाने के दौरान भाई ने सोनभद्र के सीमावर्ती इलाके बरकछा मोड़ पर एक अन्य युवक को लिफ्ट के बहाने कार में बैठा लिया।

मारपीट के बाद गोली मारी, चेहरे कुचल दिए

आरोपी ने चलती कार में अपने दोस्त के साथ मिलकर दोनों को पहले बुरी तरह पीटा। फिर दोनों को गोली मार दी। दोनों के चेहरे को बिगाड़ दिया ताकि पहचान ना हो सके। पहले लड़की के शव को सोनभद्र के जंगल में फेंका और इसके बाद लड़के के शव को 3 किमी दूर ले जाकर पहाड़ियों से खाई में फेंक दिया। पुलिस ने 24 सितंबर को लड़की का लहूलुहान शव बरामद किया। वहीं, 5 अक्टूबर को जंगल में प्रेमी का कंकाल मिला।

भांजे ने दर्ज कराई मामा राजू की गुमशुदगी की रिपोर्ट

24 सितंबर को लकड़ी बीनने जंगल में गए युवकों ने मुन्नी का शव देखकर पुलिस को सूचना दी। युवती के सिर पर गोली लगी थी। चेहरे समेत पूरे शरीर पर चोट के गहरे निशान थे। शव की शिनाख्त नहीं हो पाई। इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। इसी बीच राजू के भांजे ने गुजरात में अपने मामा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस जांच में सामने आया कि राजू अपनी प्रेमिका मुन्नी के साथ मिर्जापुर आया था। केस मिर्जापुर पुलिस को फॉरवर्ड हुआ तो लोकल पुलिस ने खोजबीन शुरू की। सोनभद्र पुलिस ने 5 अक्टूबर को दुद्धी के रजखड़ घाटी के पास जंगल से राजू का कंकाल बरामद किया।

पांच भाइयों ने मिलकर की हत्या, जंगल में फेंके शव

एसपी अभिषेक वर्मा ने बुधवार के दोपहर पुलिस लाइन में इसका खुलासा किया। बताया कि साक्ष्य संकलन एवं मृतका के ज्येष्ठ भाई रोहित कुमार के बयान के आधार पर युवती की पहचान मुन्नी गुप्ता पुत्री द्वारिका प्रसाद, पत्नी दुखन साव निवासी मोतीपुर, थाना नौबतपुर, जनपद पटना (बिहार) के रूप में हुई। जांच के दौरान सबूतों के आधार पर ज्ञात हुआ कि अवधेश, राकेश, मुकेश, मुन्ना, राहुल उर्फ सिद्धार्थ ने ही बहन मुन्नी गुप्ता को गुजरात से लाकर उसकी हत्या कर शव जंगल में फेंक दिया था। उसके पति दुखन साव पुत्र स्व. कपिल साव का शव कंकाल अवस्था में थाना दुद्धी क्षेत्र के रजखड़ के जंगल में मिला। मुन्ना और राहुल उर्फ सिद्धार्थ को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना में प्रयुक्त की गई नीले रंग की पिकअप को भी बरामद कर लिया गया है।

आरोपियों ने अपना गुनाह किया क़ुबूल

पूछताछ में आरोपियों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। एसपी वर्मा ने बताया कि पांच भाइयों ने मिलकर हत्या की साजिश की. जिसमें अवधेश, राकेश, मुकेश, मुन्ना और राहुल शामिल हैं। जिसमे से मुन्ना कुमार और राहुल को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस बाकी बचे तीन भाइयों अवधेश, राकेश और मुकेश की तलाश कर रही है। जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी कर ली जाएगी।

क्या है Honour Killing

Honour Killing का मतलब है कि परिवार या समुदाय का कोई सदस्य यह मान ले कि दूसरे सदस्य ने “परिवार/पढ़ाव/जात-धर्म/सम्मान” को ठेस पहुंचाई है, जैसे कि किसी के चुने हुए साथी से विवाह करना जो जात-धर्म, गोत्र, सामाजिक स्थिति आदि के अनुसार स्वीकार्य न हो। प्रेम विवाह, अज्ञात विवाह, अंतरजातीय या अंतरधार्मिक विवाह करना। पारंपरिक विवाह प्रथाओं या विवाह प्रस्ताव को अस्वीकार करना। और अपराधी यह सोचकर कि “इज्ज़त” वापस पायी जाए, हत्या या मार‐पीट आदि करते हैं।

Honour Killing के मामले भारत की जड़ों में मौजूद

Honour killings अभी भी भारत में मौजूद है, क्योंकि सामाजिक संरचना, परंपराएं, जाति-पात, पितृसत्ता और सामाजिक दबाव बहुत मजबूत हैं।
जात-पात व्यवस्था (Caste System)– भारत में जाति एक गहरी सामाजिक सचाई है। कई समुदायों में यह मान्यता है कि अपने जात-धर्म, गोत्र, सामाजिक स्थिति को “मिश्रित” विवाहों से “शुद्धता” पर खतरा होता है। पारंपरिक नियम कहते हैं कि विवाह अपनी जाति के भीतर होना चाहिए।
पितृसत्ता व्यवस्था (Patriarchy)– परिवार में पुरुषों की भूमिका अक्सर निर्णयकर्ता की होती है। महिलाओं की आज़ादी सीमित होती है। जब कोई महिला अपनी मर्जी से विवाह करना चाहती है, या सामाजिक “नियम” तोड़ती है, तो यह बलपूर्वक रोका जाता है, और कभी-कभी हिंसा की हद तक जा जाता है। समुदाय और सामाजिक दबाव- कभी-कभी गांवों में खाप पंचायतों जैसी गैर-अधिकारिक संस्थाएं होती हैं जो सामूहिक दबाव डालती हैं कि “परिवार की इज्ज़त” बनी रहे। समाज का डर और बदनाम होने का डर कई परिवारों को ऐसी हिंसा की ओर ले जाता है।
कानूनी एवं पुलिस-प्रणाली की कमज़ोरी– अक्सर मामले दर्ज नहीं होते, अभियोजन धीमी होती है, सबूत इकट्ठे करना मुश्किल होता है। भय-भित माहौल और सामाजिक समर्थन से अपराधियों को लगता है कि वे बच निकलेंगे।
शिक्षा, आर्थिक स्थिति और जागरुकता की कमी– जहां शिक्षा कम है, सामाजिक रूढ़िवाद और परंपराएं अधिक पैनी होती हैं। आर्थिक स्थिति कमजोर हो तो लोगों के लिए बदलाव करना कठिन होता है।
ग्लोबलाइजेशन और सामाजिक बदलावों से विरोध– आधुनिकता, मीडिया, सोशल मीडिया, ज्यादा शिक्षा से लोगों में अधिकारों की समझ बढ़ रही है, लेकिन ये बदलाव उन समुदायों में संघर्ष उत्पन्न करते हैं जहां परंपराएं गहरी हैं। बदलाव को स्वीकार न कर पाने से संघर्ष और हिंसा होती है।

भारत में Honour Killing मामलों के उपलब्ध आंकड़े

 

घटनाओं की संख्या / विवरण
2023 में Honour Killing के मामले
38 मामले- भारत में पिछले छह वर्षों में सर्वाधिक।
राज्यवार प्रवृत्ति2023
झारखंड में सबसे ज़्यादा (9), उसके बाद हरियाणा (6), मध्य प्रदेश व पंजाब  में-5-5, यूपी, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक आदि में कुल मिलाकर   लगभग 58 प्रतिशत मामले रिपोर्ट हुए
2017-2019 केबीच
भारत में कुल 145 Honour Killing की घटनाएं, इनमें 50 झारखंड में, महाराष्ट्र में 19, उत्तर प्रदेश में 14, कुछ अन्य राज्यों से भी
2014-2015 काडेटा
2014 में 251 मामलों की जानकारी सामने आई थी, 2015 में भी रिपोर्ट किए गए।

देश में Honour Killing के ख़िलाफ़ सख्त क़ानून की कमी

भारत में Honour Killing (इज़्ज़त के नाम पर हत्या) के खिलाफ कोई अलग से विशेष कानून अभी तक नहीं है, लेकिन ऐसी हत्याएं पहले से मौजूद आपराधिक कानूनों (Indian Penal Code- IPC) के अंतर्गत हत्या, आपराधिक साजिश और उकसावे जैसे अपराधों के रूप में दंडनीय हैं। फिर भी, अदालतों और सरकार ने इस विषय पर कई दिशा-निर्देश और सख्त कानूनी रुख अपनाया है।

मौजूदा कानूनी प्रावधान (Existing Legal Provisions)

 

धाराएँ / कानून
क्या कहती हैं
सजा
IPC धारा 302
हत्या (murder) के लिए-किसी भी व्यक्ति को जानबूझकर मारने पर
मृत्युदंड या आजीवनकारावास
IPC धारा 307
हत्या का प्रयास
10 वर्ष तक कारावास याआजीवन
IPC धारा 120-B
आपराधिक साजिश (Criminal Conspiracy)
साजिश के समान सजा
IPC धारा 34 / 149
सामूहिक अपराध या भीड़ द्वारा की गई हत्या पर लागू
सामूहिक जिम्मेदारी
IPC धारा 107-109
उकसावे या सहायता करने वालों पर कार्रवाई
मुख्य अपराध जितनी सजा
Criminal Procedure Code (CrPC)
पुलिस जांच, गिरफ्तारी, साक्ष्य संरक्षण और ट्रायल की प्रक्रियातय करती है
यानी अगर कोई परिवार या पंचायत किसी जोड़े की हत्या “इज़्ज़त” के नाम पर करती है, तो यह सीधा 302 IPC (हत्या) का मामला होता है, और उस पर आजीवन कारावास या फांसी तक की सजा हो सकती है।

सर्वोच्च न्यायालय के महत्वपूर्ण निर्णय

 Shakti Vahini v. Union of India (2018)– यह सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला है जिसमें Honour Killing और खाप पंचायतों पर सख्त टिप्पणी की गई।
खाप पंचायतों या किसी भी सामुदायिक समूह को यह अधिकार नहीं कि वे वयस्क जोड़ों के विवाह में दखल दें।
किसी भी व्यक्ति को अपनी पसंद से विवाह करने का संवैधानिक अधिकार (Article 19 और 21) है। राज्यों को निर्देश दिया गया कि वे प्रिवेंटिव उपाय (Preventive Steps) लें, जैसे पुलिस सुरक्षा देना। प्रोटेक्शन सेल और सेफ हाउस बनाएं। ऐसी पंचायतों या अपराधियों पर सख्त आपराधिक कार्रवाई करें। कोर्ट ने यह भी कहा कि “सामाजिक इज़्ज़त” के नाम पर हत्या संपूर्ण रूप से असंवैधानिक और आपराधिक है।

प्रस्तावित विशेष कानून (Proposed Special Law)

कई बार संसद में यह मांग उठी कि Honour Killing के लिए अलग कानून बने, ताकि इसे स्पष्ट रूप से परिभाषित कर सजा और तेज़ ट्रायल तय हो सके। Law Commission of India (2012, Report No. 242) ने “Prevention of Crimes in the Name of Honour & Tradition Bill, 2010” का मसौदा सुझाया था। इसका उद्देश्य था- ‘किसी की पसंद की शादी के कारण हिंसा करने पर’अलग दंड लागू हो।लेकिन यह अभी तक संसद में पारित नहीं हुआ है। कुछ राज्य जैसे हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश आदि ने अपने-स्तर पर Honour Killing Prevention Cells बनाई हैं।

पुलिस और प्रशासन के लिए न्यायालयीय दिशानिर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को आदेश दिया कि वे हर जिले में SP स्तर का नोडल अधिकारी नियुक्त करें, जो ऐसे मामलों पर निगरानी रखे। सेफ हाउस (Safe Houses) बनाएं जहां खतरे में पड़े जोड़े अस्थायी रूप से रह सकें। हेल्पलाइन और प्रोटेक्शन सेल्स बनाएं। विवाह से पहले यदि खतरे की सूचना मिले तो तत्काल पुलिस सुरक्षा दी जाए।

Honour Killing मामलों में प्रमुख सरकारी कदम

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने One Stop Centres और 181 हेल्पलाइन शुरू की हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को “सुरक्षा गाइडलाइन” जारी की है। कई राज्यों में “Honour Killing Prevention Cells” और “Special Investigation Teams (SITs)” गठित की गई हैं। भारत में honour killing के लिए अलग से कानून अभी नहीं है, परन्तु हत्या, साजिश, और उकसावे के मौजूदा प्रावधानों के तहत कड़ी सजा दी जाती है। साथ ही, सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के कारण यह अपराध अब “सामाजिक रिवाज” नहीं बल्कि कठोर अपराध माना जाता है।
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