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March 10, 2025

Sleep Divorce: एक ही छत के नीचे रहकर भी कपल्स क्यों ले रहे स्लीप डिवोर्स

Sleep Divorce: आज के समय में स्लीप डिवोर्स का ट्रेंड काफी तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन आखिर क्या बला है ये Sleep Divorce? आज के समय में नींद न आने की समस्या एक काफी आम समस्या बन गयी है। दुनिया की एक बड़ी आबादी ऐसी है जो रात को नींद न आने की वजह से परेशान हैं। जब आप दिनभर ऑफिस में अपने कामों को करने के बाद रात को घर आते हैं और आपको अच्छी तरह से नींद नहीं आती है तो यह चिड़चिड़ाहट का भी कारण बनता है। खासकर कपल्स में नींद न आने की समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। कई बार एक पार्टनर में कुछ ऐसी आदतें होती हैं जिस वजह से दूसरे पार्टनर को नींद आने में काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी समस्या को देखते हुए Sleep Divorce के कांसेप्ट को पेश किया गया है। आज के समय में अगर देखा जाए तो यह कांसेप्ट दुनियाभर में काफी तेजी से ट्रेंड कर रहा है। इस कांसेप्ट में कपल्स एक तरह से तलाक तो ले लेते हैं लेकिन रहते एक ही छत के नीचे हैं। स्लीप डिवोर्स में कपल्स अपने जीवन को बेहतर बनाने पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित रखते हैं।

क्या है Sleep Divorce का कांसेप्ट

Sleep Divorce का कांसेप्ट समझने में बहुत ही आसान है। स्लीप डिवोर्स में कपल्स एक अच्छी और बेहतर क्वालिटी वाली नींद पाने के लिए रात के समय अलग-अलग कमरों में और अलग-अलग बिस्तर पर सोते हैं। आज के समय में अगर देखा जाए तो इस कांसेप्ट को सिर्फ युवा लोग ही नहीं बल्कि बुजुर्ग लोग भी आगे बढ़कर अपना रहे हैं। आजकल की दौड़ती-भागती ज़िंदगी, Pear Pressure भरी Corporate Life और Branded सपनों के बीच एक सुकून भरी नींद की हर किसी को ज़रूरत है। ऐसे में रात में अगर नींद आसपास भी ना फटके, तो दिन बर्बाद होना निश्चित है। Sleep Divorce का मतलब ये कतई नहीं है, कि रिश्ता टूट गया है या फिर खराब हो गया है। स्लीप डिवोर्स में कपल्स रात को साथ ना सोकर अलग अलग सोते हैं ताकि नींद Disturb ना हो। यह कांसेप्ट सिर्फ उन लोगों के लिए काम की चीज़ है जो बिना किसी Disturbance के रात को चैन से कुछ घंटों तक सोना चाहते हैं।

Sleep Divorce क्यों लेते हैं कपल्स

कई बार कपल्स अलग-अलग Work Culture के चलते अलग-अलग Sleep Patterns को फॉलो करते हैं। आजकल Multi National Companies (MNC) में काम करने वाले लोग विदेशों के वर्क टाइमिंग्स के हिसाब से रात में काम करते हैं। एक पार्टनर जल्दी सोकर सुबह जल्दी उठ जाता है तो वहीं, दूसरा पार्टनर रात को देर से सोकर सुबह देर से सोकर उठता है। वहीं, कई बार एक पार्टनर को रात में हलचल करने की या फिर हिलने-डुलने की आदत होती है जिस वजह से दूसरे पार्टनर को नींद नहीं आती। ऐसे में जब पार्टनर्स Sleep Divorce का रास्ता अपनाते हैं तो अलग-अलग कमरों में अलग-अलग सोकर सुकून की नींद ले पाते हैं। अगर एक पार्टनर रात को सोते समय खर्राटे लेता है या फिर लाइट जलाकर सोता है तो ऐसे में भी पार्टनर्स स्लीप डिवोर्स का कांसेप्ट अपनाते हैं।

क्या है स्लीप डिवोर्स के फायदे

Sleep Divorce के कांसेप्ट को अपनाने से आपकी नींद पूरी होती है और नींद की क्वालिटी भी बेहतर होती है। ऐसा होने की वजह से आप मेंटली और फिजिकली मजबूत बनते जाते हैं। स्लीप डिवोर्स का एक फायदा यह भी है कि इससे दोनों ही पार्टनर्स को पर्सनल स्पेस मिल पाता है। हालांकि हमारी भारतीय परंपरा शायद इसके ख़िलाफ़ हो सकती है, लेकिन बदलते समय के साथ वक्त का यही तक़ाज़ा है कि पहले ख़ुद के बारे में सोचें। ख़ुद को ख़ुश रखेंगे, तभी दूसरों को ख़ुशी दे पाएंगे।

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