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June 6, 2025

क्या आपने कभी देखा है सिंदूर का पौधा, जिसे PM मोदी ने अपने आवास पर लगाया

05 जून 2025 को देशभर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस खास मौके पर PM मोदी ने अपने घर 7, लोक कल्याण मार्ग, दिल्ली पर एक सिंदूर का पौधा लगाया। दरअसल, हाल ही में कच्छ की अपनी यात्रा के दौरान 1971 के युद्ध में उल्लेखनीय साहस दिखाने वाली महिलाओं के एक समूह ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के प्रतीक के रूप में उन्हें सिंदूर के पौधे भेंट किए। प्रधानमंत्री मोदी इस भाव से अभिभूत हो गए और उन्होंने कहा कि वह अपने आवास पर उस पौधे को लगाएंगे। क्या आपने कभी सुना है सिंदूर के पौधे के बारे में!

Kamila Tree या Bixa Orellano 

सिंदूर का पौधा शक्ति और शुभ का प्रतीक माना जाता है और मंदिरों में लगाया जाता है। यह पौधा पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होता है। इसकी देखभाल आसान होती है। सिंदूर के पौधे में लाल रंग के फूल आते हैं।
सिंदूर के पौधे का वैज्ञानिक या बोटैनिकल नाम-बिक्सा ओरेलाना (Bixa Orellano) है और इसे संस्कृत में ‘सिंदूरी’ के नाम से भी जाना जाता है। ये बक्सेसी परिवार की प्रजाति है। ये पेड़ दक्षिण अमेरिका और एशिया के कुछ हिस्सों में उगाया जाता है। भारत में भी ये महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में पाया जाता है, जो एक औषधीय और रंग देने वाला पौधा है। इस पौधे को अंग्रेजी में Kamila Tree या Kumkum Tree कहा जाता है। इसे आम बोलचाल में ‘सिंदूरी’ ‘लाट दुर्गा’ या ‘अन्नाटो’ भी कहा जाता है। इसमें लाल फल लगते हैं, जिनका पाउडर और तरल रूप में सिंदूर या लिपस्टिक बनाने, खाद्य रंग बनाने और सौंदर्य प्रसाधन बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।

इस तरह बनता है सिंदूर

Kamila के पेड़ के फल से जो बीज निकलते हैं उन्हें पीसकर सिंदूर बनाया जाता है। क्योंकि यह बिल्कुल नेचुरल होता है, इससे कोई नुकसान भी नही होता। कमीला के पेड़ पर फल गुच्छों  में लगते हैं जो शुरू में हरे रंग का होता है, लेकिन बाद में यह फल लाल रंग में बदल जाता है। उन फल के अंदर ही सिंदूर होता है जो छोटे-छोटे दानों के आकार में होता है, जिसे पीसकर बिना किसी दूसरी चीजों की मिलावट किए सीधे तौर पर प्रयोग में लाया जा सकता है।

प्राकृतिक गुणों से भरपूर है ये पौधा

सिंदूर का पौधा बहुत तरह से लाभकारी हो सकता है। इसमें Antibiotics और Antiseptic तत्व पाए जाते हैं। इसका इस्तेमाल त्वचा रोग, बुखार और उच्च रक्तचाप में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा आयुर्वेद में इसका उपयोग पाचन और त्वचा विकारों में किया जाता है। इसे लिपस्टिक, हेयर डाई नेल पॉलिश जैसे कई चीजों में इस्तेमाल किया जाता है। व्यावसायिक तौर पर रेड इंक बनाना, पेंट के लिए इस्तेमाल करना, साबुन के लिए इस्तेमाल करना भी शामिल है। रेड डाई का इस्तेमाल जहां-जहां हो सकता है वहां इस पौधे का इस्तेमाल किया जाता है। सिंदूर के पौधे का उपयोग विवाह या धार्मिक अवसरों पर सिंदूर के रूप में किया जाता है और उपचार के पारंपरिक आदिवासी तरीकों में भी इस्तेमाल किया जाता है।

कैसे पहचानें सिंदूर के पौधे को

सिंदूर का पौधा आसानी से नहीं देखने को मिलता, इसके एक पौधे से एक बार में एक या डेढ़ किलो तक सिंदूर फल निकल सकता है, और इसकी कीमत ₹400 प्रति किलो से ज्यादा होती है। कमीला का पेड़ 20 से 25 फीट तक ऊंचा होता है यानी अमरूद के पेड़ जितना ही। इसके पेड़ का भी फैलाव होता है।
सिंदूर का पौधा एक मध्यम आकार का सदाबहार झाड़ी या पेड़ है। इसकी ऊंचाई लगभग 3 से 6 मीटर होती है। पत्ते दिल के आकार के, हरे और चमकदार होते हैं। फूल गुलाबी या बैंगनी रंग के होते हैं। फल हरे रंग के होते हैं, जो पकने पर लाल-भूरे रंग के हो जाते हैं और फूट जाते हैं। बीजों पर एक मोटा लाल आवरण होता है – इसे सिंदूर कहते हैं। इस पौधे के बीजों से प्राप्त रंग “एनाट्टो” पूरी दुनिया में प्राकृतिक रंग के रूप में प्रसिद्ध है। यह सिंथेटिक रंगों का एक स्वस्थ विकल्प है।

कैसे लगाएं कुमकुम का पौधा

सिंदूर का पौधा उगाने के दो तरीके हो सकते हैं। इसे बीज की मदद से लगाया जा सकता है और दूसरा, इसके तैयार पौधे को कलम की मदद से लगाया जा सकता है। सिंदूर का पौधा घर में आसानी से नहीं उग सकता क्योंकि इसके लिए एक अलग तरह की जलवायु चाहिए होती है। अगर आप इसके पौधे को ज्यादा पानी या खाद दे देते हैं तो यह पौधा मर जाएगा और अगर कम दिया तो इसमें फल नहीं आएंगे।

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