अमेरिका की फ़िर सामने आई शर्मनाक हरकत! 30 साल से अमेरिका में रह रही ‘पंजाबी दादी’ को बेड़ियों में भेजा भारत! अमेरिका के इस अमानविय व्यवहार पर मचा बवाल ! अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्ट का सिलसिला अभी थमा नहीं है। इसी साल फरवरी में सै कड़ों अवैध प्रवासी पंजाबियों को US से भारत भेजा गया था।
भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार का सिलसिला ज़ारी
अमेरिका से डिपोर्ट का सिलसिला अभी थमा नहीं है। इसी साल फरवरी में सैकड़ों अवैध प्रवासी पंजाबियों को US से भारत डिपोर्ट किया गया था। अब अमेरिका की एक और शर्मनाक हरकत सामने आई है, जिसमें पंजाब की रहने वाली 73 वर्षीय हरजीत कौर को अमेरिका ने 34 साल बाद बेदखल कर दिया और उन्हें बेड़ियों मे बांधकर भारत भेजा। अप्रवासी भारतीय अधिकारों से जुड़े संगठनों ने इसे बेहद क्रूर, अमानवीय और अनावश्यक कदम बताया है। इसके विरोध में अमेरिका के कुछ नेता और संगठनों ने अमेरिका के कैलिफोर्निया में विरोध प्रदर्शन किया। लोग हाथों में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जिन पर लिखा था- हमारी दादी से हाथ हटाओ और हरजीत कौर यहीं की हैं।
23 सितंबर को चार्टर्ड विमान से दिल्ली लाई गईं
हरजीत कौर 23 सितंबर को अमेरिका की आव्रजन एजेंसी ICE (Immigration and Customs Enforcement) द्वारा एक चार्टर्ड विमान से दिल्ली लाई गईं। उनके वकील दीपक अहलूवालिया के अनुसार, रविवार की रात उन्हें अचानक कैलिफोर्निया के बेकर्सफील्ड से लॉस एंजिल्स ले जाया गया। वहां से उन्हें जॉर्जिया शिफ्ट किया गया और फिर सीधे भारत भेज दिया गया। इस दौरान उनके साथ बेहद कठोर व्यवहार हुआ। उन्हें बेड़ियां पहनाई गईं, कंक्रीट के छोटे-छोटे कमरों (कोठरियों) में रखा गया और कई बार बुनियादी ज़रूरतें तक नहीं दी गईं।
बेड़ियों में बांधकर भेजना अमानवीय-अहलूवालिया
वकील अहलूवालिया ने कहा कि निर्वासन की प्रक्रिया इतनी जल्दबाज़ी में हुई कि हरजीत कौर को अपने परिवार से मिलने, अलविदा कहने या अपना निजी सामान लेने की अनुमति तक नहीं दी गई। उन्होंने इसे पूरी तरह अमानवीय और संवेदनहीन कदम बताया। हरजीत कौर की उम्र 73 साल है। वह विधवा हैं और बीपी और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रही हैं। सिख कोलिशन ने इस निर्वासन को “अस्वीकार्य से भी परे” करार दिया। उनका कहना है कि इतनी उम्रदराज़ महिला, जिनका स्वास्थ्य पहले ही कमजोर है, को इस तरह बेड़ियों में बांधकर भेजना न सिर्फ़ अमानवीय है बल्कि मानवीय अधिकारों का उल्लंघन भी है।
डोनाल्ड ट्रंप ने निकाला अप्रवासी भारतीयों को
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। 20 जनवरी 2025 को शपथ लेने के बाद ट्रंप प्रशासन ने अब तक 2400 से ज्यादा भारतीयों को अमेरिका से बाहर निकाल दिया है। विदेश मंत्रालय के अनुसार इनमें 73 वर्षीय हरजीत कौर भी शामिल हैं जो 30 साल से अमेरिका में रह रही थीं। पिछले साल के आखिर में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हुए, जिसमें डोनल्ड ट्रंप को दोबारा सत्ता संभालने का मौका मिला। नए साल की शुरुआत अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह से हुई। 20 जनवरी 2025 को ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ ली और अवैध अप्रवासियों को खदेड़ने का एलान कर दिया। हजारों की संख्या में अप्रवासियों को बेहद अमानवीय तरीके से अमेरिका से बाहर निकाला जा रहा है। उनके हाथ-पैर बांधकर अमेरिकी विमानों में भरकर उन्हें उनके देश पहुंचाया जा रहा है। इसी कड़ी में अब तक अमेरिका 2400 से ज्यादा भारतीयों को भी देश से निकाल चुका है।
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को यह आंकड़े साझा किए हैं, जिसके अनुसार अमेरिका ने अब तक ढाई हजार के आसपास भारतीयों को बाहर का रास्ता दिखाया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के अनुसार, 20 जनवरी 2025 के बाद से अमेरिकी प्रशासन ने हरजीत कौर समेत 2,417 भारतीयों को वापस अपने देश भेजा है। विदेश मंत्रालय का कहना है, “जब भी कोई भारतीय बिना दस्तावेज के विदेश में जाकर रहता है, तो उसकी नागरिकता की जांच होती है और फिर भारत उन्हें स्वीकार करता है। हम प्रवासियों के लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाते हैं। भारत अवैध प्रवासन के खिलाफ भी डटकर खड़ा है।”
कौन हैं हरजीत कौर
हरजीत कौर 1992 में अपने दो बेटों के साथ अकेली मां के रूप में अमेरिका पहुंची थीं, उन्होंने लंबे समय तक कैलिफोर्निया के ईस्ट बे इलाके में रहकर अपना जीवन बिताया और एक भारतीय परिधान स्टोर में काम किया। उनकी पोती सुखदीप कौर ने उन्हें निस्वार्थ और मेहनती महिला बताया, जो US में सिख समुदाय के लिए मां जैसी हैं। हरजीत कौर कई बार अमेरिका से शरण मांग चुकी हैं। हरजीत कौर 2012 से ही शरण का दर्जा पाने के लिए संघर्ष कर रही थीं, हालांकि उनका आवेदन खारिज हो गया था, लेकिन वह लगातार हर छह महीने में सैन फ्रांसिस्को स्थित आव्रजन कार्यालय में रिपोर्ट करती रहीं, उन्हें यह आश्वासन भी दिया गया था कि जब तक उनके यात्रा दस्तावेज पूरे नहीं हो जाते, तब तक वह निगरानी में अमेरिका में रह सकती हैं। लेकिन इसी बीच नियमित जांच के दौरान आईसीई अधिकारियों ने अचानक उन्हें हिरासत में ले लिया और फिर बेकर्सफील्ड से लॉस एंजिल्स वहां से जॉर्जिया और फिर दिल्ली भेज दिया।
बिना किसी पूर्व सूचना के दे दिया देश निकाला
हरजीत कौर के परिवार का कहना है कि न तो उन्हें पहले सूचना दी गई और न ही रिश्तेदारों से अंतिम विदाई का मौका मिला। हालांकि, हर बार उनका आवेदन रद कर दिया गया। अमेरिकी पुलिस ने उन्हें 8 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया, जिसके खिलाफ अमेरिका की सड़कों पर भारी भीड़ उतर आई और उन्हें छोड़ने की मांग उठने लगी। मगर, अमेरिकी प्रशासन ने अब उन्हें भारत वापस भेज दिया है।
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