Shivsena Reward for Information of Pahalgam Attackers: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों की तलाश में अब महाराष्ट्र से भी आवाज़ उठने लगी है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए इन आतंकियों की पहचान में मददगार सूचना देने वालों को 10 लाख रुपए इनाम देने की घोषणा की है। शिवसेना (शिंदे गुट) की ओर से यह ऐलान किया गया। पार्टी ने तीन मोबाइल नंबर जारी करते हुए जनता से अपील की है कि अगर किसी के पास इन आतंकियों से जुड़ी कोई सूचना हो, तो वह तत्काल जानकारी साझा करे। सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
घोषित किए गए नंबर:
📞 84918 71834
📞 96784 02772
📞 74084 25711
शिवसेना के नेता राहुल कनन ने कहा कि यह इनाम राष्ट्रभक्ति की भावना से प्रेरित होकर घोषित किया गया है और हम आतंक के खिलाफ खड़े हैं।
पहले ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने घोषित किया था 60 लाख का इनाम
इससे पहले Jammu and Kashmir Police ने पहलगाम हमले में शामिल तीन Lashkar-e-Toiba Terrorists की सूचना पर 60 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। पुलिस के अनुसार, तीनों आतंकियों पर अलग-अलग 20 लाख रुपए का इनाम रखा गया है। ये आतंकी पहलगाम में आम नागरिकों की हत्या में शामिल रहे हैं और इनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
जानिए क्या हुआ था पहलगाम में
पहलगाम में कुछ दिन हुए आतंकी हमले में निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया गया था। जांच में सामने आया है कि हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकियों का हाथ है। सुरक्षा बल इन आतंकियों की धरपकड़ के लिए इलाके में सघन अभियान चला रहे हैं। शिवसेना और पुलिस, दोनों ही नागरिकों से अपील कर रहे हैं कि यदि उनके पास इन आतंकियों के बारे में कोई भी जानकारी है, तो वह बिना किसी झिझक के साझा करें। सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह से गुप्त रखी जाएगी और उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
आतंक के खिलाफ एकजुटता जरूरी
शिवसेना की यह पहल दिखाती है कि अब आतंकवाद के खिलाफ केवल सुरक्षा एजेंसियां ही नहीं, बल्कि आम जनता और राजनीतिक दल भी मिलकर खड़े हो रहे हैं। एकनाथ शिंदे की पार्टी द्वारा घोषित इनाम का मकसद सिर्फ आतंकियों की पहचान कराना नहीं, बल्कि पूरे देश में Terrorism Ke Khilaf Ekta का संदेश फैलाना है। पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों को सजा दिलाने के लिए सरकार और राजनीतिक दल दोनों सक्रिय हो चुके हैं। शिवसेना की यह घोषणा आतंक के खिलाफ एकजुटता का प्रतीक है। अब ज़रूरत है कि आम जनता भी जागरूक बने और राष्ट्रविरोधी ताकतों के खिलाफ मिलकर खड़ी हो।